शब्द
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मेरा शब्दों से रिश्ता,
मानो रेगिस्तान में बाढ़।
बड़ा ही पक्का रिश्ता है
मेरा शब्दों से,
मेरे जज़्बातों को पन्नों पे
बिखेर जाता है,
मेरी सोच को कविता के
रूप में सजाता है,
यदि कोई ग़म हो तो
शायरी में निखर आता है,
बचपन की याद आये
तो कहानी बन जाता है,
प्रेमी का खयाल आये
तो खत पे उतर जाता है,
भले सुख हो या दुख ये
सूने पन्नों को सजता है,
यह शब्द हीं तो है
जो मेरे जिंदगी में रंग लाता है।
