आशा का परचम लहरा
आशा का परचम लहरा
कल का कर्म, आज का फल,
कर्म फल से तू ना घबरा।
सफलता पा जाएगा प्यारे,
आशा का परचम लहरा।।
हार ना मान किसी भी प्रकार,
लगा अपनी मेहनत को धार।
निराशा को पास ना आने दे,
आत्मविश्वास से मन रख भरा।।
सफलता पा जाएगा प्यारे,
आशा का परचम लहरा।।
ऊपर नीचे होता, ये जीवन का झूला।
कभी फूले-फले, कभी रह जाता सूखा।
समय ही खोलता प्रतिदिन,
राज हर गहरा।
सफलता पा जाएगा प्यारे,
आशा का परचम लहरा।।
चलती हवायें सदा ही,
सविरोध चलती जाएँ ।
बहती नदियाँ बाधाओं से,
लड़ना हमें सिखलाएं।
चलता जल अमृत सम,
सड़ जाए पानी ठहरा।।
सफलता पा जाएगा प्यारे,
आशा का परचम लहरा।।