आखिरी सलाम...
आखिरी सलाम...
गाँव से आयी ठंडी हवा पूछे, किधर चले
देश के लिए जियें, देश के लिए मर चले
हमारे लिये मातम ना मनाना ऐ दोस्तों
हम से जो भी हुआ वो हम कर चले
सरहद के अंदर भी कई दुश्मन है हमारे
रहने दो, उनके रहने से हम क्यों डर चले?
कोई उंगली उठाता है हमपर तो उठाने दो
उनके कहने से, क्या हम सचमुच हार चले?
देखना लहरायेगा युग युग तक ये तिरंगा
ये दुनिया आयेगी उधर, हम जिधर चले
भारत माँ का ख्याल रखना देशवासियों
ऐ दोस्तों आखिरी सलाम हम कर चले