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Jayesh Mestry

Romance

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Jayesh Mestry

Romance

तू ख्वाब हैं या वहम

तू ख्वाब हैं या वहम

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तू ख्वाब हैं या वहम

बता जरा ऐ बेरहम।


छुपी हैं तू कहाँ आसमां में

धड़कती हैं क्यों धड़कनों में।

तू आसमां का परदा हटाके,

मेरे जिंदगी में आ जाओ ना।


मैं दुनिया की रस्में भुला के,

तेरे अंग रुह में छा जाऊंगा।

उलझी जिंदगी को सुलझा दे,

कर दे मुझ पर रहम।


तू ख्वाब हैं या वहम

बता जरा ऐ बेरहम।


रात-रात भर बस ये सोचता हूँ

तुम कैसी दिखती हो, सोचता हूँ।

परियों की तरह, 

या कलियो की तरह।


नाजुक अंग हो,

तितलियों की तरह।

चाल ऐसी हो, 

झरने की तरह।


बोले ऐसे हाय कोई

तार छेड़ दे।

मुसकुराये जो तू,

गम रुख मोड़ दे।


तुम भी मेरे बारे,

ऐसे सोचती हो क्या ?

मै तड़पता यहाँ,

तुम भी तड़पती हो क्या ?


हटा दे परदा और

बना दे बिगड़े हर कर्म।

तू ख्वाब हैं या वहम

बता जरा ऐ बेरहम।


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