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आखिर क्यों ?

आखिर क्यों ?

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जीवन भले ही कितना तड़पा रहा हो

हर जीवन का एक उद्देश्य होना चाहिए

पहली बार माँ की उँगली थामकर चलने से लेकर

आखिर बार सबकी आशा बनने का

सफर स्वप्न होना चाहिए

कोई डॉक्टर तो कोई इंजीनियर सबने कहा

कि एक न एक जीवन जीने का ज़रिया होना चाहिए

आज बीस साल की हो गई हूँ

समझ ही नही आता

कि क्यूँ एक सपना

सिर्फ किताबी होना चाहिए ?



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