Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Archana kochar Sugandha

Inspirational

2  

Archana kochar Sugandha

Inspirational

आखिर कब आओगे

आखिर कब आओगे

1 min
372


एक पाती सैनिक और उसकी

पत्नी की अधूरी दास्तान

आखिर कब आओगे? 


अधूरी है अधरों की प्यास

पी मिलन की आस।

आखिर कब आओगे।


बीत चुका है अँधड़ों का

उत्पात

शुरू हो चुकी है सावन

की रिमझिम बरसात

आखिर कब।


पी बसत हो दूर-सुदूर

तुम बिन सूना मांग का सिंदूर

आखिर कब।


अधूरी हैं बातें, अधूरी रातें

अधूरी ही रह गई मिलन की

दो चार मुलाकातें 

आखिर कब।


पिया भेजो हो पैगाम

मैं तो सीमा का जवान

आखिर कब।


भूला मैं परिवार,

माँ-बाप भगवान 

प्रेयसी के आलिंगन में

समाया जहान

आखिर कब।


वतन का मैं पूत, इसकी

रक्षा का जिम्मा उठाया है

मंगलसूत्र, सिंदूर, टीका

सब इसी की मांग में

सजाया है

आखिर कब।


तुम हो मेरे बिन, घर

की फौलाद

न करो मनुहार,

बार-बार फरियाद

आखिर कब।


नज़ाकत भरी अदाओं से

लुभाया न करो

कठिन डगर में लक्ष्य से

भटकाया न करो

आखिर कब।


न कोई चिट्ठी, न कोई संदेश

दुर्लभ क्षेत्र में मिला माँ की

रक्षा का आदेश

आखिर कब।


तिरंगे में लिपटे, पिया का जी

भर के कर लो दीदार

खत्म हुआ पी मिलन का

लंबा इंतजार

आखिर कब।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational