आजकल
आजकल
अक्सर खफ़ा खफा से रहने
लगे हो तुम मुझसे आजकल
कुछ बात तो है दिल में कोई
बस गया है क्या आजकल
इल्जाम है मुझपर कि तुम्हारा
नाम भूल जाती हूं अक्सर
तुम भी तो चेहरा देखकर मेरा
नज़रे फेर लेते हो अक्सर
किस्मत का हवाला देकर तुम
छुटकारा पाना चाहते हों मुझसे
अरे! हंस के ही बोल दो एकबार
"नहीं चाहता हूं मैं "तुमको
हम भी अपने प्यार को नादानी
मान कर रास्ते अलग कर देते।।