आजकल
आजकल
आजकल हम महिलाएं पुरुष सी बन रही हैं
अपनी कमनीयता को छोड़ कर हम
कठोर ओर मजबूत होती जा रही हैं
हम रात में घबराती नहीं बल्कि हिम्मत रखती हैं
हम अब बात बात में आंसू बहाती नहीं
माँ पिता के नाम को ऊंचा कर रही हैं ।
आजकल हम महिलाएं पुरुष सी बन रही हैं ।।
काम कर पैसा भी कमाती हैं ओर साथ साथ
हर रिश्ते को भी ईमानदारी से निभाती हैं
आधुनिक परिधान भी हमको भाता हैं
साड़ी में भी हम खूब जमती हैं ओऱ
घर परिवार की मर्यादा का भी पूरा पूरा
खयाल हम करती हैं पल पल
आजकल हम महिलाएं पुरुष सी बन रही हैं ।
हम बखूबी घर के कामों को भी निपटाती
ओर बच्चो के प्रोजेक्ट होमवर्क भी कराती हैं
अब नौकरी करने भी जाती हैं और साथ में
घर का सामान ओर साग सब्जी भी लाती हैं
घर ओर आफिस के पाटो में पिस रही हैं
फिर भी हम किसी से कम नही मानती हैं
आजकल हम महिलाएं पुरुष सी बन रही हैं ।
हम सब समझ जाती हैं औऱ सब जानते हुए भी
अक्सर चुप रह जाती हैं सब्र का घूट पीकर भी
आंखो से ही पता लगाना अभी तक भूली नहीं
हम मजबूत इरादें रखती हैं कभी डरती नहीं
हम आज की नारी हैं सब कुछ कर सकती हैं
पुरुषों के संग चल रही हैं कदम से कदम मिलाकर
आजकल हम महिलाएं पुरुष सी बन रही हैं ।