आजा सजना
आजा सजना
आ गई रे ऋतु वसंती
चहूं ओर छाई हरियाली
महक रहे हैैं गुलाब यहां
गमके है बौराया महुआ
पीहू-पीहू बोले पपीहरा।
आजा-आजा रे ओ सैंया
बादल ना बरसे तेरे बिना
बिन तेरे लागे ना मनवा
आजा-आजा रे सजना
पीहू-पीहू बोले पपीहरा।
मनमोहक फूल खिले हैं
गुंजार कर रहे हैं भंवरे
गीत गा रहे हैं झींगुर
चहचहाती चिड़ियां कहे
पीहू-पीहू बोले पपीहरा।

