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Krishna Khatri

Romance

3  

Krishna Khatri

Romance

आजा सजना

आजा सजना

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आ गई रे ऋतु वसंती  

चहूं ओर छाई हरियाली 

महक रहे हैैं गुलाब यहां 

गमके है बौराया महुआ 

पीहू-पीहू बोले पपीहरा।


आजा-आजा रे ओ सैंया 

बादल ना बरसे तेरे बिना

बिन तेरे लागे ना मनवा

आजा-आजा रे सजना

पीहू-पीहू बोले पपीहरा।


मनमोहक फूल खिले हैं 

गुंजार कर रहे हैं भंवरे 

गीत गा रहे हैं झींगुर

चहचहाती चिड़ियां कहे

पीहू-पीहू बोले पपीहरा।


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