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नीरजा मेहता

Romance

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नीरजा मेहता

Romance

"आज थामा है तुमने हाथ मेरा....

"आज थामा है तुमने हाथ मेरा....

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बदल गयीं

हाथ की लकीरें मेरी

मिला जो स्पर्श

उंगलियों का तेरी,

बंद पलकों में ख़्वाब 

यूँ सजने लगे

तस्वीर से दिल में

बसने लगे,

एक अरसे से था

इंतज़ार तेरा

आज थामा है तुमने हाथ मेरा।


बढ़ गयी आज धड़कन मेरी

ठहरे जल में

बूंदे मचलने लगीं,

दिल में तेरे उतरती गयी

महसूस श्वासों को करती गयी,

उपवन में भी बहार आ गयी

मुरझाए से पुष्पों में

ज्यों जान आ गयी,

दौड़ गया लहू

शिराओं में मेरा

आज थामा है तुमने हाथ मेरा।


नभ में भी आज

कैसे हैं बादल घिरे

भीग रहे हम 

प्यार की बौछार में खड़े, 

चाँद सूरज देख हमें शरमा रहे

बादलों की ओट में

छुपकर प्रीत सिखला रहे,

न कर सकती बयां

एहसास तेरा

आज थामा है तुमने हाथ मेरा।


हुआ ऐसा असर

लफ्ज़ ही सिल ही गए

डाल हाथों में हाथ

देखते रह गए,

कोमल मन में 

कलियाँ ऐसे खिलीं

रुत मानों प्रेम की

ज्यों चल पड़ी,

मिल गया आज मुझको

जहां सारा तेरा

आज थामा है तुमने हाथ मेरा।


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