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Ajay Singla

Abstract

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Ajay Singla

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आज फिर जीने की ........

आज फिर जीने की ........

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बुजूर्ग एक बैठे थे घर में 

दुखी से थे लग रहे 

अकेलेपन से नींद न आए 

रात भर से जग रहे 


पोती आई, सहेली से बोली  

''ये हमारे दादा हैं ''

खिला चेहरा, गुनगुनाया 

आज फिर जीने की तमन्ना है 

आज फिर मरने का इरादा है। 


नंगे बदन एक भूखा बच्चा 

किनारे सड़क के बैठा था 

ठंड थी वो जनवरी की 

बदन उसका ऐंठा था 


स्वेटर और रोटी माँ ने दी, कहा 

''ठंड बहुत ही ज्यादा है ''

ख़ुशी में गाने लगा वो 

आज फिर जीने की तम्मना है 

आज फिर मरने का इरादा है।


कुछ दिन हुए दिल टूटा उसका 

रात भर न सो रहा 

गर्लफ्रेंड ने छोड़ा उसको 


कमरे में बैठा रो रहा

दोस्त बोला ''भूल जा उसे,

करना तुम्हे ये वादा है''

ले गया संग, नाचे गाएं 

आज फिर जीने की तमन्ना है 

आज फिर मरने का इरादा है।


स्कूल में छोटा सा बच्चा 

कुछ बच्चे तंग थे कर रहे 

धक्का दिया गिरा दिया उसे 


धुल में थे कपडे भर रहे 

भाई आया बोला''उठो देखें,

इन सब में कितना मादा है ''

सारे भागे,वो दोनों गाएँ 

आज फिर जीने की तमन्ना है 

आज फिर मरने का इरादा है।


मेडिकल में पढ़ रहा 

पेपर थे फाइनल चल रहे 

सिलेबस पूरा कभी भी न हो 

आँख से आंसू बहे 

अब आखरी पेपर ख़तम हुआ 


मन गाने को आमादा है 

गगन में मैं उड़ के गाऊं 

आज फिर जीने की तमन्ना है 

आज फिर मरने का इरादा है।


लड़का लड़की टकराये और 

शर्म से आँखें झुक गयीं 

पहली नजर में प्यार हुआ 

जैसे सांसें उन की रूक गयीं 


पर दोनों कुछ भी बोल न पाए 

ये प्यार कितना सादा है 

धड़कते दो दिल ये गाएँ 

आज फिर जीने की तमन्ना है 

आज फिर मरने का इरादा है।


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