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Pragyaa Amberkar

Abstract

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Pragyaa Amberkar

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आइना

आइना

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दिल का राज,

जानता है आइना,

चुप रहता।


परछाई है,

जिंदगी के संघर्ष,

चुप रहता।


कड़वी यादें,

बहुत सिखाती है,

चुप रहता।


काले बादल,

अकसर रुलाते,

चुप रहता।


चलते रहो,

सिखाना चाहता है,

चुप रहता।


ख़ामोश पल,

बहुत बोलते हैं,

चुप रहता।


आइना दोस्त,

कोई ना समझा है,

चुप रहता।


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