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Phool Singh

Inspirational

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Phool Singh

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75वां आजादी का अमृत महोत्सव

75वां आजादी का अमृत महोत्सव

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अमृत महोत्सव मना रहे सब, गुलामी से आजादी का

मानसिक गुलामी से मुक्ति पा लो,

तो, बोध हो सम्पूर्ण आजादी का

अमृत महोत्सव मना रहे सब, गुलामी से आजादी का ||


स्वच्छ भारत, आदर्श ग्राम हो, जनभागीदारी संग बढ्ने का

शोषण, भेदभाव की नीति कहीं न

मुक्त जातिवाद से होने का

अमृत महोत्सव मना रहे सब, गुलामी से आजादी का ||


स्टार्ट अप इंडिया के पंख लगाकर, अन्तरिक्ष तक को छूने का

संस्कृति का दामन ओढ़कर

विकास की राह पर बढ्ने का

अमृत महोत्सव मना रहे सब, गुलामी से आजादी का ||


तोड़ कमर इस महंगाई की, बेरोजगारी से लड़ने का

नारी अपमान न स्वार्थ की नीति

संकल्प लें व्यवहारिकता का

अमृत महोत्सव मना रहे सब, गुलामी से आजादी का ||


भूखा-प्यासा रहे कोई न, निर्माण हो अन्नघर और जलाशय का

मिले औषधि, अस्पताल की सुविधा 

वक़्त है, इस बात को अमल में लाने का

अमृत महोत्सव मना रहे सब, गुलामी से आजादी का ||


परिवारवाद न भ्रष्टाचार हो, ये वक़्त है डिजिटल इंडिया का

आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ रहा भारत

सपना है विश्वगुरु बनने का

अमृत महोत्सव मना रहे सब, गुलामी से आजादी का ||


धर्म की लड़ाई छोड़ के बंधु, तिरगें का मान बढ़ाने का

तन, मन, धन इसकी शान में झौंक दो 

प्रयास हो देशहित में मरने का

अमृत महोत्सव मना रहे सब, गुलामी से आजादी का ||


हौंसला बुलुंद कर दृढ़ता लाओं, जज्बा हो आगे बढ़ जाने का

पूर्व की असफलता भूल के बंधु

वक़्त है नए कीर्तिमानों के रचने का

अमृत महोत्सव मना रहे सब, गुलामी से आजादी का||


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