ऐ वक़्त तू ले चल कही जहां कोई न हो न ..!!
ऐ वक़्त तू ले चल कही जहां कोई न हो न ..!!
ऐ वक़्त तू ले चल वहां
जहां न हो कोई परेशानी न फिक्र कोई
हो बस मुहब्बत ही मुहब्बत
ज़िंदगी की इस कशमकश में उलझ से गए हैं
इस पल वो, तो उस पल ये
बस तेरी तरह बदलने से लगे हैं हम
ऐ वक़्त तू इतना इम्तहान न ले
खुद तो कभी ठहरता नहीं
पर कभी हम ठहर गए तो क्या होगा
यही सोच के बस तेरे संग चलते जा रहे है हम
और ज़िंदगी की दौड़ में हार के भी
जीत का जश्न मनाये जा रहे है हम..!!