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Rahulkumar Chaudhary

Abstract

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Rahulkumar Chaudhary

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लड़की क्यू चाहिए?

लड़की क्यू चाहिए?

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एक लड़का था राज और एक लड़की थी। प्रिया दोनो एकदुसरे को बहोत प्यार करते थे।और वो शहर में पढ़ाई करते थे।प्यार बेशुमार होवा थी दोनो ने शादी करली। अब वो एक घर पे साथ में रहने लगे।शादी के बाद उन्हों ने तैय किया की दोने के घर से कोई भी आए दरवाजा नहीं खोलेंगे। कुछ दिन बाद लड़के के मम्मी और पापा आए। उन्हों ने आवाज लगाई और वो बहोत देर तक खड़े रहे पर दरवाजा नहीं खुला तो वो वापिस चले गए। कुछ दिन बाद लड़की के मम्मी पापा आए और उन्हों ने दरवाजा पे आवाज लगाई। पहले तो लड़की ने दरवाजा नहीं खोला लेकिन ज्यादा देर तक नहीं रुकी और दरवाजा खोल दिया।और अपने मम्मी पापा की सेवा की।

प्रिया और राज आराम से घर पे रह रहे थे।प्रिया गर्भवती हुई।और एक तेजस्वी बेटे को जन्म दिया। उसके पापा ने कुछ नही किया बस देखता रहा केवल।

फिर कुछ साल बाद प्रिया गर्भवती हुई और उसने एक तेजस्वी बेटी को जन्म दिया।उसके पापा ने बड़ी धूमधाम से बेटी का स्वागत किया।और पुरे गांव में मिठाई बाटी।

उस बात से प्रिया बहुत नाराज हुई और राज से लड़ने लगी के मेरे बेटे ने क्या बिगाड़ा था जो मेरे बेटे का ऐसा स्वागत नही किया था। राज ने हसकर जवाब दिया के मुझे दरवाजा खोलने वाली लड़की चाहिए न की मां बाप के आने पर भी दरवाजा ना खोल ने वाला बेटा नहीं चाहिए।"बेटा चाहे जो भी करले मम्मी पापा के लिए बेटी से बड़ा नही हो सक्ता।"

     



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