दिसंबर डायरी
दिसंबर डायरी
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एक थी लड़की, खूबसूरत और शर्मीली सी जो रहती थी ख्बाबों में ज्यादादुनिया में थोड़ा कम, , पढ़ती थी किताबों में प्यार वाली कहानियां और सोचती रहती थी न जाने क्या। फिर एक दिन एक लड़का उसकी जिंदगी में आयाऔर लड़की की दुनिया जैसे बदल गयी, , ।
अब लड़की कहानियां नहीं पढ़ती थी, गाने सुनती थीप्यार वाले गानेपहले से ज्यादा सुंदर हो गयी थी, लड़की भी और उसकी दुनिया भी, , ।लड़का इस सब से बेखबर नहीं थामगर हंसता था लड़की के दीवानेपन पर
दिसंबर का वो महीना बसंत बन गया था जैसे हर तरफ फूल थे खुशबू वाले।
फिर एक दिन सब कुछ बदल गया, लड़के को बुलावा आ गया परदेस से, उसे जाना था, जिदंगी मे आगे बढ़ना था
जाने से पहले लड़का मिलने आयालड़की हंसकर विदा कर रही थीरोकने या रूकने का रिश्ता नहीं था दोनों के बीच'फिर मिलेंगे', ऐसा कोई वादा भी नहीं थातभी जोर से बारिश होने लगीलड़की ने चुपके से बादल को शुकि्या कहाऔर बारिश की बूंदों में एक आंसू को घुल जाने दिया, उस साल खूब बरसातें हुईं ,
आज भी लडकी खूबसूरत हैपर पहले से थोड़ा सा कमअब भी शर्मीली सी हैलेकिन अब दुनिया में ज्यादा रहती हैख्बाबों में थोड़ा कम, अब भी पढ़ती है प्यार वाली कहानियां और सुनती है प्यार वाले गाने, हां दिसंबर आज भी उसका फेवरिट महीना है, ,
और लड़का, जब भी बारिश होती है तो भीगता है , और चुपके से बहा देता है हर बार उस एक आंसू को जो सहेजा था उसने, कुछ बीस बरस पहले !
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लड़की को बारिशें पसंद थीं, , बारिश की बूंदों मे भीगकर खुद भी बारिश हो जाना पसंद था उसेलड़का सरदियों के मौसम सा थाखूबसूरतकशिश भरापास से गुजरे तो सिहरन हो कुछ ऐसा, , लड़का बरफ के देश से आया थाकोहरा पसंद था उसेलड़की ने जब पहली बार देखा उसेजैसे जम गयी वोपूरे एक महीने सतरह दिन, फिर बरफ पिघलीऔर दिसंबर के महीने में बरसातें हुयीं, कच्ची सी धूप में इंद्रधनुष निकला थाजिसके सारे रंग लड़की के दुपट्टे में थे, लड़का ने गौर से लड़की को देखा और उसकी आँखों में झांक कर पूछा था"प्यार करती है मुझे"जबाब में लड़की ने सर झुकाया और धूप खिल -खिलाकर हँस पड़ी
लड़का और लड़की अब साथ थे, जून- जुलाई सेएक दूसरे का हाथ थामेसर्दी गर्मी और बरसातों के सफर तय करते हुए
कुछ सदियां बीत गयीं, फिर एक दिन मौसमौ का मिजा़ज बदला, गर्मी का मौसम ठहर गया था, लड़का पिघलने लगा, यह पिघलना लड़की को बैचेन कर रहा थाएक दिन लड़की ने उसे विदा कियाबऱफीले देश की ओरलड़के ने वादा किया अगले दिसंबर फिर से आने का लड़की आज भी इंतजार कर रही है उस दिसंबर का जिसका पन्ना गायब है उसके कैलेंडर में !
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बरसात का मौसम बीतने वाला था। छाते, बरसाती सहेजती लड़की देख रही थी खिड़की के बाहर, उस काले अकेले बादल को जो लगता था किसी बरफ़ देश से निकला, लड़की की आँख में शायद कुछ गिरा था। ठंडा, चुभता, दिसंबर के महीने सा एक आँसू ने ठिठक कर आँख से बाहर झांका और गाल पर फिसल गया
लड़की उदास थी कुछ कहना चाहती थी। खिड़की से देखती लड़की और आसमान पर टंगा बादल, बेनाम सा एक रिश्ता किसी के इंतजार से खींचता, भटकता, टहलता वो बादल आ पहुँचा खिड़की के ठीक ऊपर, लड़की ने हाथ बढ़ाकर कुछ लिख दिया बादल पर उस दिन से वो एक बादल, उस खिड़की से जैसे बंधा है
हर रोज गरजता है, बरसता है और फिर खामोश हो जाता है, जैसे कि किसी दुआ में हो।
कहते हैं लड़की ने बादल पर कोई नाम लिख दिया था !
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लड़की को पीला रंग पसंद था, खुला ,उजला,खिली धूप सा चटक। पीले रंग से उसे प्यार की खुश्बू आती थी वो एक गर्मीयों की दोपहर थी
जब लड़की ने उसे पहली बार देखा अमलतास के पेड़ के नीचे साइकिल की चैन चढ़ाते हुए, कच्चे हरे रंग की शर्ट का असर था शायद जो पीले अमलतास के फूलों के साथ खूबसूरती के साथ कंट्रास्ट में थीया फिर लड़की को उसके छल्ले बालों का माथे पर बेपरवाह पड़ा होना भाया था, कुछ तो हुआ था उस पल,
लड़की के ख्बबों में अब अकसर पीले अमलतास के फूल आने लगे थे, धूप की खुश्बू और बढ़ गयी थी।
लड़की के कदम अब उस अमलतास के पास से गुज़रते धीमे हो जाते ना वहां साइकिल होती थी, ना वो छल्ले बाल, फिर भी लड़की बेसाख्ता मुस्कुराती थी वहां से गुजरते हुऐ वो दिन आंधी भरा था, गरजते हुए बादल।
लड़की बारिश शुरू होने से पहले घर पहुंचना चाहती थी, तेज कदमों से चलती लड़की अचानकी ठिठकी थी, ठीक अमलतास के नीचे खड़ी साइकिल, छल्ले बाल
बरहाल शर्ट आज आसमानी थी। खुले से आसमानी नीले रंग की लड़की के धीमे होते कदम और तेज़ होती बू़ंदें परफेक्ट टाईमिंग के साथ बारिश तभी तेज हुई
जिस पल लड़की अमलतास के पास पहुंची अमलतास बहुत खुश था, उसके पीले फूल, आसमानी शर्ट और हलका जामुनी दुपट्टा, इंद्रधनुष जैसे आज अमलतास के नीचे निकला था।
कुछ पलों का वो साथ और कुदरत की वो जादूगरी। आसमानी शर्ट और जामुनी दुपट्टा आज साथ साथ सूखते है़ं। उस कोने वाले घर के आंगन में बंधे तार पर
जिसके बाहर अमलतास का पेड़, पीले फूल बिखेरता है, खिली धूप से चटख पीले फूल।
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