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भीख मांगने का प्रदूषण

भीख मांगने का प्रदूषण

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कह दो सब माँगने वालों से

किस कदर भटक रहे हो

हाथों में लिए कटोरा,

क्यों भीख मांग रहे हो।


क्या नियत में है तुम्हारी,

कर रहे भीख माँगने की रोजगारी

हाथ पाँव होने के बावजूद,

क्यों निकम्मा बन रहे हो।


‌‌हाथो में लिए कटोरा,

क्यों भीख मांग रहे हो

अल्हा ईश्वर का लेते हो नाम,

करते हो भीख मांगने का काम।


मज़हब और देश का नाम,

क्यों बद्नाम कर रहे हो

हाथों में लिए कटोरा,

क्यों भीख मांग रहे हो।


पैसों को तुम बहुत हो लुटाते,

जुआ खेलने, शराब पीने में

ये सब करके तुम,

क्यों कुसंगति फैला रहे हो।


हाथो में लिए कटोरा,

क्यों भीख मांग रहे हो

फटे पुराने कपड़े डालते हो,

नोटों की गद्दी पर बैठते हो।


गरीब लाचार की नोटंकी करके,

क्यों सबको लूट रहे हो

हाथो में लिए कटोरा,

क्यों भीख मांग रहे हो।


प्रदूषण जल, ध्वनि, वायु तीन,

पर्यावरण में फैले हैं अधिक

लेकिन भीख मांगने का प्रदुषण,

क्यों समाज में फैला रहे हो

हाथों में लिए कटोरा,

क्यों भीख मांग रहे हो।


बहुत चालक बनते हो भिखारी,

नौटंकी करते सुना अपनी लाचारी

अपने आप परिश्रम करके,

क्यों नहीं कमा रहे हो

हाथो में लिए कटोरा,

क्यों भीख मांग रहे हो।


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