एक तरफ़ा प्यार में
एक तरफ़ा प्यार में
एक तरफ़ा प्यार में
कब तक बहती रहेगी नदी
कल-कल छल-छल ऊष्मा से भरपूर
हां वह सूख जायेगी एक दिन गहरी नींद में लेती हुई उबासियां
अपनी तमाम उदासियों व कराहों को पीछे छोड़ती हुई...
एक तरफ़ा प्यार में
दम घुटने लगता है हवाओं तक का
नहीं तय कर पाती है वह अपना रुख
अपनी गति, अपना भंवर
एक तरफ़ा प्यार जब होता है
कर देता है हर किसी को अपने ही बेहद करीब
और केवल अपने साथ रहना कई के लिए बन जाता है एक असह्य यातना
अपने को टालने में लगे रहते हैं कई लोग ताउम्र
इनके इर्द-गिर्द तामझाम लावलश्कर का इन्तजाम होता है अपने करीब आने से बचने के लिए
एक तरफ़ा प्यार की आंच
नहीं सह पाता सूर्य
उसकी ठंड बर्दाश नहीं कर पाते हिम शिखर
एक तरफा प्यार कभी नहीं बनता एक मुकम्मिल कहानी
इसलिए दुनिया में कमी है कहानियों की
एक तरफ़ा प्यार वालों से अंटी पड़ी है दुनिया
एक तरफ़ा प्यार में कई बार अस्वीकार के भय से चुप रह जाते हैं लोग
और चुप रह जाने से रह जाता है प्यार एकतरफा
चुप रह जाने से प्यार ही नहीं बहुत कुछ खो जाता
लेकिन मिलते रहते हैं सम्मान
हर सम्मान कितनी ही खामोशियों की कब्र पर उगी घास है...
हरेक को चाहिए एक तरफ़ा प्यार...
किसी ने कहा और संत बन गया
किसी ने महसूस किया हो गया संन्यासी
एक तरफ़ा प्यार कहीं कोई गाता है तो बन जाता है राग भैरवी
कोई लिखता है तो बन जाता है निर्गुण
एक तरफ़ा प्यार सशर्त जीने से इनकार है
एक तरफ़ा प्यार हमारी वह बेबसी है जिस पर हमें फ़ख्र है
कामयाब प्यार पर हमेशा भारी पड़ता है एक तरफ़ा प्यार।
अजीब विडम्बना है कि मैंने उससे, उसने उससे और उसने मुझसे किया है
एक तरफ़ा प्यार
एक तरफ़ा प्यार में नाचती रही है यह पृथ्वी
अपनी ही धुरी पर
अपने जन्म के साथ
यह एक तरफ़ा प्यार ही है जिसके कारण
जन्म लेता है प्राणी बार बार
पूर्णता की चाह में
एक तरफ़ा प्यार है तो प्यास है
तमाम विपुलताओं को मुंह चिढ़ाती हुई
एक तरफ़ा प्यार ही तो है
जिसे कर्तव्यनिष्ठा कहा गया है गीता में।