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Ankita Singh

Tragedy

4  

Ankita Singh

Tragedy

झूठ का बोलबाला

झूठ का बोलबाला

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सच सोया हुआ है

झूठ का बोलबाला है

है सबका कमज़ोर मनोबल

सूखे है सारे सरोवर।


कभी था नदियों में अमृत तुल्य जल

मानव बढ़ रहा है विध्वंस की ओर

भ्रष्टाचार हा हा कर रहा चहूंओर

सच सोया हुआ है।


हर जगह मोह माया है

सबके मुँह पर ताला है 

रिश्वत का बोलबाला है।


सबके मन में उपजी है ईर्ष्या

दिखावे भरी है

हर किसी की दिनचर्या।


हर नन्हीं बेटी का सपना अधूरा है

धूल भरा हर सवेरा है

सच सोया हुआ है

चुनावी वायदों का बोलबाला है।


नेताओं के घर हैं आलीशान

गरीब की झोपड़ी में

कर रहा दीपक गुणगान

सच सोया हुआ है

झूठ का बोलबाला है।


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