समय पर मेरा विचार
समय पर मेरा विचार
ओ समय !
तेरी परिधि की सीमा
जान गया हूँ अब
जब तक देह है यह
तेरी परिधि में हूँ।
जैसे ही शरीर का त्याग करूंगा
एक छलांग में
परिधि से बाहर हो जाऊंगा
और तू
खड़ा देखता रह जायेगा।
फिर मैं
चिर साथी के साथ
तेरी परिधि से परे
भाव समाधि में
उतर जाऊँगा...।।