दिल की आग
दिल की आग
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यो आग दिल के अन्दर जल रहा है
आंसुओं से वह नहीं बुझेगा।
यह आग है ऐसा जिसको बुझाने में
समंदर के लहरें भी थक जाएगा।
वाशर से में बहुत शांत स्वभाव का
लेकिन अंदर से पूरा चूर चूर हो गया हूं।
गहरा चोट को दिल मे छुपाके
मर मर के में जी रहा हूँ।
कभी कभार लगता है इस बेजान ज़िन्दगी से
अभी के अभी निकल जाऊं।
यह मायावी दुनिया छोड़के
आसमान मे तारों के साथ दिन गुजारूं।
मैं इतना भी अच्छा इनसान नहीं हूँ यो
जान पुछ के गलती करने वाले को माफ कर दुगां।
मैं किसी का उधार नहीं रखता
सबका कर्ज में चुन चुन कर लौटा दूंगा।