ब्रह्मचारिणी माता
ब्रह्मचारिणी माता
आश्विन मास शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि आई,
माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करें घर घर वभाई।
माता के चरणों में शुद्ध मन से ध्यान लगावें,
सिद्ध व अनंत फल देवें, माता जब होवें खुशी।
तप का आचरण करने वाली माता ब्रह्मचारिणी
तपश्चारिनी ,अर्पणा व उमा भी हैं इनका नाम
दाहिने भुजा जप की माला, दाहिने में कमंडल
अजस्त्र तेज़ से दमके सदा मैया का मुख मंडल
साधकों की भलाई में ही रहता मैया का ध्यान,
शुद्ध आचरण से जो रहते, दोष हर करें निदान
हर बाधा को दूर कर विजय का ताज दिलातीं
चीनी भोग जो चढाता, वो पाता दीर्घायु प्रमाण
पार्वती का अविवाहित रूप माता ब्रह्मचारिणी
अविवाहित कन्याओं का करें इस दिन पूजन
घर बुला कर उनको कराएँ मिष्टान्न का भोजन
मीठा, वस्त्र व सही पात्र का संग में दें उपहार।
सूर्योदय से पहले उठकर नित्य कर्म निबटा कर
स्वच्छ और पवित्र मन संग बैठें भक्त पूजा पर।
मैया को चंदन, रोली का टीका संग पुष्प चढ़ाएँ
माता की कृपा होगी, सानंद रहे सकल परिवार।
