प्रेम
प्रेम
निश्चल और पावन प्रेम है मेरा...
बंधनों में न इसे जकड़ पाओगे...
जितना रोकोगे मुझे...
उतना ही उड़ता पाओगे...
जीवन अब इस प्रेम को समर्पित...
पूर्ण सत्य है, नहीं है कल्पित...
ये प्रेम है मेरे जीवन का आधार...
हर क्षण करूं प्रभू तेरा आभार।
निश्चल और पावन प्रेम है मेरा...
बंधनों में न इसे जकड़ पाओगे...
जितना रोकोगे मुझे...
उतना ही उड़ता पाओगे...
जीवन अब इस प्रेम को समर्पित...
पूर्ण सत्य है, नहीं है कल्पित...
ये प्रेम है मेरे जीवन का आधार...
हर क्षण करूं प्रभू तेरा आभार।