असहमत हूं....
असहमत हूं....
असहमत हूं हर उस बंधन से जो,
मुझे खुली हवा में उड़ने से रोके।
असहमत हूं हर उस नियम से जो,
मुझे मेरे मन की करने से रोके।
असहमत हूं हर उस रिवाज़ से,
जिसकी जकड़न से मेरा दम घुटे।
असहमत हूं हर उस विचार से जो
मुझे अपनी राह पर आगे बढ़ने से रोके।
असहमत हैं रूढ़ीवादी समाज से जो,
संस्कारों के नाम पर मुझे हर बार टोके।
जीवन मेरा .... नियम भी मेरे
अपने जीवन की सारथी मैं
स्वयं अपनी सीमाएं तय करूंगी।