बाज़ार
बाज़ार
आज फिर लगेगी बोली
आज फिर सजेगा बाजार
लगाएगी वो लाल लिपस्टिक
संवारेगी बाल बार बार
आज एक बार फिर
वो ही आँखों के इशारे होंगे
आज उसको खरीदने वाले
हजारों होंगे
अपने होंठ चबाएगी
लट घुमाएगी
आज हर हद्द
वो पार कर जाएगी
साड़ी चटक होनी ज़रूरी है
चाल में मटक होनी ज़रूरी है
घर पर भूखे बैठे हैं सब लोग
आज उसका 'पास' होना ज़रूरी है
जब तक पायल उसकी
छन छन करेगी
उसे अपने बिकने की
आस लगी रहेगी
आज छन छन करती रहेगी वो
मजबूरियों के तले
यूं ही खुद को
बेचती रहेगी वो।