संत तुकाराम
संत तुकाराम
संत तुकाराम। आज आहे बीज।
जीवनाचे चीज। झाले देवा।।
नाम विठ्ठलाचे। सदा मुखी असे।
गरीबात दिसे। पांडुरंग।।
घरच्या धान्याचे। कोठार वाटले।
गरीबांना दिले। सारे धान्य।।
दीन-दुःखितांची। खूप केली सेवा।
म्हणे सदा देवा। पांडुरंग।।
शिवबाचे गुरु। आदर्श संताचे।
थोर हो मनाचे। तुकाराम।।
करी पायी वारी। असा भक्त हरी।
देवाचिये द्वारी। तुकाराम।।
अभंगाच्या ओळी। अमुल्य हा ठेवा।
भजतीया देवा। विठुराया।।
सारे वारकरी। प्रथम हो मान।
सांगे तत्त्वज्ञान। जनलोका।।
जन्म झाला देहू। वैष्णवांचा मेळा।
धन्य तो सोहळा। बीजदिनी।।