STORYMIRROR

Ghanshyam Sharma

Abstract

4  

Ghanshyam Sharma

Abstract

मोक्ष

मोक्ष

1 min
397

धर्म अर्थात् अच्छा कर्म

अर्थ अर्थात् अर्निंग अच्छा धन


काम अर्थात्

सृष्टि को सच्चे मानव दान


मोक्ष अर्थात् परम-धाम की प्राप्ति

अर्थात् जीवन-मरण खत्म


अर्थात् चिंता-फिक्र समाप्त

अर्थात् परम आनंद


अर्थात् मुक्ति मृत्युलोक से

मोक्ष ही परम लक्ष्य है सबका

 

हर कोई चाहता है 

मोक्ष-मोक्ष-मोक्ष


किंतु मैं चाहता हूँ मृत्युलोक

चाहता हूँ मनुष्य-जीवन


चाहता हूँ कि करता रहूँ कर्म

चाहता हूँ बार-बार पुनर्जन्म


ये लड़ना बुराइयों से

ये जीना देश के लिए


ये बलिदानी-भावना

ये संघर्षी-साधना

यही मेरा मोक्ष है। 


साहित्याला गुण द्या
लॉग इन

More marathi poem from Ghanshyam Sharma

Similar marathi poem from Abstract