यादगार रेल यात्रा 2
यादगार रेल यात्रा 2
जैसे हीं वह लड़की प्रशांत के बगल में बैठी, प्रशांत सबकुछ समझ गया। कुछ मिनट तक बिलकुल माहौल शांत रहा। दोनों हल्का हल्का स्माइल कर रहे थे और दोनों एक दूसरे का इंतजार कर रहे थे बातचीत शुरू करने का। बातचीत शुरू किये बिना दोनों से रहा नहीं जा रहा था इसलिए शांत माहौल जल्द हीं बातचीत में बदल गयी। लड़की ने अपना नाम अनामिका कुशवाहा बताया जो की देवरिया गोरखपुर उत्तरप्रदेश की रहने वाली हैं। उसने प्रशांत को बताया की उसके दीदी जीजा जी दिल्ली में रहते हैं और वह दिल्ली उन्ही के पास आयी थी घूमने। अब वापस घर जा रही हैं। जो लड़का उसे ट्रैन में बैठाने आया था वह जीजा जी का छोटा भाई था।
प्रशांत बोला मुस्कुराते हुए बोलता हैं- मुझे मालूम हैं की वह तुम्हारे जीजा की भाई था और तुम दोनों की बीच काफ़ी कुछ पर्सनल हुआ भी हैं।
अनामिका ने आश्चर्य से पूछा- तुम्हे कैसे पता?
तुम दोनों की सारी बातचीत मैंने सुनी और अंदाजा लगया। यकीन मानो मेरा अंदाज़ 99% सही निकलता हैं।
अब दोनों के बीच काफ़ी सारी बातें होने लगी। दोनों थोड़ा पर्सनल तब फील करने लगे जब पता चला की दोनों एक हीं कास्ट के हैं कुशवाहा। उस लड़की ने अपने फ़ोन में कई सारे फोटो दिखाए पर्सनल और फॅमिली के। फिर दोनों ने फेसबुक पर एक दूसरे को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा और एक्सेप्ट भी किया। सफर लम्बा था दोनों अकेले थे इसलिए उनका मुँह बंद नहीं हुआ बल्कि एक दूसरे के बारे में और ज्यादा जानने की कोसिस करने लगे। रात को सभी यात्री सो गई लेकिन इनके आँखों से नींद गायब थी।
बातचीत करते करते अनामिका को नींद आ गयी और वह प्रशांत के कंधे पर अपना सर रख कर सो गयी।
थोड़ी देर बाद प्रशांत ने उसे सीट पर सुला दिया और एक चादर उसके ऊपर रख दिया ताकि उसे ठण्ड ना लगे।

