"वर्ष 2020 ने सिखाया सबक -बदल दी जीवन-शैली"
"वर्ष 2020 ने सिखाया सबक -बदल दी जीवन-शैली"
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
वर्ष2020में कोविड-19 संकट ने न सिर्फ मनुष्य जीवन की दशा वदिशा बदल दी है वरन प्रकृति में भी बहुत ही सुखद बदलाव आए हैं तालाबंदी के दौरान प्रकृति ने भी प्रकृति में खुलकर सांस ली है। ऑक्सीजन से परिपूर्ण स्वच्छ हवा हमें स्वस्थ बना रही है!
लोगों की चिंताएं अब गर्म तवे पर पड़े पानी की तरह भाप बनकर उड़ रही हैI सभी ने चिंतन का मार्ग प्रशस्त किया है। हर सुबह सबके लिए उम्मीद की एक नई किरण लेकर आती है।नए सामान्य जीवन में ऑनलाइन तकनीक नेअपनीअधिक जगह बना ली है। न सिर्फ स्वयं की वरन परिवार की महत्ता समझ आई है। एक दूसरे के काम में हाथ बँटाकर एक दूसरे को मात्रात्मक और गुणात्मकसमय दे रहे हैं। एकाकीपन दूर हुआ है अवसाद से लोगों ने पल्लू झाड़ा है। कर्मयोग,भक्तियोग,ज्ञानयोग से घर में ही बने भोजन के प्रति आकर्षण बढ़ा हैI बस्तों का बोझ ढोना भी बंद हो गया हैI घर खर्च के आय व्ययक में कमी आई है।
तालाबंदी के दौरान बाहर से शहर ठहरा-ठहरा सा लगता था। जिंदगी थमी-थमी सी दिखती थी । लेकिन घर में रहकर लोगों में ऑनलाइन नई-नई चीजों
को सीखने का उत्साह बढ़ा हैI काम के साथ-साथ मनोरंजक गतिविधियां करके साबित कर रहे हैं कि, हम सिर्फ शारीरिक रूप से तालाबंदी मेंहैं
मानसिक रूप से नहीं। सभी सफाई की ओर अधिक जागरूक हुए हैं। स्वयं कोशारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए लोगों की यौगिक,निरोगी, संतुलित-आहार से युक्त, आध्यात्मिक, व्यसनरहित, आयुर्वेदिक, पहले से भी अधिक आत्मनिर्भर,संतुलित जीवनशैली हुई है !जिसके चलते सकारात्मक सोच में अभिवृद्धि हुई है। नि:स्वार्थ भाव से सभी एक दूसरे की मदद करने लगे हैं,लोगों में छिपा दैविक रूप बाहर निकल कर आया है। इंसान खुद को खोजने में सफल हुआ है।
बंद से जीवन मंत्र बदला है,सभी "जान है तो जहान है " का अर्थ अब अच्छी तरह समझने लगे हैं सभी ने नमस्ते को अपनाकर हमारी संस्कृति को पुनर्जीवित किया है। सामाजिक क्रूरताओं पर लगाम लगी है। कोरोना की चुनौती ने हमारी शक्ति में अभिवृद्धि की हैहमारी राष्ट्रीयता की भावना मजबूत हुई है।हमारे कदम आत्मनिर्भरता की ओर बहुत ही विश्वास के साथ उठे हैंऔर इसीलिए सभी लोकल के लिए वोकल भी हो रहे हैं।