Kanchan Jharkhande

Drama

5.0  

Kanchan Jharkhande

Drama

विद्यालय की याद

विद्यालय की याद

2 mins
414


काफी समय हो चुका था, काफी समय से सोच रही थी। काफी कुछ परिवर्तित हो चुका था। उस परिवर्तन से हम बेखबर थे। मालूम नहीं था कि इतने समय पश्चात काफी कुछ बदल जायेगा। सोच रही थी दफ्तर से कभी छुट्टी मिले तो कभी चक्कर लगाकर आती। एक दिन आपातकालीन झट पट सुटकेश उठाया और उस और निकल पड़ी।

ये बात उस विद्यालय की हैं जब काफी वर्ष पहले पाठशाला का ज्ञान हमने अर्जित किया था वहाँ से, आज अचानक उस और गति हुई, काफी समय हो चुका था, अंदर जाने में थोड़ा संकोच हुआ। जैसे तैसे विद्यालय में प्रवेश किया तो देखा जहाँ हम खड़े होकर प्रार्थना करते थे वहाँ कुछ गमलों की छत्र छाया थी।

नल से पानी की कुछ बूंदें टपक रही थी, टप टप-वो दरवाजा अब बन्द कर दिया गया था जहाँ से हम छुट्टी के वक्त भागते थे। काफी सन्नाटा सा लग रहा था जैसे वहाँ कोई है ही नहीं। वृक्ष के पत्ते हवाओं में हिल रहे थे, तभी एक सूखे पत्ते के गिरने की आहट आयी। पलट कर देखा तो प्राध्यापिका का कक्ष एक दम परिवर्तित था। कुछ देर बाद मानो जैसे किसी के आने की आहट महसूस हुई, वो और कोई नहीं मेरी शिक्षिका ही थी, मैंने चरण वंदन नमस्कार करते हुए वहाँ के हालात जानना चाहा। वो कुछ नजर सी चुरा रही थी मुझसे जैसे कि वहाँ हालात बिल्कुल भी अच्छे नहीं थे।

मगर उन्होंने मुझसे कुछ नहीं बताया। कुछ देर वार्तालाप करते हुए मैंने प्रस्थान करने के लिए कदम बढ़ाया ही था। ठंड का समय था। थोड़ी कड़क सी धूप निकल आयी थी, धूप लेने की चाह में बाकी कुछ और लोग भी वहाँ आ चुके थे। बातों ही बातों में खबर हुई कि वो प्राध्यापिका का स्थान्तरण हो चुका था और जो नई प्राध्यापिका आयी हैं।

चाय गरमा गरम चाय, अरे ये क्या ये तो चाय वाला हैं जो गरमा गरम चाय लेकर आया हैं। मैं प्रतिकूल स्थिति से अभिज्ञ थी इस कारण उन चर्चाओं पर चर्चा का कोई उन्मूलन नहीं था। वह शिक्षिका अभी तक गई नहीं थी कक्ष मैं, शायद उन्हें मेरे साथ चाय के कुछ पल बिताने थे। ठंड का उत्कल माह था, ऊपर से गरम कड़क अदरक वाली चाय और मैं ठहरी पुरानी छात्र।

वहाँ की परिस्थिति काफी बदल चुकी थी, मगर पुरानी शिक्षिका के साथ चाय पर बिताए वो दो पल बहुत अनमोल थे। कुछ पुरानी यादें ताजा हो गई थी। कुछ हृदय को ठंडक हुई, तो कुछ बेसब्र सी आहट दिल की खिड़कियों के आगे खट-खट कर गई थी। विद्यालय की याद कुछ इस तरह पनप गयी है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama