Tanu Bhargava

Classics

4.5  

Tanu Bhargava

Classics

विदेश में जब मनाई रंग बरसे होली

विदेश में जब मनाई रंग बरसे होली

2 mins
223


विदेश जाने का सपना हर व्यक्ति अपने हृदय के किसी ना किसी कोने में सजोय रखता है। शायद ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ जब मुझे अपने पति के साथ विदेश जाने का अवसर प्राप्त हुआ। जहाँ मन विदेश जाने की चाह में हिलोर ले रहा था वही अपनो से बिछड़ने का ग़ममुझे अंदर ही अंदर कचोट रहा था। आख़िर वो दिन भी आ गया जब हम एरइंडिया के विमान में बेठकर Newyork पहुँचे।

Newyork की चकाचौध से एक बार तो आँखे ही चौधिया गयी । वहाँ का दृश्य एक स्वप्न नगरी जेसा था। हमें सभी कुछ दिया इसचकाचौंध से भरे देश ने परन्तु वो अपनत्व, वो प्यार ,वो अनुभूति ,वो चहल पहल जो हमेशा हमारे इर्द गिर्द रहती थी उसे याद कर अक्सरएक न्यूनता का एहसास होता था। मुझे याद है वो दिन जिस दिन मुझे अपना वतन अपने परिवारजन मित्र सबसे अधिक याद आ रहे थे वोथा रंग बरसे का त्योहार होली। जहाँ इस दिन अपने देश में सुबह से ही रंग गुलाल से लथपथ लोग दिखायी देते थे। सारा दिन खूब मौजमस्ती मिलना जुलना रहता था वही यहाँ विदेश में अजीब सी शान्ति थी। हर कोई अपने अपने व्यवसायों में मस्त था लोग सिर्फ़ पैसाकमाने में लगे थे। पड़ोस में कौन रह रहा है इससे भी किसी को सरोकार ना था। ऐसे माहोलमें हमने स्वयं ही पहल करने का निश्चयकिया। विदेश के लिए प्रस्थान करते समय परिवारजनों ने पर्व का पूर्व आकलन कर गुलाल साथ में रख दिया था। घर में बनी कुछ मिठाईभी हमारे पास थी। में और मेरे पति एक एक प्लेट में गुलाल और मिठाई सजा कर पड़ोस में रह रहे कुछ भारतीय दंपतियों के पास गए उन्हेंत्योहार के विषय में अवगत कराकर उन्हें गुलाल लगाया व मिठाई खिलायी। सभी के लिए ये एक सर्प्राइज़ था। सभी ने एक दूसरे कोमुबारकबाद दी। सारा वातावरण कुछ समय के लिए होली के उल्लास से परिपूर्ण हो उठा चारों और रंग बरस रहे थे कुछ पल को लगा हमअपने प्यारे वतन में अपने लोगों के ही बीच है। विदेश में मनाई यह रंग बरसे होली चिरस्मरणीय रहेगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Classics