Akanksha Gupta

Drama Horror

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Akanksha Gupta

Drama Horror

वैम्पायर

वैम्पायर

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एक छोटी सी पहाड़ी पर हरे-भरे पेड़ों के बीच हल्की घास पर एक खूबसूरत छोटा सा बंगला था। झोपड़ी के आकार के उस बंगले में दो पलड़े का दरवाजा लगा हुआ था जिसके एक पलड़े पर सोने का एक चौकोर बेलन लगा हुआ था। दरवाजे को बीच मे से चौकोर काट कर वहां के खाली हिस्से में काला कांच लगाया गया था जिसके ऊपर कीलों से लाल कपड़ा जड़ा हुआ था। 

एक रात वहां तेज बारिश हो रही थी। बिजली कड़क रही थी। उस बिजली की रोशनी में बंगले की खिड़कियां साफ दिख रही थी। बंगले के बाहर भेड़ियों का एक झुंड जोर जोर से रो रहा था। उनमें से दो भेड़िये पास ही गोल-गोल चक्कर लगा रहे थे। तभी दरवाजे के ऊपर लकड़ियों की खिड़की से लाल दो आंखे झांकती है और वे दोनों भेड़िये चक्कर काटना बंद कर एक साथ एक जगह बैठ जाते हैं और भेड़ियों का झुंड भी रोना बंद कर देता है। यह देखकर वो लाल आंखे बंद होती है और खिड़की पर लाल पर्दा गिर जाता है।

एक सुबह कॉलेज में स्पोर्ट्स पीरियड चल रहा था। जिमनास्टिक के मुकाबले में जॉर्ज और जेनिफर एक दूसरे को हराने की जुगत में लगे हुए थे। पूरे हॉल में दोनों के नाम का शोर मचा हुआ था। एक दल जॉर्ज के समर्थन में था और एक दल जेनिफर के समर्थन में। मुकाबला बराबरी का था। कभी जेनिफर बाजी मार ले जाती तो कभी जॉर्ज। स्पोर्ट्स पीरियड खत्म होने तक जॉर्ज और जेनिफर बराबरी पर थे।

पीरियड खत्म होने के बाद दोनों बाहर निकल आए। जॉर्ज और जेनिफर अपने लॉकर के पास पहुंचे। दोनों ने अपने लॉकर से टॉवल और पानी की बोतल निकाली। जॉर्ज ने टॉवल से चेहरा साफ करते हुए कहा- “टाइम कुछ जल्दी बीत गया नही तो आज तुम्हारी हार पक्की थी।”

“टाइम जल्दी बीत गया या फिर तुम कमजोर पड़ गए। वैसे तुम भी कुछ कम नही थे। अच्छी टक्कर थी।” जेनिफर ने हंसते हुए कहा।

इसके बाद दोनो अपने अपने रास्ते चल दिए। इसके बाद दोनों के बीच कोई और बात नहीं हुई। कॉलेज खत्म होने के बाद जेनिफर घर पहुंची। कपड़े बदल कर थोड़ी देर आराम करने के बाद जब वह अपने घर की बालकनी में आई तो जॉर्ज नीचे खड़ा था। उसे देख जेनिफर दौड़ती हुई नीचे आई। 

“हाय जॉर्ज। आज इतनी देर क्यो हो गई?” ऊपर से नीचे दौड़कर आने की वजह से जेनिफर हांफ रही थी।

“वो...वो तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है।” जॉर्ज का चेहरा शर्म से लाल हो गया।

जेनिफर के चेहरे पर हल्की मुस्कराहट आ गई। उसने कहा- “चलो अच्छा है, कहीं से तो शुरुआत हुई। मैं जरा चेंज करके आती हूँ।” इतना कहकर जेनिफर वापस चली जाती है।

थोड़ी ही देर बाद जेनिफर नीचे आती है। एक लाल रंग के हाई नैक गाऊन में बहुत खूबसूरत लग रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे आसमान से कोई परी उतर कर आई हो। जॉर्ज की कार थोड़ी ही दूर पर खड़ी थी। दोनों कार में बैठकर निकल जाते हैं।

थोड़ी देर बाद कार एक झील के किनारे रुकती है जहां एक गोलाकार मेज पर सजावट की गई थी। मेज पर गिलास और लाल रिबन से सजी हुई एक शैम्पेन की बोतल रखी हुई थी। दोनों कार से नीचे उतर कर मेज के पास पंहुचते है। जॉर्ज मेज के पास रखी हुई कुर्सी को पीछे की ओर करता है जिस पर जेनिफर बड़ी ही नजाकत से बैठ जाती हैं। जॉर्ज भी सामने वाली कुर्सी पर धीरे से बैठ जाता है। 

जॉर्ज के शैम्पेन गिलास में करने के बाद दोनों ने शैम्पेन पीनी शुरू की। झील के किनारे हल्की-हल्की हवा चल रही थी जिसकी वजह से जेनिफर के बाल उसके चेहरे पर आ रहे थे। जेनिफर बार बार अपने बाल हटा रही थी। उसके हाथ में एक सफेद मोतियों का ब्रेसलेट था जो जॉर्ज का ध्यान अपनी ओर खींच रहा था। 

जॉर्ज जेनिफर को एकटक देख रहा था। उसे अपनी तरफ इस तरह देखते हुए पाकर जेनिफर को हंसी आ गई। उसकी हंसी की आवाज सुनकर जॉर्ज को होश आया। वह हड़बड़ा गया। इससे पहले कि वह कुछ कह पाता जेनिफर बोल पड़ी- 

“नाइस अरेंजमेंट्स जार्ज, आई एम इम्प्रेस्ड। तुम्हारा सरप्राइज वाकई बहुत अच्छा है।”

“सो काइंड ऑफ यू जेनिफर। मैं बहुत नर्वस था कि तुम्हें यह पसंद आएगा या नही।” जॉर्ज ने शर्माते हुए कहा।

जेनिफर ने शैम्पेन का घूंट भरते हुए कहा- “ऑफकोर्स, आई लाइक इट। मुझे यह बहुत पसंद आया।

वह शैम्पेन का अगला घूंट भर ही रही थी कि उसके मुंह में कोई ठोस चीज आकर अटक गई। उसने जब मुंह से वह चीज निकाल कर देखी तो हैरान रह गई। यह छोटे से हीरे की अंगूठी थी।

इससे पहले कि वह जॉर्ज से कुछ कह पाती, जॉर्ज बोल पड़ा- “आई नो जेनिफर, यह सब बहुत जल्दी हो रहा है लेकिन अब मैं और इंतजार नही कर सकता। एक महीने पहले जब से मैने तुम्हें देखा है, उस पल से ही मैं तुम्हें अपने जीवनसाथी के रूप में देख रहा हूँ। तुम्हें देखकर मेरे दिल की धड़कन रुक सी जाती हैं। लगता है कि ना जाने कितने जन्मों से मुझे बस तुम्हारा ही इंतजार था और आखिरकार मेरा वो इंतजार खत्म हुआ। 

इतना सब कहते हुए जॉर्ज खड़ा होकर जेनिफर के पास जाता हैं और घुटनों के बल बैठ जाता है। अपने हाथ में अंगूठी लेते हुए जेनिफर से कहता है- ”हे जेनिफर, विल यू मैरी मी? क्या तुम मुझे अपना जीवनसाथी चुनना पसंद करोगी?”

जेनिफर यह सब सुनकर मन ही मन खुश थी जैसे वह जॉर्ज के इसी प्रस्ताव की प्रतीक्षा कर रही हो। उसने अपनी आंखें बंद की और अपने जवाब के लिए शब्द ढूंढने लगी। कुछ देर की खामोशी के बाद जब जेनिफर अपने दिल की बात जॉर्ज को बताने जा रही थी कि तभी जॉर्ज का फोन बजा। फोन की घण्टी से जॉर्ज की तन्द्रा टूट गई और वह सकपका कर उठ खड़ा हुआ। उसे फोन करने वाले आदमी पर गुस्सा आ रहा था। उसकी वजह से जॉर्ज जेनिफर का जवाब नहीं सुन पाया।

उसने जेब में से फोन निकाल कर देखा। फोन उसके चचेरे छोटे भाई जॉन का था। जॉन जॉर्ज के साथ उसके ही कॉलेज में पढ़ता था। दोनों भाई सेंट मेरी होस्टल के एक ही कमरे में रहते थे। जॉन जेनिफर को लेकर जॉर्ज की भावनाओं के बारे में जानता था। दरअसल जॉन ने ही अपने दोस्त से कहकर जॉर्ज को वह कार एक दिन के लिए दिलवाई थी जिसमें वह जेनिफर के साथ यहां तक आया था।

जॉर्ज के फोन उठाते ही जॉन उधर से बोला- “हेलो जॉर्ज, तुम इस वक्त जहां भी हो फौरन अपने होस्टल वापस आ जाओ।”

जॉन की घबराहट भरी आवाज सुनकर जॉर्ज अपना गुस्सा भूल गया। उसने डरे हुए स्वर में पूछा- “क्या हुआ जॉन, तुम इतने घबराये हुए क्यों हो?”

“आज फिर हमारे हॉस्टल के पीछे एक लाश मिली है। बिल्कुल वैसी ही जैसी पिछली बार मिली थी।” जॉन बता रहा था।

जॉर्ज का गला सूख गया। वह बड़ी मुश्किल से बोल पाया- “क्या! एक और लाश?

“हाँ भाई। अपनी ही क्लास में पढ़ने वाली फारिया है। एक बूंद खून तक नहीं छोड़ा उस वैम्पायर ने। आप बस जल्दी से आ जाओ, मुझे तो बहुत डर लग रहा है।” इतना कहकर जॉन ने फोन काट दिया।

जॉर्ज के चेहरे पर हवाइयां उड़ते देख जेनिफर ने पूछा- “क्या हुआ जार्ज? इज एवरीथिंग ऑलराइट ? तुम कुछ परेशान लग रहे हो। किसका फोन था?”

जॉन को कुछ समझ नहीं आ रहा था। उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था। उसने जेनिफर की ओर देखते हुए कहा- “क्या हम अभी वापस लौट सकते है?”

“पर हुआ क्या है? कुछ तो बताओ।” जेनिफर परेशान हो उठी।

जॉन ने कार की तरफ बढ़ते हुए कहा- हॉस्टल में फिर एक लाश मिली है। पिछली लाश के जैसी।

“क्या! य.... ये कैसे हो सकता है? किसकी लाश मिली है?” इस बार घबराने की बारी जेनिफर की थीं।

“अब वो तो वहां पहुंच कर ही पता चलेगा। खैर, चलो पहले तुम्हें तुम्हारे घर पर छोड़ दूँ, उसके बाद हॉस्टल के लिए निकल जाऊंगा।” जॉर्ज ने कार में बैठते हुए कहा।

“नही जॉर्ज मैं भी तुम्हारे साथ चलूंगी।” जेनिफर ने जिद की।

“नही जेनिफर तुम वहां पर जाकर क्या करोगी?” जैसी सिचुएशन होगी मैं तुम्हें बता दूंगा, ठीक है? जॉर्ज ने पूछा।

जेनिफर के हामी भर देने पर जॉर्ज ने पहले उसे उसके घर छोड़ा और फिर हॉस्टल पहुंचा। वहां का दृश्य भयावह था। चारों तरफ पुलिस बल तैनात थीं। बीच में एक लड़की की लाश थी जिसका चेहरा कुचला हुआ था।

हॉस्टल को खाली करवाया गया था। हॉस्टल का स्टाफ, वहाँ पर रहने वाले बच्चे सब हॉस्टल के बगीचे में भीड़ लगाकर खड़े थे। पूछताछ के लिए केवल हॉस्टल के वॉर्डन को अंदर आने दिया गया था। जॉर्ज भी वही आ कर खड़ा हो गया। 

जॉर्ज को देखकर जॉन उसके पास आया। जॉर्ज ने उसे देखते ही पूछा- “तुमने कहा था कि यह फारिया की लाश है लेकिन इसका तो चेहरा पूरी तरह से बिगड़ा हुआ है। तुम्हारा दिमाग तो ठीक है। तुम्हें कैसे पता कि यह लाश फारिया की ही है ?

जॉन ने कान में फुसफुसाते हुए कहा- “क्योंकि पूरे हॉस्टल में से एक वहीं लड़की गायब है।”

इसके बाद जॉर्ज ने कोई और बात नहीं की। दो घंटे बाद जब पुलिस अपनी तहकीकात खत्म कर लाश को वहां से ले जा रही थी तो जॉर्ज ने उसका शरीर ध्यान से देखा। उस लाश का शरीर पूरी तरह से सफेद पड़ चुका था जैसे खून की एक एक बूंद निचोड़ ली गई हो।

पुलिस के जाने के बाद जब सभी लोगों को उनके कमरे में भेज दिया गया तो जॉर्ज और जॉन भी अपने कमरे में चले गए।


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