घास भी हार न मानकर अनुकूल समय आने पर फिर से खड़ी हो जाती है! घास भी हार न मानकर अनुकूल समय आने पर फिर से खड़ी हो जाती है!
नम्रता साधारण व्यक्ति को भी फ़रिश्ता बना देती है नम्रता साधारण व्यक्ति को भी फ़रिश्ता बना देती है
हम अपने देश की रक्षा के लिए सर्वस्व बलिदान करने मे कभी न हिचकिचायें।" हम अपने देश की रक्षा के लिए सर्वस्व बलिदान करने मे कभी न हिचकिचायें।"
वैशाख माह में गधे के खुश रहने से गधे को ‘वैशाखनन्दन’ भी कहते हैं। वैशाख माह में गधे के खुश रहने से गधे को ‘वैशाखनन्दन’ भी कहते हैं।
कहानी के इस अंश में आप देखेंगे कैसे एक लुहार, अपने मालिक के सम्मान के लिए अपने आप को बदल लेता है। जो... कहानी के इस अंश में आप देखेंगे कैसे एक लुहार, अपने मालिक के सम्मान के लिए अपने आ...
जब सभी लोगों को उनके कमरे में भेज दिया गया तो जॉर्ज और जॉन भी अपने कमरे में चले गए। जब सभी लोगों को उनके कमरे में भेज दिया गया तो जॉर्ज और जॉन भी अपने कमरे में चले ...