Heena Punjabi

Inspirational

4.2  

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वाणी एक बदलाव का रास्ता

वाणी एक बदलाव का रास्ता

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विश्व के सभी पुराणों में वाणी के उपयोग को लेकर हमेशा से ही बहुत सी बातें लिखी गई है, जैसे कि उसको किस तरह बोलना हो किस के सामने, कब मिठास से बोलना चाहिए और कब कठोर से बोलना चाहिए, अपने हर एक वाक्य को सोच समझकर बोलना चाहिए यह सब का वर्णन पुराणों में किया गया है। 

वैसे तो लोगों को मीठी वाणी बोलने वाले लोग ही पसंद आते हैं क्योंकि जो कड़वा बोलते हैं वह हमेशा सत्य ही बोलते हैं, वह अपने ह्रदय में कुछ छुपा कर नहीं रखते और लोगों को कड़वी वाणी वाले लोग पसंद नहीं आते। लेकिन देश में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनके विचार बहुत उम्दा होते है पर उनके पास वह वाणी नहीं होती की जिससे वह अपने विचारों को प्रकट कर सके यहां तो वह गूंगे होते हैं या तो वह थोड़ा तुतलाकर बोलते हैं, और ऐसे लोगो का मज़ाक उड़ाने में समाज कभी पीछे नहीं रहता भले ही उस व्यक्ति में कितनी भी काबिलियत क्यों ना हो। 

एक ऐसी ही व्यक्ति है तमन्ना नाम की जो समाज के मजाक उड़ाने के व्यवहार को तो बंद नहीं कर सकी पर उसने अपने नाम का अर्थ समझ लिया और समाज की परवाह किए बिना वह अपने सपनों की उड़ान भरने निकल पड़ी. यूं तो जो भी व्यक्ति अपने सपनों को पूरा करना चाहता है उसे काफी सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और तमन्ना ने भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए काफी सारी कठिनाइयों का सामना किया। 

  तमन्ना बचपन से ही पढ़ाई में काफी होशियार रही है और उसके विचार भी बहुत उम्दा है ऐसे विचार है जो देश में क्रांतिकारी ला सके, लेकिन वह हमेशा से अपने विचारों को प्रकट करने में डरती थी क्योंकि वह थोड़ा तुतलाकर बोलती थी। तमन्ना बचपन में काफी रोती रहती थी और सोचती थी भगवान ने मुझे ऐसी वाणी क्यों दी उसे तो अच्छा होता के भगवान मुझे वाणी ही नहीं देते, क्योंकि तमन्ना की जो समस्या थी वो उसके रिश्तेदार तक नहीं समझ सके, उसके रिश्तेदारों को उसका हौसला बढ़ाना चाहिए उसे प्रोत्साहित करना चाहिए, लेकिन वह लोग तो उसे एक मौज मस्ती का साधन समझते थे। यूं तो तमन्ना जैसे- जैसे बड़ी कक्षा में जाती जा रही थी वैसे-वैसे उसका आत्मविश्वास कम पढ़ता जा रहा थ और वह लोगों से बात करना भी कम करती जा रही थी. लेकिन कहते हैं ना जो अपने सपनों को पूरी निष्ठा से पूरा करना चाहता है तो पूरी कायनात भी वह सपने को पूरा करने में जुट जाती है तो तमन्ना के साथ भी वैसा ही हुआ उसके पिता ने उसे बहुत प्रोत्साहित किया और उसके परिवारजनों ने भी उसका बहुत साथ दिया, और यह सब देखकर तमन्ना के अंदर एक नई सी उर्जा जाग उठी और नवी कक्षा से ही उसने ठान लिया कि वह 1 दिन बहुत बेहतरीन वक्ता यानी के भाषण देने वाली बनेगी। 

 तमन्ना ने सोच लिया था कि उसे अपना खोया हुआ आत्मविश्वास फिर से हासिल करना है तो फिर क्या था, उसने अलग-अलग प्रवृत्तियों में भाग लेना शुरू कर दिया जैसे के निबंध लेखन यहां तो कहानी लेखन उसके साथ ही उसने वक्ता स्पर्धा में भी भाग लेना शुरू कर दिया। वह दिन रात महेनत किया करती थी कि किस तरह वह अपनी वक्ता को बेहतरीन बना सकें और यही हुआ उसने अपनी पहचान बना ली थी कुछ चंद महीनों में ही. कॉलेज में प्रवेश लेने के साथ ही उसने यह निश्चय कर लिया था कि वह अपनी पढ़ाई और दूसरी प्रवृत्तियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेगी और परिणाम स्वरूप यही हुआ कि वह अपनी पढ़ाई और दूसरी प्रवृत्तियों को अच्छे से संभाल रही थी और इतना ही नहीं उसने कॉलेज में भी अपनी पहचान अच्छे से जमा ली थी. तमन्ना जब भी अपनी जिंदगी में पीछे मुड़कर देखती है तो वह देखकर काफी प्रसन्न होती है के उसमें काफी बदलाव आया है और वह बदलाव को देखकर काफी खुश भी होती है लेकिन वह यह भी सोचती कि अभी बहुत सी चीजें बाकी है जिस में परिवर्तन लाना काफी जरूरी है और यही उसका जीवन हेतु है कि जो उसके साथ हुआ जो जलील उसने सही वह दूसरे लोग ना सहे और इसीलिए वह समाज में गलत के खिलाफ अपनी आवाज़ हमेशा उठाती आ रही है, क्योंकि उसे लगता है कि उसमें इतनी हिम्मत थी कि वह समाज की बात को सुनकर, उसे नकार सके पर दूसरे लोगों में इतनी हिम्मत नहीं कि वह समाज की बातों को नकार कर अपने जीवन में आगे बढ़ सके। 

  तमन्ना सोचती रहती है कि हमारे पुराणों में लिखा गया है कि जैसा करोगे वैसा पाओगे और वह लोगों के बारे में सोचती है जो उसका मजाक उड़ाते थे कि उन लोगों ने तो अपनी पूरी जिंदगी उसका मजाक उड़ाने में ही व्यतीत कर दिया यह भी ना सोचा कि उनके जीवन में कितनी ऐसी कमियां है जिसे उन्हें सुधारने की जरूरत है लेकिन तमन्ना इस बात को देखकर खुश भी होती है कि उनके तानाशाही की वजह से तमन्ना की जिंदगी में नई ऊर्जा भरी और वह अपने जिंदगी में अपने सपनों को पूरा कर सकी। वह उन लोगों को देखकर हंसती भी है कि उन्होंने अपने जीवन में कुछ सुधार नहीं लाया और अपने कर्मों को और भी खराब करते रहे दूसरों का मजाक उड़ाते हुए, क्योंकि जीवन तो एक ही बार मिलता है और उन्होंने अपने जीवन को भी खराब कर दिए दूसरों का मजाक उड़ाने में ही। 



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