उस ओर
उस ओर
मुक्ता चौके में खाना बना रही थी उसने बाहर से कुछ आवाज सुनी खिड़की से झांक कर देखा तो दो बच्चियां मां के साथ मुरमुरा फुटाने बेच रही थी बच्चियां घर-घर आवाज देकर सबको खरीदने को कह रही थी
साथ ही कह रही थी आप यह खरीदेंगे तो मेरी मां हमें पढ़ा सकेगी। मुक्ता भी चले आई बाहर ,उसने बच्चों से पूछा तुम क्यों पढना चाहते हो ,"बच्चों ने कहा ,हम पढ़कर हम जैसे ही बच्चों को पढ़ा कर आगे लाना चाहते हैं । मुक्ता ने यह सुनते ही कहा ठीक है, मैं तुम्हारे सारे मुरमुरे फुटाने खरीदूंगी पर एक शर्त है तुम्हें मन लगाकर खूब मेहनत से पढ़ना होगा । तुम्हारे पढ़ाई का सारा खर्च मैं उठाऊंगी । उन तीनों की आंखों में हर्ष के आंसू आ गए।
मुक्ता ने तो ठान ही ली थी, चल पड़ी थी, उस ओर, जिस राह की उसे तलाश थी पर क्या वह उसे मिल गई थी।।
