टिंकू
टिंकू


टिंकू, तीस साल का हो गया है। कहने को वो अपने मां-बाप का अच्छा लड़का है। उसमें कोई भी अवगुण नहीं है नाही शराब पीता है नाही सिगरेट और नाही कोई और बुरी आदतें है उसमें। कहा जाये तो खरा सोना है टिंकू। आस-पास के लोग तो उदाहरण देने के लिए भी कहते है, 'लड़का हो तो टिंकू जैसा।'
टिंकू पेशे से डाक्टर है। नजदीक के ही सरकारी अस्पताल में काम करता है। रोज घर से ही जाता है और शाम को वक्त पे घर लौट आता है। टिंकू सामान्य कद-काठी का है। रंग गहरा सांवला है। वैसे तो वो तीस साल का है पर तीस साल का लगता नहीं है। अगर उसे किसी बीस साल के लड़के के साथ खड़ा करा जाये तो वो उसका छोटा भाई ही लगेगा। दुबलापन टिंकू को विरासत में मिला है। वो कितना भी खा-पीले पर उसके शरीर को लगता ही नहीं है।
टिंकू के पास सब कुछ है पैसा, दोस्त, नाम और सबसे ऊपर उसकी नौकरी। पर टिंकू को एक ही चीज परेशान करती है, उसकी शादी नहीं हो पा रही है। उसने आज की तारीख तक करीब-करीब आठ लड़कियां देख ली है पर हर बार लड़की रिश्ते के लिए मना कर देती है। टिंकू का दुबलापन, गहरा सांवला रंग हर बार उसे शरमिंदा कर देता है।
टिंकू अपने आप से बड़ा परेशान हो गया था। एक शाम वो शराब पीकर घर आया। ये देख हर कोई हैरान था। टिंकू शराब के नशे में जोर से चिल्लाते हुए बोला, "सीधी बात कह रहा हूँ। शादी कराओ मेरी, शादी। आज तक तो वो ही किया जो आप लोगों ने कहा। पर अब मैं कह रहा हूँ शादी कराओ मेरी। और मेरा नाम टिंकू क्या रखा ये, जब से गाना आया है 'पल-पल ना माने टिंकू जीया' सब के सब टिंकू जीया कहने लगे हैं मुझे। शादी कराओ बस तुम मेरी!"