Amit Kumar Pandey

Crime

3.8  

Amit Kumar Pandey

Crime

तीन खून

तीन खून

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९ दिसम्बर की रात डेढ़ बज रहे थे। भयंकर ठंड थी। ज़ोर ज़ोर से हवाएँ चल रही थी। बीच बीच में बूंदा बादी भी हो रही थी। चारों तरफ़ भयंकर सन्नाटा था। ये क्या?दीवान कोठारी के हवेली की बाऊंड्री लांघ कर एक साया एक काटेज की तरफ़ बढ़ रहा था। वो साया एक काटेज के सामने जा कर रुक गया। बेड रूम की खिड़की खुली हुयी थी। उसने अपने पैंट से एक पिस्टल निकाली, उस पर सायलेंसर  लगाया और दना दन चार फ़ायर किए। पिस्टल पर सायलेंसर लगे होने की वजह से आवाज़ वातावरण में नहीं गूंजी। फ़ायर करने के बाद वो साया उसी रास्ते लौट गया। क्या उसको कोई ऐसा करते देख रहा था या नहीं……………?

 

सुबह के ९ बज रहे थे। मौसम में काफी ठंडक थी। बारिश की वजह से मौसम खुशनुमा हो गया था। कैप्टन अविनाश अलसाया अपने बेड पर करवटें बदल रहा था। हालांकि उसे नींद नहीं आ रही थी फिर भी ठंड की वजह से उसका रजाई में से निकलने का मन नहीं हो रहा था। अविनाश की मां ने चाय की प्याली के साथ अविनाश के रूम में प्रवेश किया और चाय ले जाकर के सेंटर टेबल पर रख दी। वो अविनाश के बेड पर बैठ गई और प्यार से उसका सर सहलाने लगी। अविनाश झटके से उठ गया।


“क्या हुआ मां?”


“कुछ नहीं, सुबह के ९ बज रहे हैं। सोचा तेरे लिए चाय ले करके चलूँ। ”


“ठीक है माँ चाय का प्याला पकड़ा दो। ” माँ ने अविनाश को चाय का प्याला पकड़ा दिया और अविनाश चाय की चुस्कियां लेने लगा। तभी नौकर ने आकर अविनाश को बताया कि नीचे हाल में इंस्पेक्टर मनोज उसका इंतजार कर रहे हैं। अविनाश ने नौकर से कहा कि इंस्पेक्टर मनोज को ऊपर ही उसके बेडरूम में भेज दे। थोड़ी देर में इन्स्पेक्टर मनोज ने अविनाश के रूम में प्रवेश किया। वो रूम में रखे हुए सोफे पर बैठ गया।


“कुछ भी कहो अविनाश ऐश तो तुम्हारी ही है। पिताजी ने होटल का सारा बिजनेस संभाल रखा है और तुम रजाई में बैठ कर चाय की चुस्कियां ले रहे हो। हम लोगों को देखो हमें इस ठंड में भी ड्यूटी बजानी की पड़ रही हैं। ”


“ऐसा है मैं बेरोजगार हूं और तुम्हारे पास रोजगार है। ”


“अरे भाई ऐसे रोज़गार से बेरोजगार ही अच्छा है। ”


“अब नजर ना लगाओ। वैसे ही पिताजी मेरे प्रोफेशन को ले करके हमेशा मुझसे नाराज ही रहते हैं। ” माँ ने चाय के प्याले के साथ रूम में प्रवेश किया और मनोज को पकड़ा दिया।


“बेटा तुम ही अविनाश को समझाओ कि कम से कम शादी तो कर ले। मेरी भी उम्र हो रही है। घर में कोई साथ देने वाला तो आ जाएगा। ”


“ठीक है मां जी मैं अविनाश को समझा दूँगा। ”


“हां बेटा जरा तुम इसको समझाओ बराबर। ” इतना कहकर माँ रूम से बाहर चली गई।  


“मनोज लग रहा है कि कोई बहुत सीरियस बात है तभी तुम सीधे घर चले आए हो। ” 


“हाँ। मैं तुम्हें फोन पर भी बता सकता था पर मुझे लगा कि मौका-ए-वारदात पर तुम्हारे साथ ही चल चलूंगा। वैसे मैंने अपनी टीम भेज दी है। ” 


“बात तो बताओ की क्या हुआ है ?” 


“तुम दीवान कोठारी को जानते हो?”


“हाँ हाँ बहुत अच्छी तरीके से। वो आज़मनगर के रौनापार में रहते हैं। दीवान कोठारी की फ़ैमिली इस एरिया के करोड़पति में से एक हैं लेकिन उनको मरे तो काफी दिन हो गया है?”


“हाँ क़रीब १० साल। उनका प्लास्टिक का कारोबार है। दीवान के मरने के बाद उनका बिजनेस पार्टनर आलोक खेतान, दीवान कोठारी के लड़के अजय कोठारी के साथ बिजनेस देखता है। ”


अविनाश मनोज को बीच में टोकते हुए बोला,-“चलो वह सब तो पता कर लिया जाएगा। तुम मुद्दे पर आओ। ” 


“बात दरअसल यह है कि आज सुबह दीवान कोठारी की विधवा बहन शारदा की लड़की सीमा आज अपने कॉटेज में मरी हुई पायी गयी। किसी ने उसको ४ गोली मार दी। सबसे पहले उसकी मां शारदा ने खिड़की से उसकी लाश को देखा। तुम तो जानते ही हो ये बड़े लोग हैं इसलिए आनन-फानन में यह केस क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया। मैं चाहता हूँ कि तुम भी …………। ” अविनाश ने अपनी चाय खत्म की और बेड से उठ गया।


“तुम इंतज़ार करो। मैं १५-२० मिनट में तैयार होकर आता हूं। ”अविनाश क़रीब २० मिनट बाद तैयार हो करके मनोज के साथ रौनापार की तरफ चल दिया। रौनापार,आजमनगर से करीब २५ किलोमीटर की दूरी पर था। क़रीब आधे घंटे में वे दोनो दीवान कोठारी के बंगले में घुस गए। बंगले में काफी भीड़ लगी हुई थी। अविनाश ने अपनी कार ले जा करके सीधे पोर्च के नीचे खड़ी कर दी। अविनाश और मनोज कार से उतरे। उनको देखते ही सब इंस्पेक्टर राहुल ने इंस्पेक्टर मनोज को सलाम ठोका।


मनोज ने राहुल से पूछा,-“हाँ राहुल अब तक क्या पता किया?”


“सर जैसा कि आप देख रहे हैं कि दीवान का घर करीब करीब २ बीघे की बाउंड्री से घिरा है। इस बाउंड्री के अंदर पांच कॉटेज हैं। ये कॉटेज जिसके सामने हम सभी खड़े है ये दीवान कोठारी साहब का था। इस काटेज में इस वक्त उनकी बहन शारदा रहती है। इस काटेज के ठीक पीछे चार छोटे कॉटेज हैं। बाएँ तरफ़ से पहले कॉटेज में उनके मित्र और बिज़नेस पार्ट्नर आलोक खेतान अपने लड़के रवि खेतान के साथ रहते हैं। दूसरे काटेज में दीवान साहब की भांजी या उनकी बहन शारदा की लड़की सीमा कोठारी रहती थी, जो अपने बेड रूम में मरी हुयी पायी गयी। उसके बग़ल में दीवान साहब की लड़की निधि का काटेज है और सबसे दाएँ वाला काटेज में कोठारी का बड़ा लड़का अजय कोठारी रहता है। मेरा मतलब है की कुल मिला करके यहां पांच कॉटेज हैं। आज सुबह शारदा अपनी लड़की सीमा को जगाने के लिए उसके कॉटेज में गई तो उसने दरवाज़ा नहीं खोला। जब शारदा ने बेडरूम की खुली खिड़की से देखा तो पाया की सीमा बेड पर मरी हुई पड़ी है। डर के मारे शारदा बहुत जोर जोर से चिल्लाने लगी। उनकी आवाज सुन कर के जो लोग भी घर में थे वे सब लोग इकट्ठे हो गए। आनन-फानन में इनके फैमिली डॉक्टर मित्रा को बुलाया गया जिन्होंने सीमा को मृत घोसित किया। बाद में लोकल पुलिस को इत्तला की गयी। फिलहाल पुलिस ने सीमा का पूरा कॉटेज सील कर दिया है। फ़ोरेंसिक टीम अपना काम कर रही है। अब आप लोग चाहे तो सीमा के काटेज में चल सकते हैं। ” अविनाश मनोज के साथ सीमा के कॉटेज की तरफ चला गया। सीमा कोठारी के काटेज के सामने चार पुलिसवाले खड़े थे।  


“आओ मनोज अंदर चल के देखते हैं। ” दोनों ने दस्ताने पहन लिए। वो एक २ bhk काटेज था। वे सीधे बेड रूम में चले गए। अविनाश बहुत ध्यान से बेडरूम का मुआयना करने लगा। बेड पर सीमा की लाश पड़ी थी। वो नाईटी में थी। बेड पर चारों तरफ़ खून फैला हुआ था। फ़ोरेंसिक अपना काम कर रहे थे। उसे पीठ में चार गोली मारी गयी थी। पीठ के सामने वाली दीवार पे लगी खिड़की खुली हुयी थी।   


“मनोज चलो बाहर चलते हैं। ” इसके बाद वे दोनों काटेज से निकल कर खिड़की की तरफ़ चले गए।


“मनोज, देखो २ दिन से हल्की-फुल्की बारिश हो रही है इसलिए यहां ज़मीन पर कुछ जूतों के निशान दिखाई दे रहे हैं हालाँकि निशान बहुत स्पष्ट नहीं है। ” अविनाश ने बाहर खड़े होकर खिड़की में से देखा तो उसे सीमा की पीठ साफ साफ दिखाई दे रही थी।


“अविनाश, मुझे लगता है कि कातिल ने खिड़की से ही गोली मार दी। ” 


“मनोज मुझे भी ऐसा ही लग रहा है। गन पर साइलेंसर लगा होगा इसलिए आवाज़ भी नहीं गूंजी होगी। देखो चारों तरफ की बाउंड्री बहुत ऊंची भी नहीं है। ” वे दोनो जमीन पर पड़े जूते के निशान को फॉलो करने लगे। निशान के साथ चलते-चलते वे बाउंड्री की तरफ पहुँच गए।


“अविनाश, एक बार तो निश्चित है कि बाउंड्री लांघ करके कातिल आया होगा और खिड़की से सीमा को मार करके फिर चला गया। आने-जाने दोनों के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं पर बहुत साफ़ नहीं है। पर हैं ये कातिल के। ”


“मनोज, यह कहना बहुत जल्दबाजी होगा कि यह निशान कातिल के हैं। हाँ पहली दृष्टि में ऐसा लग रहा है। ” इसके बाद मनोज और अविनाश जा करके कॉटेज के सामने खड़े हो गए। थोड़ी देर बाद गया फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी काटेज से बाहर आ गए। एक्सपर्ट्स ने मनोज से कहा कि उन्होंने सारे सबूत उठा लिए हैं पर कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। उन्होंने भी कहा कि किसी ने खिड़की के बाहर से ही गोली मारी है। शरीर पर कोई भी हाथापाई के निशान नहीं है। जिसने गोली मारी होगी उसने गन पे साइलेंसर चढ़ाया होगा इसीलिए रात में आवाज बिल्कुल नहीं गूंजी। बाकी डिटेल बातें पोस्टमार्टम के बाद ही पता लगेगी।


अविनाश ने कहा,-“ठीक है। मनोज लाश का पंचनामा करके उसको पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दो। राहुल से कह देना की सभी घर वालों के हाथ का निशान ज़रूर ले लेगा। आओ घरवालों से एक बार बात कर लेते हैं। सीमा के काटेज को पूरा सील करवा देना, दोबारा भी तलाशी लेने की जरूरत पड़ सकती है। ” इंस्पेक्टर मनोज ने सब इंस्पेक्टर राहुल को तथाकथित निर्देश दिए और अविनाश के साथ दीवान कोठारी के काटेज में चला गया। हाल के बीचो बीच एक बहुत बड़ा सोफ़ा रखा हुआ था। सोफे पर एक साइड में एक औरत बैठे जोर ज़ोर से रो रही थी। कुछ नौकर चाकर पीछे खड़े हुए थे। सोफे पर ३ आदमी और बैठे हुए थे। एक आदमी वृद्ध लग रहा था और दो आदमी की उम्र करीब २५-३० के आसपास लग रही थी।


इंस्पेक्टर मनोज ने धीरे से वृद्ध आदमी से पूछा,-“मुझे सीमा के घरवालों से कुछ बात करनी है?” 


वो वृद्ध आदमी खड़ा हो गया और बोला,-“कहिए मैं दीवान कोठारी का मित्र आलोक खेतान हूँ। और यह जो दो लड़के बैठे हैं, इनमें से एक मेरा लड़का रवि है और दूसरा दीवान साहब का बड़ा लड़का अजय कोठारी है। यह जो लेडी सोफ़े पर बैठे रो रही है वो दीवान साहब की बहन शारदा है। सीमा शारदा की लड़की थी दीवान साहब की लड़की निधि अभी यहाँ नहीं हैं। ”


“क्या मैं आपसे आपके परिवार के बारे में जान सकता हूं?” 


“यह आज ही जरूरी है। अगर एक-दो दिन बाद बात करें तो………। ”


“अच्छा ठीक है। मेरे हिसाब से मनोज इन लोगों को परेशान नहीं करते हैं। ठीक है आलोक साहब हम लोग परसों आपसे मिलेंगे। ”


“बिल्कुल सर परसों मैं आपको सारी जानकारी दे दूंगा। इस वक्त हम लोग इमोशनली बहुत कमजोर हैं। ” अविनाश और मनोज काटेज से बाहर निकल गए।


“आओ मनोज पूरे घर का एक चक्कर लगा लेते हैं। ” इसके बाद अविनाश और मनोज बाउंड्री के किनारे किनारे टहलने लगे।


“एक बात है अविनाश,ये घर काफ़ी एकांत में बना हुआ है। शहर से शोर गुल से इतनी दूर की कोई अगर किसी की हत्या कर भी दे तो किसी को क्या पता लगेगा। रात सब अपने-अपने कॉटेज में मस्ती मार रहे होंगे और बाउंड्री भी कोई खास ऊँची तो नहीं है की जिसे लांघा न जा सके। ”


“पर मनोज, कातिल कोई घर का भी हो सकता है और बाहर का भी हो सकता है?” 


“मैं तो तुमको सिर्फ यह बता रहा हूं की बाउंड्री भी बहुत ऊंची नहीं है और जमीन पर फुटप्रिंट भी मिले है।  ”


“यह कोई जरूरी नहीं है कि वह फुट प्रिंट कल रात का ही हो। २-३ दिन पुराना भी फुटप्रिंट हो सकता है। इसलिए कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी है। ” वे दोनों बाउंड्री के किनारे टहलते टहलते वापस दीवान के कॉटेज के सामने आ गए।  


“आओ मनोज चलो अब वापस चलते हैं। ” इसके बाद अविनाश और मनोज कार से वापस चल पड़े।  थाने में अविनाश ने इंस्पेक्टर मनोज को ड्रॉप किया और बोल दिया कि जैसे ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिले वह उसको इत्तला कर दें और यदि कोई बहुत ज्यादा संदिग्ध बात ना हो तो सीमा की लाश को उसके घर वालों को सौंप दिया जाए। मनोज को थाने छोड़ करके अविनाश साई डिटेक्टिव एजेंसी आ गया। एजेंसी में राजू और बेबी पहले से आ गए थे।

             

              २


राजू बोला,-“क्या बात है सर आज आपको बहुत लेट हो गया?” 


“अंदर आओ तो बताएँ कि क्यों लेट हो गया?” राजू और बेबी भी अविनाश के केबिन में आ गए।  अविनाश ने उन दोनों को सुबह की घटना के बारे में बता दिया।


राजू बोला,-“सर, मैं भी दीवान कोठारी को अच्छी तरीके से जानता हूँ। वो इस शहर का बहुत मशहूर  आदमी था। सुबह ही मुझे पता लग गया था कि उनकी भांजी की हत्या हो गई है। पर मुझे नहीं पता था कि आप इस केस मे लग जाओगे। ” 


“जो भी केस क्राइम ब्रांच को सौंपा जाता है खास करके मनोज को, मैं ऑटोमेटेकली इनवॉल हो जाता हूं। ”


“चलिए अच्छा है सर पर वही आपका पुराना स्टेटमेंट होगा कि जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट न आ जाए हमें इंतज़ार करना होगा। ”


“नहीं, आज मैं यह तुमसे ये नहीं कहूंगा क्योंकि कोठारी के जो मित्र हैं आलोक खेतान उन्होंने हमको परसों बुलाया है। एक काम करो कि आज पूरा दिन और कल पूरा दिन तुम और बेबी सिर्फ दीवान कोठारी की पूरी फैमिली के बारे में पता करो।  जितना हो सके उतनी जानकारी इकट्ठा कर लो ताकि जैसे ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट आए हम इस केस पर काम करना शुरू कर दे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट शाम से पहले नहीं आ पाएगी। ”


“ठीक है सर। ” इसके बाद राजू और बेबी अविनाश के केबिन से निकल गए और थोड़ी देर में वे अपने काम के लिए चल पड़े। अविनाश पूरे दिन एजेंसी में बैठा रहा। शाम को करीब ४ बजे के आसपास इंस्पेक्टर मनोज,पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी के साथ उसके केबिन में प्रवेश किया।


“क्या बात है भाई आजकल रिपोर्ट फोन पर नहीं बता रहे हो सीधे मेरे पास ही चले आ रहे हो?”

 

“अविनाश,बात दरअसल यह है कि आज मैं बहुत थक गया हूं। मैं यहीं से अपने घर जा रहा हूं।  तुम्हारे लिए मैंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट की एक कॉपी करवा ली है। इस रिपोर्ट में सीमा से सम्बंधित सारी जानकारी है। सीमा की लाश को मैंने उनके घर वालों को सौंप दिया है। ”


“पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या लिखा है?”


“मरने वाली लड़की मतलब सीमा की उम्र करीब २५-२७ साल के आसपास होगी। उसकी मौत ९ दिसम्बर को रात में करीब १ से २ के बीच हुई थी। उसको पीठ में करीब ६ से ७ फीट की दूरी से ४ गोलियां मारी गई थी जब वो करवट सो रही होगी। । सीमा के पेट में शराब की मात्रा बरामद हुई है। मेरा कहने मतलब है कि रात में सीमा ने ठीक-ठाक शराब पी होगी। शरीर पर कोई भी हाथापाई के मार्क्स नहीं है। कोई सेक्शूअल असॉल्ट नहीं हुआ है। एक तो खिड़की खुली थी, रात का मौसम था, शराब का नशा था, नींद गहरी रही होगी और इसी का फ़ायदा उठाकर किसी ने बाहर से चार गोली चुपचाप मारी और चला गया। क्योंकि कॉटेज का दरवाजा अंदर से तो बंद था और दरवाजे पर कोई फोर्स एंट्री का निशान नहीं है इसलिए दरवाजा तो अंदर से नहीं खोला गया था। खिड़की से चारदीवारी तक जूते का निशान भी है। सारी बात एक ही तरफ़ इशारा कर रही हैं कि गोली खिड़की से ही मारी गई है। ”


“चलो तुम्हारी बात मान लेते हैं। एक बात बताओ अगर खिड़की नहीं खुली रहती तो कातिल कैसे क़त्ल करता?मेरा मतलब है कातिल को कैसे पता की खिड़की खुली थी। ”


“तुम्हारे कहने का मतलब किसी ने कातिल को बताया होगा। पर कौन?”


“परेशान मत हो मैं तो बस यूँ ही पूछ रहा था। और कोई ख़ास बात?”


“लड़की शादीशुदा नहीं थी फिर भी सेक्सुअली एक्टिव थी। ”


“मनोज, आज के जमाने में यह बात मैटर ही नहीं करती। सीमा का पोस्टमार्टम किसने किया था?”


“सिविल सर्जन डॉक्टर तिवारी ने। ” 


“डॉक्टर तिवारी का नंबर जरा मिलाओ। ” मनोज ने डॉक्टर तिवारी का नंबर मिलाकर मोबाइल अविनाश को पकड़ा दिया।


“डॉक्टर तिवारी, गुड ईवनिंग। मैं अविनाश बोल रहा हूँ। ”


“गुड ईवनिंग सर, बोलिए। ” 


“मैंने सीमा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ ली है। मैं आप से एक सवाल पूछना चाहता हूँ। सीमा  सेक्सुअली एक्टिव थी तो क्या आप बता सकते हैं कि मौत से पहले उसने सेक्स किया था या नहीं?”


“नहीं, मौत से पहले उसने सेक्स नहीं किया था। ओके डॉक्टर तिवारी बहुत-बहुत धन्यवाद। ” अविनाश ने फ़ोन मनोज को पकड़ा दिया।


“बाक़ी सीमा के काटेज से जो भी चीज़ बरामद हुयी जैसे पर्स, लैप्टॉप, मोबाइल उनसे कुछ भी ख़ास नहीं मिला है। अगर ज़रूरी होगा तो लैप्टॉप और मोबाइल एक बार और स्कैन करवा लेंगे। ”


“ठीक है। ” 


“पर तुमने डॉक्टर तिवारी से ये बात क्यों पूछी की सीमा ने मरने से पहले सेक्स किया था की नहीं। ”


“मेरा मतलब ये था की हो सकता हो सीमा अपने काटेज में किसी के साथ मौजूद रही हो और वही शख़्स मार कर निकल गया हो। ”


“लेकिन सेक्स तो वो बाहर से भी कहीं करके घर आ सकती थी। ”


“तब उस तरफ़ सोचते पर जब ऐसा नहीं तो इस बात को यहीं छोड़ देतें हैं। अब आगे क्या करना है ?”


“क्या, क्या करना है? इस केस पर काम करना शुरू करना है। ” 


“वैसे मैंने राजू और बेबी को कोठारी की फैमिली के बारे में पता लगाने के लिए भेज भी दिया है।  परसो सुबह १०:०० बजे के आसपास आलोक खेतान से मिलने के लिए रौनापार चलना है। ”


“हां मुझे अच्छी तरीके से याद है। अब मैं चल रहा हूँ। ” इसके बाद मनोज वहां से चला गया। मनोज के जाने के बाद अविनाश पोस्टमार्टम रिपोर्ट की फाइल लेकर के बैठ गया और उसे ध्यान से पढ़ने लगा।  आधे घंटे बाद उसने फाइल को मेज पर रखा और एजेंसी बंद करके अपने घर चला गया। करीब ९ बजे के आसपास मनोज फिर आनन-फानन में अविनाश के घर आ गया। अविनाश अपने रूम में बैठा टीवी देख रहा था और मनोज सीधे उसके रूम में घुस आया।


“क्या हुआ मनोज तुम इस समय फिर? कोई और मुसीबत आ गई क्या?”


“यार अभी अभी पता चला है कि दीवान कोठारी की छोटी लड़की निधि अपने फार्म हाउस पर मरी हुई पाई गई है। किसी ने उसको गोली मार दी है। ”


“मतलब एक ही दिन में दीवान की भांजी सीमा और लड़की निधि दोनों की हत्या हो गई। तुम १० मिनट रुको मैं तैयार हो कर आया। ”अविनाश जाते समय अपनी मां से कह गया कि वह लौट करके आएगा तब रात का खाना खाएगा।  


“एक बात बताओ मनोज की चलना कहां है?”


“सीधे उसके फार्महाउस चलते हैं। ” 


“फार्महाउस कहां है?” 


“रौनापार से करीब 20 किलोमीटर आगे लाट घाट। फॉरेंसिक टीम और सब इंस्पेक्टर राहुल अपनी टीम के साथ वहां पहुंच ही रहा होगा। ” उन दोनो को फार्महाउस पहुंचने में १ घंटे लग गए। लाटघाट में फार्महाउस बिल्कुल वीरान जगह पर था। इन दोनों को फार्महाउस ढूंढने में कोई बहुत दिक्कत नहीं हुई। अविनाश ने अपनी गाड़ी ले जाकर सीधे पोर्च के नीचे खड़ी कर दी। पोर्च में एक कार और खड़ी थी। वो शायद निधि की होगी। सब इंस्पेक्टर राहुल नीचे खड़ा उन दोनों का इंतजार कर रहा था।  


“सर मैं आप दोनो का इंतज़ार कर रहा था। निधि की लाश ऊपर के कमरे में पड़ी है। फॉरेंसिक जगह-जगह से फिंगरप्रिंट उठाने की कोशिश कर रहे हैं। आप लोग भी देख लो। ” अविनाश और मनोज ने दस्ताना पहना और फर्स्ट फ्लोर पर बेडरूम में चले गए। रूम काफी बड़ा था। रूम के बीचो बीच एक बेड पड़ा था जिस पर निधि  की लाश पड़ी थी। बेड खून से लाल थी। लाश का मुंह छत की तरफ था। जमीन पर भी काफी खून बिखरा हुआ था। निधि ने नाइट ड्रेस पहन रखा था पर कपड़ा बहुत छोटा था। इसलिए वो लगभग अर्धनग्न थी। अविनाश ने लाश को बहुत ध्यान से देखा। लाश पे कोई हाथा पाई के निशान नहीं थे। मतलब लाश के साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं की गई थी। अविनाश ने लाश को पलट दिया।

  

“मनोज, देखने से ऐसा लग रहा है कि किसी ने निधि को पीछे से गोली मारी है और कुल ३ गोली मारी गई हैं। ” अविनाश ने लाश को फिर पीठ के बल लेटा दिया और ध्यान से रूम का मुआयना करने लगा।


“अविनाश, एक बात ध्यान दो। निधि के शरीर से कोई गहने नहीं निकाले गए हैं। ”


“हाँ तुम सही कह रहे हो। ” 


बेड के बग़ल में एक टेबल था जिस पर एक दारू की बोतल और एक ग्लास रखा हुआ था। अविनाश ने दारू की बोतल और गिलास को ध्यान से देखा। दोनो में शराब थी। बेड के दूसरे तरफ़ दीवार में लगी लकड़ी की अलमारी थी। अविनाश ने उस लकड़ी की अलमारी को खोला। लकड़ी की अलमारी में एक बैग रखा हुआ था। अविनाश ने उस बैग को खोला तो पाया कि उसमें निधि के कपड़े थे। निधि का एक सेट कपड़ा अलमारी में लटक रहा था। अलमारी में रखे बैग के बगल में निधि का पर्स रखा हुआ था और देखने से ऐसा लग रहा था कि पर्स की तलाशी ली गई है। पर्स के सामान आसपास अलमारी में बिखरे हुए थे। सामानों में निधि का ड्राइविंग लाइसेंस भी था। अविनाश ने ड्राइविंग लाइसेंस को ध्यान से देखा और उसे वापस अपनी जगह पर रख दिया। उसे पर्स से कोई भी जरूरी सामान नहीं मिला सिवाय औरतों के कुछ जरूरी सामान के। अविनाश ने अलमारी बंद की। बेड पर एक मोबाइल पड़ा हुआ था जो बंद था। अलमारी के बगल में एक शीशे का दरवाजा था जो पूरी तरीके से टूट चुका था और सारे टूटे हुए कांच रूम में अंदर की तरफ फैले हुए थे। अविनाश संभल के चलते हुए शीशे के दरवाजे को खोल दिया और रूम से लगी बालकनी में पहुंच गया। बालकनी में से उसे बाहर का नजारा साफ साफ दिखाई दे रहा था। मनोज भी बालकनी में चला आया।


“मनोज एक बात देख रहे हो। फर्स्ट फ्लोर जमीन से बहुत हाइट पर नहीं है। जमीन से बहुत आसानी से पाइप के सहारे या किसी चीज के सहारे बालकनी तक आया जा सकता है। ”


“अविनाश, तुम्हारे कहने का यह मतलब है कि कोई रात में बालकनी में आया, शीशा तोड़कर के अंदर घुस गया, उसने निधि की हत्या की, लूटपाट की और फिर उसी बालकनी से बाहर चला गया। ”


“अच्छा मनोज मेन दरवाजा बंद था या खुला हुआ था। ”


“अब यह बात तो राहुल ही बता सकता है। चलो नीचे चल कर पूछताछ करते हैं। बाकी फॉरेंसिक तो अपना काम कर ही रहे हैं। ”


“ठीक है। मुझे जितना देखना था मैंने एक नजर देख लिया है। ” अविनाश और मनोज नीचे आ गए।  सब इंस्पेक्टर राहुल तीन कॉन्स्टेबल के साथ खड़ा था। थोड़ी दूरी पर दीवान साहब का लड़का अजय अपने एक नौकर के साथ खड़ा था।  


अविनाश ने अजय से कहा,-“कल मैंने आपको सोफे पर बैठे हुए देखा था। आप अजय है ना?”


“हाँ। ” 


“आपको निधि की हत्या के बारे में कैसे पता चला?” 


“बात दरअसल यह है कि इन्स्पेक्टर मनोज ने आज शाम को सीमा की लाश हमें सौंप दी थी। हम लोग सुबह से ही निधि का फ़ोन ट्राई कर रहे थे लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ जा रहा था। ”


“आपको पता था कि निधि फार्महाउस आई हुई थी?”


“इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं थी कि निधि फॉर्म हाउस आई हुई है। कल शाम को उसने मुझसे कहा था कि उसे कुछ काम से लखनऊ जाना है इसलिए वह एक-दो दिन बाद लौट आएगी। ”


“तो फिर आप फार्महाउस कैसे पहुंच गए?” 


“हम लोग लगातार सुबह से ही उसका मोबाइल ट्राई कर रहे थे पर उसका फोन स्विच ऑफ जा रहा था। हम लोग उसको यह बताना चाह रहे थे कि सीमा की मौत हो गई है और हो सके तो उसके क्रीमेशन में जितनी जल्दी हो उपस्थित हो जाए। अब हमें क्या पता था कि वह खुद ही फॉर्म हाउस पर मरी हुई पड़ी है। फार्म हाउस रास्ते में था तो हमने सोचा कि सबसे पहले फार्महाउस को चेक कर लेते हैं। मैं जब यहाँ फार्महाउस में पहुंचा तो मैं देख करके दंग रह गया कि दरवाजा अंदर से बंद था और बार-बार खटखटाने पर कोई खोल नहीं रहा था। फिर मैंने आसपास के आदमियों की मदद से दरवाजे को तोड़ा और ऊपर रूम में देखा तो पाया तो निधि अपने बेड पर मरी हुई पड़ी है। उसके रूम में जो शीशे का दरवाजा बालकनी में खुलता है वह चकनाचूर हो चुका था। फिर मैंने लोकल पुलिस को इत्तला कर दी। अब कल हम निधि और सीमा दोनों का क्रीमेशन साथ में ही करेंगे। उम्मीद करते हैं कि कल शाम को हमको पोस्टमार्टम होकर निधि की लाश मिल जाएगी। ”


अविनाश बोला,-“आपको क्रिमेसन की बहुत जल्दी है। आपको क्या लगता है कि दोनों हत्या एक दूसरे से लिंक है। ”


“मैं साधारण आदमी हूं कोई आप की तरह जासूस नहीं हूं। पर देखने से मुझे ऐसा लग रहा है की कातिल बालकनी के रास्ते ही रूम में घुसा। पहले उसने दरवाजा बाहर से तोड़ा क्योंकि सारे कांच के टुकड़े रूम के अंदर पड़े हुए हैं। उसके बाद वो रूम के अंदर गया। निधि की हत्या की और उसी रास्ते वापस लौट गया। मैंने किसी भी चीज को हाथ नहीं लगाया और पुलिस को इत्तला करना ज्यादा उचित समझा। ”


“ठीक है मनोज एक काम करो की लाश का पंचनामा करके पोस्टमार्टम के लिए भेज दो। बाकी फ़ोरेंसिक अपना काम कर ही रहे हैं। कल इसकी भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट की फाइल हमें भिजवा देना। बाकी फार्महाउस को सील कर दो। दोबारा तलाशी लेने की ज़रूरत पड़ सकती है। चलो अब चला जाय काफ़ी रात हो गयी है। ” इसके बाद मनोज ने राहुल को तथाकथित निर्देश दिया और अविनाश और मनोज, अविनाश की कार से वापस चल पड़े।


“अविनाश, एक ही दिन में दीवान साहब के परिवार में से २ लोगों की हत्या हो गयी हैं। तुमको क्या लगता है कि दोनों हत्याएं आपस में जुड़ी हुई हैं या ये एक इत्तेफाक है। ”


“देखो मनोज जहां तक मेरा अनुभव कहता है यह संयोग तो नहीं है। बाकी जैसे-जैसे तफ्तीश करेंगे वैसे वैसे पता चलता रहेगा। ” करीब १ बजे तक वे वापस आजमनगर आ गए। मनोज को घर छोड़ता अविनाश अपने घर चला गया।


              ३


सुबह १० दिसंबर को वह करीब ११ बजे साईं डिटेक्टिव एजेंसी पहुंचा। राजू और बेबी अभी नहीं आए हुए थे। वे दोनों दीवान कोठारी की फैमिली के बारे में जानकारी लेने के लिए निकले हुए थे। अविनाश कंप्यूटर पर बैठा काम करने लगा। दोपहर करीब २ बजे के आसपास मनोज ने अविनाश को फोन किया।


“लगता है निधि की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई?” 


“हां आ गई है पर रिपोर्ट में कुछ खास नहीं है। हत्या का समय रात २ से ३ के बीच का है। सीमा की हत्या १ से २ के बीच हुई थी। ”


“मतलब एक ही रात में दोनो की हत्या?अच्छा मनोज एक बात बताओ की क्या १ घंटे में रौनपार से लाटघाट पहुंचा जा सकता है। ”


“बहुत आसानी से। ”


“दूसरी यह बात है कि जो बेड के बगल में दारू की गिलास और दारू की बोतल मिली थी उस पर सिर्फ और सिर्फ निधि के ही उंगलियों के निशान हैं। रात में निधि ने अच्छी खासी शराब पी रखी थी । निधि के पेट से अधपचा हुआ खाना भी मिला है। निधि को बहुत पास से तीन गोली पीठ में मारी गई है। शरीर पर कोई भी संघर्ष के निशान नहीं है। बाकी निधि शादीशुदा नहीं थी पर सेक्सुअली एक्टिव थी। रूम के कुछ जगहों से फिंगरप्रिंट बरामद हुआ है पर बहुत साफ़ नहीं है। किचन में एक जूठे प्लेट और पैक्ड खाना बरामद हुआ है पर उसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं हैं। प्लेट पर निधि के हाथ के निशान है। बाकी फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स का भी यही कहना है कि कोई रात में बालकनी का शीशा तोड़ करके अंदर आया और सोते में गोली मारकर सामान लूट कर चला गया। ” 


“मनोज, तुम्हारे कहने का मतलब है कि निधि पेट के बल सो रही थी। कातिल ने तीन गोली पीठ में मारी और फिर उसको पीठ के बल लेटा दिया और फिर समान लूट कर चला गया। ”


“लाश तो ऐसे ही बरामद हुयी थी और लाश का मुँह ऊपर की तरफ़ था। लगता तो ऐसा ही है क्योंकि शरीर पर किसी भी स्ट्रगल के निशान नहीं है। इसलिए ऐसा कयास लगाया जा सकता है की वो दारू के नशे में सो रही होगी इसलिए शीशे तोड़ने पर भी उसको आवाज नहीं आई होगी अन्यथा वह जग जाती। स्ट्रगल के निशान है नहीं, सेक्सुअल एसॉल्ट के निशान हैं नहीं,इसलिए ऐसा ही क़यास लगाया जा रहा है। निधि की कार से हमें कुछ भी बरामद नहीं हुआ। बाकी हमने पूरा फॉर्म हाउस को सील कर दिया है। लोकल पुलिस को निर्देश दे दिया है। दो कांस्टेबल परमानेंट ड्यूटी देंगे। ”


“यह तुमने अच्छा किया है क्योंकि फार्महाउस का दोबारा मुआयना करना पड़ सकता है। कल ११ दिसम्बर को हम लोग घर वालों से बयान ले सकते हैं। ”


“अब तो यह केस और भी सीरियस हो गया है। न्यूज़ पेपर में भी काफी लिखा हुआ है। काफी बड़ा घर है इसलिए दबाव हम लोगों के ऊपर अच्छा खासा है। ” 


“ठीक है।  कल १० बजे मैं थाने आ जाऊंगा और वहीं से दीवान साहब के घर चल चलेंगे। ” 


“मैंने सबको बोल भी दिया है।  सब लोग घर में ही रहेंगे। ”


“ठीक है चलो फोन रख रहा हूं। ” फोन रखते ही राजू और बेबी केबिन में आ गए।


“लगता है तुम दोनों २ दिन से लगातार काम करके काफी थक गए हो। ”


“हां सर थकावट तो बहुत ज्यादा हो रही है। ”


“तुम लोग बैठो मैं अभी आता हूं। ” अविनाश अपने सीट से उठा और करीब १० मिनट बाद ३ कप कॉफी लेकर के आया।

 

बेबी बोली,-“अरे सर आपने क्यों मेहनत की?”

 

“पूरे दिन बैठा बैठा बोर हो गया। तुम लोगों ने बहुत मेहनत की है। ” तीनों ने अपनी अपनी काफी की कप पकड़ ली और कॉफी की चुस्कियां लेने लगे।


“सबसे पहले मैं तुम लोगों को कल रात का वाकया बताता हूं। ” इसके बाद अविनाश ने निधि के मर्डर की पूरी कहानी राजू और बेबी से शेयर की।


राजू बोला,-“सर बड़ी अजीब सी बात है,एक ही रात में दो लोगों की हत्या, संजोग तो नहीं हो सकता। ”


“देखो राजू जरूर इसमें कोई राज है। हम लोगों को बहुत कड़ी तफ्तीश करनी पड़ेगी क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कुछ खास पता नहीं चला है। सिर्फ पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इतना ही पता चला है कि दोनों ने सोने के पहले शराब पी थी और दोनों लड़कियां अन मैरिड होने के बावजूद सेक्सुअली एक्टिव थी। मतलब दोनों के एक या एक से अधिक लड़कों से संबंध रहे होंगे जिनके साथ वो फिजिकल रिलेशन में थी। पर ये बात इस जमाने में कोई बहुत चौंकाने वाली नहीं है। ”


तब तक बेबी बोली,-“सर निधि के फार्म हाउस से तो दारू की बोतल बरामद हुयी पर सीमा के काटेज से हमें दारू की बोतल बरामद नहीं हुयी। ”


राजू बोला,-“बेबी, इसका मतलब सीमा बाहर से दारू पीकर आयी होगी। ” 


“ये सब बातें छोड़ो हम बाद में डिस्कशन करेंगे। सबसे पहले मुझे यह बात बताओ कि तुम लोगों ने कोठारी फैमिली के बारे में क्या पता किया?”


बेबी बोली,-“सर २ दिन से हम लोग इसी काम में लगे हुए थे। दीवान की मौत को करीब १० साल हो गए है। उनका रौनपार में प्लास्टिक का बहुत अच्छा कारोबार है। बहुत अच्छी खेती बाड़ी है। उनका रौनापार में अपने एक बड़े घर के अलावा लाटघाट में उनका एक फार्महाउस है जहां निधि की लाश मिली थी। दीवान कोठारी के वाइफ की मृत्यु शादी के ५ साल में ही हो गई थी। इसके बाद से दीवान कोठारी ने कोई दूसरी शादी नहीं की। उनके दो बच्चे हैं। बड़े लड़के का नाम अजय है और लड़की का नाम निधि। निधि की उम्र करीब २८ साल है और अजय ३० साल के आसपास है। निधि और अजय ने अभी तक शादी नहीं की है। निधि यही आजमनगर में अपना एक ब्यूटी पार्लर चलाती है। उससे उसको अच्छी कमाई होती है। बाकी उसका भाई अजय प्लास्टिक के कारोबार में हाथ बताता है। कोठारी के मरने के बाद से उसके प्लास्टिक के कारोबार की सारी जिम्मेदारी उनके दोस्त आलोक खेतान पर ही है। प्लास्टिक की फैक्ट्री आलोक खेतान और दीवान कोठारी ने साथ शुरू की थी। पर ज्यादा पैसा दीवान कोठारी का ही लगा था। दीवान कोठारी और आलोक में बहुत गाड़ी मित्रता थी। दीवान कोठारी की पत्नी की मृत्यु के बाद से उसकी बहन शारदा अपनी लड़की सीमा के साथ इन्हीं के घर रहने चली आयी। शारदा बहुत पहले की विधवा है। आप यह कह सकते हैं कि शारदा ने ही सीमा, अजय और निधि की देखभाल की है। इन सबके कॉटेज तो आपने देखे ही हैं। दीवान कोठारी के मरने के बाद शारदा उन्हीं की कॉटेज में शिफ्ट हो गई। बाकी पीछे चार कॉटेज हैं। एक कॉटेज में आलोक अपने लड़के रवी के साथ रहते हैं। दूसरा कॉटेज सीमा का है। तीसरा कॉटेज निधि का और चौथा कॉटेज अजय का है। आलोक क़रीब करीब इस वक्त ६५ साल के आसपास के होंगे। उनका लड़का रवी की उम्र लगभग ३० के आस पास की है। इनमें से किसी बच्चों ने शादी नहीं की है। आज से करीब २ हफ्ते पहले अजय ने आजमनगर की एक लड़की के साथ सगाई कर ली है। गर्मी में वे शादी करेंगे। सीमा का भी आजमनगर में अपना एक बुटीक है। सीमा का बुटीक भी ठीक-ठाक चलता है। पता नहीं कि सीमा और निधि के मरने के बाद उनके बिजनेस का क्या होगा?रवि एक नंबर का आवारा और बदचलन किस्म का लड़का है। हमें लोगों से पता चला है कि आलोक खेतान बहुत चाहते थे कि रवि की शादी निधि से हो जाए पर निधि इसके लिए तैयार नहीं हुयी। इसी बात को ले करके आलोक निधि से थोड़ा खफा भी थे। पर वह सभी बच्चों को अपने बच्चे की तरह ही देखते हैं। दीवान साहब के मरने के बाद आलोक ने ही सारा बिजनेस को संभाल रखा है। अजय उनकी बिजनेस में हेल्प करता है । बाकी अजय भी बहुत अच्छा लड़का नहीं है लेकिन वह रवि की तरह आवारागर्दी नहीं करता है।  सभी शराबी और बदचलन हैं। निधि,सीमा,रवि,अजय सब देर रात दारु पी करके अपने कॉटेज में आते हैं। आलोक खेतान की पत्नी की मृत्यु भी हो चुकी है। बाकी सर दीवान कोठारी का एक लीगल एडवाइजर हैं,मेरा मतलब एक वकील है शिवनंदन सिंह। हम दोनों की मुलाकात शिवनंदन से नहीं हो पाई। शायद हम दोनों मिलते तो वसीयत के बारे में जानकारी लेते। बाकी सर वे सब किससे मिलते थे  किसके साथ रहते थे,यह सब तो मोबाइल रिकॉर्ड से पता लगेगा। हम लोगों ने बहुत लोगों से पूछा की  कोई भी सीमा को क्यों मारना चाहेगा पर किसी के पास कोई जवाब नहीं है? हम दोनों को निधि की मौत के बारे में नहीं पता था। अब प्रश्न ये उठता है की इन दोनो की मौत से किसको क्या फ़ायदा है?” 


तब तक राजू बोला,-“सर सीमा और निधि दोनों बिजनेस करते थे तो हो सकता है कि बिजनेस की कोई दुश्मनी रही हो। ”


“देखो राजू दोनों के बिजनेस अलग-अलग है तो दुश्मन भी अलग-अलग होने चाहिए। यहां तो एक ही रात में दोनों की हत्या हुई है। अब यह मात्र संजोग होगा कि दो दुश्मन एक ही रात में दोनों को मारने का प्लान बनाते हैं। मुझे नहीं लगता कि बुटीक और ब्यूटी पार्लर कोई इतना बड़ा बिजनेस है जिसकी वजह से दुश्मनी पैदा हो जाए। ”


राजू बोला,-“सर आप बात सही कर रहे हैं। सर एक खास और पता लगी है कि अजय,आलोक खेतान के साथ प्लास्टिक की फैक्ट्री में काम तो करता है पर वो विदेश में जा करके शिफ्ट होने वाला है। यही हालत निधि की भी है। निधि भी अपना ब्यूटी पार्लर किसी बहुत बड़े जगह में खोलना चाहती है। मतलब निधि भी आजमनगर से शिफ्ट होना चाहती है। पर ये दोनों भाई बहन अब तक क्यों नहीं शिफ़्ट हो रहे हैं, सही पूछिए सर तो यही बात तो हमारे समझ में नहीं आ रही हैं। ”


“तुमने सीमा की माँ शारदा के बारे में कुछ नहीं बताया?” 


“सर कुछ भी खास बताने के लिए नहीं है। शारदा बहुत सीधी साधी है। उसकी लड़की सीमा उसकी क्या सुनती होंगी। ”


“इन बच्चों में आपस में कोई झगड़ा?” 


“ऐसा कुछ सुनाई तो नहीं दिया। सब अपने आप में मगन है। किसी के पास पैसे की कमी तो है नहीं। ”


“लेकिन किसी को तो इनसे दिक़्क़त थी। तुम लोगों ने काफी कुछ पता लगा लिया है। राजू,बेबी अब तुम लोग जाओ। थोड़ी देर में मैं भी घर चला जाऊँगा। कल मैं एजेंसी लेट आऊंगा। मैं इंस्पेक्टर मनोज के साथ सबके बयान लेने के लिए दीवान साहब के बंगले पर जाऊंगा। ” 


“ठीक है सर। ” इसके बाद राजू और बेबी एजेंसी से चले गए। थोड़े समय बाद अविनाश भी एजेन्सी से अपने घर चला गया।


              ४


अगले दिन ११ दिसंबर १० बजे के आसपास वो तैयार होकर थाने पहुंच गया। वहाँ इंस्पेक्टर मनोज उसका पहले से इंतजार कर रहा था। इंस्पेक्टर मनोज,अविनाश की कार से दीवान साहब की हवेली की तरफ चल दिया। अविनाश ने कार ले जा करके सीधे दीवान साहब के काटेज के पोर्च के नीचे खड़ी कर दी। अविनाश और मनोज कार से उतर कर सीधे हॉल में घुस गए। काफ़ी लोग हाल में  उपस्थित थे। देखने से ऐसा लग रहा था कि कुछ बाहर के लोग भी उपस्थित थे। आलोक ने दोनों को देखते ही सोफ़े पर बैठने का इशारा किया। थोड़ी देर में उनका नौकर चाय पानी लेकर के आया। चाय पानी पीने के बाद आलोक खेतान ने उनसे से पूछा कि बताइए आप क्या जानना चाहते हैं? 


मनोज ने कहा,-“मेरे ख्याल से यहां ठीक नहीं रहेगा। यहाँ काफी भीड़ है। हम लोगों को किसी एकांत जगह पर चलना चाहिए। ” 


“आप शायद ठीक कह रहे हैं। आप लोग मेरे पीछे-पीछे चले आइए। ”आलोक सोफ़े से उठा और हॉल से सटे एक बेडरूम में चला गया। उन दोनो ने आलोक को फ़ॉलो किया। बेडरूम काफी सुसज्जित था। मनोज और अविनाश सोफे पर बैठ गए।


“ये रूम दीवान कोठारी साहब का है। जब से वे इस दुनिया से गए हैं तब से कोई इस रूम में रहता नहीं है। इसके बगल वाले बेडरूम में शारदा रहती है। बताइए आप क्या जानना चाहते हैं?”


अविनाश बोला,-“देखिए कुछ-कुछ तो मैंने पता लगाया है आपकी फैमिली के बारे में। आप लोग इस एरिया के करोड़पति लोग हैं इसलिए बहुत लोगों को आपके बारे में पता है। इसलिए मैं वो बात जानना चाहता हूं जिसके बारे में किसी को पता ना हो। ”


“मसलन। ”


“दीवान साहब को मरे करीब १० साल हो गए हैं। उनके मरने के बाद सारा बिजनेस और सारा परिवार लगभग आप ही देख रहे हैं। आप हमें यह बताइए कि इस पूरे बिसनेस और प्रॉपर्टी में आपकी और परिवार की क्या हिस्सेदारी है?” 


“देखिए दीवान साहब ने मरने से पहले एक वसीयत बनाई थी। इसके हिसाब से पूरी की पूरी प्रॉपर्टी चार हिस्से में बटी हुयी है। मेरे,शारदा,अजय और निधि में। सभी एक चौथायी के मालिक हैं। दीवान साहब ने किसी के साथ बेइमानी नहीं की है। ”


“आप इतनी मेहनत करते हैं। सब कुछ देखते हैं तो उस हिसाब से तो आपका हिस्सा तो बहुत कम हुआ। ”


“बात दरअसल यह है कि जब हम लोगों ने प्लास्टिक का कारोबार शुरू किया था तो मेरी सिर्फ मेहनत थी और दीवान कोठारी की मेहनत और पैसा दोनों लगा था। तो आप यह मान सकते हैं कि मैं दीवान का मुलाजिम हूं। वह तो उनका इतना बड़प्पन है कि उसने अपनी पूरी प्रॉपर्टी का २५ परसेंट मेरे नाम कर रखा है। पर वसीयत पर एक क्लाज लगा है। ”


“क्लाज?” 


“मैं वही बताने की आपको कोशिश कर रहा हूं। दीवान साहब की विधवा बहन शारदा २५ परसेंट की मालकिन है। सीमा को उसका हिस्सा शारदा के बाद ही मिलेगा। लेकिन अजय और निधि को अपना हिस्सा तभी मिलेगा जब वह दोनों शादी कर लेंगे। ”


“इसका मतलब कि अजय की शादी गर्मी में हो जाएगी तो वह २५ परसेंट का हकदार हो जाएगा। ” 


“हाँ। फिर वह अपनी प्रॉपर्टी को बेचे या किसी और को दे उसकी मर्ज़ी। यही बात निधि के साथ भी लागू होती है। लेकिन निधि और अजय जिस पार्टनर से शादी करेंगे उसमें मेरी भी हामी होगी। मतलब ऐसा नहीं है कि अजय और निधि किसी राह चलते से शादी कर ले और प्रॉपर्टी के मालिक बन जाए। यदि मेरी उसमें हामी नहीं होगी तो फिर उनको हिस्सा नहीं मिलेगा। ”


“अजय जिस लड़की से शादी कर रहा है वह लड़की आपको पसंद है?” 


“हां वह लड़की मुझे पसंद है इसलिए मुझे कोई एतराज नहीं है। ये शर्त सिर्फ इसलिए लगाया गया है कि दीवान साहब यहां के काफी मानिंद और प्रतिष्ठित आदमी थे ताकि उनकी इज्जत बरकरार रहे। जब वो मरे तो अजय और निधि उनके नज़र में नादान थे। निधि भी शादी कर ले तो उसे भी उसका हिस्सा मिल जाएगा। ”


“निधि ने अब तक शादी क्यों नहीं की है?”


“निधि की शादी की उम्र हो रही है पर मैं शादी के लिए दबाव तो डाल नहीं सकता हूं। अगर उसे कोई लड़का पसंद होगा तो मैं उससे मिलूंगा। अगर वह लड़का मुझे भी पसंद होगा तो मुझे शादी से कोई एतराज नहीं है। बाकी फैक्ट्री से जो प्राफ़िट आता है वो मैं सभी में बराबर बाट देता हूँ। बाक़ी शारदा एक बहुत ही सुसंस्कृत और अच्छी महिला है। निधि और सीमा का अपना अपना बिसनेस था पर उससे मेरा बहुत मतलब नहीं हैं। अजय फैक्ट्री में मेरा हाथ बटाता है। ”


“आपने अपनी लड़के रवि के बारे में कुछ नहीं बताया?”


“क्या बताना है उसके बारें में। उसकी आदतें काफी खराब हो गई हैं। मैंने बहुत प्रयास किया कि वह भी फैक्ट्री आ करके कुछ काम सीख ले क्योंकि मेरे बाद उसी को फैक्ट्री देखनी है लेकिन उसे दिनभर आवारागर्दी से फुर्सत ही नहीं है। अब क्या किया जाए, कोई भी आदमी अपना कर्म एक सीमा तक ही कर सकता है। ”


“एक बात सुनी है। आप चाहते थे कि रवि की निधि से शादी हो जाए। ” 


“मैं चाहता था और अगर मैंने ऐसा सोचा था तो क्या बुरा सोचा था। मैंने सोचा शादी के बाद रवि भी लाइन पर आ जाएगा लेकिन निधि रवि से शादी करने के लिए कतई राजी नहीं थी तो मैंने उसके ऊपर कोई दबाव नहीं डाला। ”


“अच्छा एक बात बताइए की यदि आप अभी मर गए तो शादी वाले क्लाज का क्या होगा?” 


“कुछ भी नहीं होगा। यदि मैं मर गया तो सब शादी करके अपना अपना हिस्सा ले सकते हैं पर हिस्सा तो तभी मिलेगा जब बच्चे शादी करेंगे। हाँ मेरा रोड़ा हट जाएगा फिर वो जिससे चाहें उससे शादी करें। पर जब तक मैं ज़िंदा हूं तब तक दीवान साहब की इज्जत पर मैं आँच नहीं आने दूंगा। दीवान साहब ने मुझे निधि और अजय का गार्जियन सिर्फ इसलिए बनाया था क्योंकि जोश में वे कोई गलत कदम ना उठा ले। बाकी जब एक अच्छा लाइफ पार्ट्नर उनको मिल जाएगा उसके बाद जो चाहें सो करें। ” 


“अच्छा अगर सब कुछ इतना अच्छा है तो एक ही रात में सीमा और निधि दोनों की हत्या कैसे हो गई?”


“यही बात तो मेरे समझ में भी नहीं आ रही है कि किन लोगों की इन दोनो से दुश्मनी हो सकती है।  हम लोगों का प्लास्टिक का कारोबार है। उस कारोबार में भी दुश्मनी के लिए कहीं कोई जगह नहीं है। बहुत ही सीधा सादा सा धंधा है। हम लोग प्लास्टिक के झूले,प्लास्टिक के खिलौने,प्लास्टिक के बर्तन वैगरह बनाते हैं। और इससे आसपास के लोगों को बहुत अच्छा खासा रोजगार मिलता है। कोई हमारा रियल स्टेट का या फाइनेंस का धंधा नहीं है जिसमें मार्केट में पचास दुश्मन तैयार हो जाए। मैं यह खुद भी चाहता हूं कि कातिल का पता जल्द से जल्द चल जाए। बाकी ये सारे बच्चे अपने डेली लाइफ में क्या करते थे या क्या करते हैं इस बारे में मुझे बहुत नहीं पता है। सबका अपना कॉटेज है इसलिए सबकी अपनी प्राइवसी है। जितना मुझे पता था मैंने आपको बता दिया। अब आप चाहे तो कुछ और भी पूछ सकते हैं। ”


“अच्छा अब जब निधि नहीं है तो उसके हिस्से का क्या होगा?”


“चूँकि निधि ने शादी तो की नहीं थी इसलिए उसको अभी जायदाद मिली नहीं थी। इसलिए अब पूरी जायदाद के तीन हिस्से होंगे। ”


“मतलब सबका शेयर बढ़ गया। ”


“आप कह सकतें हैं। ”


“अगर मान लीजिए शारदा भी मर जाए तो उसके हिस्से का क्या होगा क्योंकि अब तो सीमा भी नहीं है। ”


“अगर शारदा ने कोई अपनी खुद वसीयत बनायी होगी तो जिसको नामनी बनाया होगा उसको मिलेगी। अन्यथा सबसे करीबी को…………..। ”


“मतलब अजय को?”


“हाँ वही उसका सबसे करीबी है। मैं तो ब्लड रिलेसन में आता नहीं। देखिए मेरा और शारदा का  हिस्सा तो साफ़ है। केवल निधि और अजय में क्लाज लगा हुआ है। अजय भी शादी कर रहा है तो उसे भी उसका हिस्सा मिल जाएगा। अगर निधि भी शादी कर लेती तो उसे भी उसका हिस्सा ………………पर शायद भगवान को कुछ और मंज़ूर था। ”

 

“ठीक है आलोक साहब। आप जितने भी लोग हैं, मेरा मतलब है रवि,अजय, शारदा और आप खुद बिना हमारी परमिशन के शहर छोड़ करके मत जाइएगा। दूसरी सबसे खास बात यह है कि आप अपनी प्राइवेट सिक्योरिटी थोड़ी बढ़ा दीजिए। ”


“वो मैंने आज से ही बढ़ा दी है। मुझे कभी लगा ही नहीं कि हम लोगों का भी कोई दुश्मन है। ”


“और कोशिश कीजिएगा जब तक ये केस हाल ना हो जाए,रात के समय कोई बहुत बेवजह अकेले बाहर ना निकले। बाकी जब जब मुझे आवश्यकता होगी मैं तफ्तीश करने के लिए आता रहूंगा। ”


“ठीक है। मैं सबको बता भी दूँगा। ”


“जानकारी देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। चलो मनोज,मेरे हिसाब से यहां दो दो मौत हुई है ये लोग काफी परेशान हैं। अब हमें चलना चाहिए। ” अविनाश और मनोज वापस आने के लिए चल पड़े।


“क्या बात है अविनाश तुमने शारदा, अजय और रवि के बयान नहीं लिए। ”


“मनोज सबसे पहले मैं सबके फोन रिकॉर्ड निकलवा लूंगा। यदि जरूरत हुई तो मैं बयान ले लूंगा। क्योंकि अपनी करतूत कोई अपने मुंह से तो बताएगा नहीं वह तो हमें हासिल करनी पड़ेगी। ”


“पर अविनाश,आलोक से बात करने के बाद मुझे कोई हत्या का मोटिव तो समझ में आया नहीं। ”


“पता लगेगा…..। मैं तुम्हें थाने छोड़ करके अपने एजेंसी जाऊंगा। राजू और बेबी को इस काम पर और गहन तरीके से लगाता हूं। ”


“मेरी कोई जरूरत हो तो मुझे बता देना। ”


“ये भी कोई कहने वाली बात है। ” थोड़ी देर में अविनाश ने मनोज को थाने छोड़ दिया और वापस अपनी साई डिटेक्टिव एजेंसी आ गया। वापस आते ही उसने राजू और बेबी को बुलाया और उनको सुबह आलोक से हुई मुलाकात के बारे में बताया।


सारी बात सुनकर बेबी बोली,-“सर अब हमें कहां से शुरू करना चाहिए?” 


“बेबी तुम एक काम करो,तुम निधि के ब्यूटी पार्लर और सीमा के बुटीक में जाओ। वहां जो भी कर्मचारी हैं उनसे इनके बारे में पूछताछ करके जानकारी निकलवाने की कोशिश करो। अगर ये दोनों लड़कियां सेक्शुअली एक्टिव थी तो किसी आदमी के संपर्क में जरूर रही होंगी। और राजू तुम, सीमा और निधि का मोबाइल रिकॉर्ड निकलवा करके ले आओ। यह सब काम करके आज शाम को मुझसे मिलो। ” 


“ठीक है सर। ”

 

“फ़ाइल में सबकी फ़ोटो लगी है चाहो तो मोबाइल में ले लो। ”


“सर हमने ले ली है। ”


“ठीक है बेबी। ” इतना सुनने के बाद राजू और बेबी अपने अपने काम पर चले गए। उनके जाने के बाद अविनाश ने मनोज को फोन लगा दिया।


“मनोज,निधि की हत्या के बाद लूटपाट हुई है या लूटपाट देने की कोशिश की गयी है। देखो लूटपाट को अंजाम ज्यादातर क्रिमिनल ही देते हैं। तुम अपने नेटवर्क से यह पता करो कि क्या इसमें किसी हिस्ट्रीशीटर का इंवॉल्वमेंट है?”


“ठीक है मैं अपने ख़बरियों को ऐक्टिव करता हूं। ” फ़ोन रखने के बाद अविनाश दोनों की पोस्टमार्टम फाइल को फिर से एक बार पढ़ने लगा। फाइल पढ़ने के बाद वह अपने कंप्यूटर में कुछ काम करने लगा। धीरे-धीरे शाम हो गई। करीब ६ बजे के आसपास राजू और बेबी दोबारा केबिन में आए।


“क्या हुआ तुम लोगों को कुछ पता चला?”


“सर कुछ कुछ तो पता चला है। ” 


“ठीक है बेबी सबसे पहले तुम बताओ कि तुम को क्या पता चला?”


“सर, सीमा और निधि दोनों ही अब इस दुनिया में नहीं है तो उनके बिजनेस का क्या होगा उनके कर्मचारियों को नहीं पता है। उन्होंने शॉप आज तय समय पर खोल दी थी। मैं निधि के ब्यूटी पार्लर में गई थी और सीमा के बुटीक में भी गई थी। देखिए सीमा के यहां से तो मुझे कुछ खास पता नहीं चला है लेकिन निधि के यहां से एक बात बता जरूर चली है। ”


“वो क्या?” 


“निधि के यहाँ एक कर्मचारी काम करता है,कर्मचारी क्या है २०-२२ साल का एक लड़का है ‘नवीन’। नवीन मैनेजर है,बहुत खूबसूरत,बहुत स्मार्ट है। हालाँकि वो आज पार्लर आया नहीं था। लोगों ने ये बताया की उसका चक्कर सीमा से चल रहा था। लोगों ने उसको सीमा के साथ कई बार देखा है। ये बात दोनो शाप के कर्मचारी ने क़नफ़र्म की…………….।  ”


तब तक राजू बोला,-“सर सीमा के कॉल रिकॉर्ड्स में इस नवीन का नंबर बहुत ज्यादा शो हो रहा है। आप पिछले १ महीने के कॉल रिकॉर्ड देखे तो आप अंदाजा लगा लेंगे कि यह दोनों गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड होंगे। सर एक काम हमने आपके बिना कहे ही ऐडवाँस में कर दिया है। ”


“अच्छा,वो क्या?” 


“जब मैंने बेबी को नवीन के बारें में फ़ोन से बताया तो इसने सीमा के बुटीक के पास एक बार है वहाँ पूछताछ की। लगभग हर दिन सीमा रात में ९ बजे के बाद नवीन के साथ बार में चली जाती थी और देर रात इस बार से निकलती थी। और सर जिस रात सीमा का मर्डर हुआ था उस रात भी सीमा १२ बजे के आसपास नवीन के साथ बार से निकली थी। बेबी ने ये बात बारटेंडर से कंफर्म भी की। दोनों बार के रेगुलर कस्टमर थे और वहां अच्छा खासा ड्रिंक भी करते थे। सर इससे एक बात तो कनफ़र्म हो गयी की हत्या वाली रात सीमा बार से शराब पीकर आयी थी। ”


“बहुत अच्छा बेबी। तुम्हें नवीन की फ़ोटो कहाँ से मिली?”


“निधि के पार्लर से। सर इतना मुझे अंदाज़ा लग गया था की नवीन ही सीमा से मिलने जाया करता होगा। मैं तो बस बार में यूँ ही चली गयी थी और मुझे इन दोनो के बारें में पता लगा। ”


“अच्छा राजू एक बात बताओ की निधि और नवीन के बीच कोई कम्युनिकेशन नहीं हुआ है?”


“ना के बराबर। सिर्फ़ उतना ही कम्युनिकेशन जितना एक कर्मचारी और मालिक के बीच जायज है। ”


“बेबी तुम यह नहीं पता लगा पाई कि निधि का किससे संबंध था?”


“नहीं सर इस बारे में कुछ भी पता नहीं चला है। इन फैक्ट निधि काफी रिजर्व किस्म की लड़की थी। अपने करियर को ले करके बहुत ही ज्यादा संजीदा। ये बात सही है कि उसका कुछ बहुत बड़ा करने करने का प्लान था। मतलब वो आजमनगर जैसी जगह में नहीं रहना चाहती थी। वह मुंबई या दिल्ली जैसी जगह में सेटल होना चाहती थी। यह मेरा अपना मानना है सर कि मुंबई और दिल्ली जैसी जगह में सेटल होने के लिए अच्छे खासे पैसे की जरूरत थी। वो अपना हिस्सा तभी बेच पाती जब शादी करती और कैरियर में आगे बढ़ने के लिए वह शादी जैसी रुकावट को लेने के लिए तैयार नहीं थी।  यही रीजन है कि वह अब तक आजमनगर में टिकी हुई थी। बाकी…….. सीमा का बुटीक ठीक-ठाक चलता है। सीमा के बारें में ऐसा तो नहीं पता चला कि वह कोई बहुत महत्वाकांक्षी रही हो पर हां पूरे दिन काम करती थी और रात में नवीन के साथ बार में जाती थी। ”


“पर बेबी इन सब बातों से हत्या का मोटिव नहीं पता लग रहा है……………। राजू, कॉल रिकॉर्ड में और भी कोई ऐसा संदिग्ध नंबर है?” 


“नहीं सर कोई ऐसा नम्बर नहीं है जिसपर शक किया जा सके। ” अविनाश ने गहरी साँस खींची…………।


“चलो अच्छा एजेंसी बंद करके घर चलते हैं। आज दिमाग़ बहुत पक गया है। बेबी कल तुम एजेंसी आ जाना। राजू कल १० बजे तैयार रहना। हम लोग कल लाटघाट चलेंगे।


“वो किसलिए?” 


“एक तो फार्महाउस की तलाशी मुझे दोबारा से लेनी है। दूसरा यह है कि निधि की लाश लाटघाट में बरामद हुई थी तो मैं फॉर्म हाउस के आसपास पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने निधि के साथ कभी किसी को देखा है?चलो अब एजेंसी बंद करके घर चलते हैं। ” 

 

              ५


दूसरे दिन, १२ दिसंबर १० बजे के आसपास अविनाश और राजू तैयार होकर के लाटघाट की तरफ चल दिए। रास्ते में अविनाश ने मनोज से फार्महाउस को दोबारा तलाशी करने की परमिशन और चाबी ले ली। करीब डेढ़ घंटे के आसपास वे दोनो फार्म हाउस पहुंच गए। सबसे पहले उन दोनो ने फॉर्म हाउस में इंटर नहीं किया। निधि की जानकारी इकट्ठा करने के लिए वे पास के एक होटल में घुस गए। वे दोनो जाकर रिसेप्शन पर खड़े आदमी से मिले। राजू ने रिसेप्शन पर खड़े आदमी को निधि की फ़ोटो दिखायी।  


उस आदमी ने कहा कि जब भी निधि फार्म हाउस में रुकने आती थी तो इसी होटल से खाना पैक़ करा करके ले जाती थी। उसने ये भी बताया की पैक़ किए गए खाने की मात्रा हमेशा ज़्यादा होती थी। ऐसा प्रतीत होता था कि खाना एक से ज्यादा आदमियों के लिए पैक़ कराया जा रहा है हालांकि होटल वाले ने कभी निधि के साथ किसी आदमी को या लड़की को नहीं देखा। और सबसे ख़ास बात की ८ दिसम्बर को रात के करीब ९ बजे निधि ने इसी होटल से खाना पैक़ कराया था। उस आदमी से बात कर वे दोनो होटल से बाहर चले आए।


“सर अगर आप कहे तो कोई दारु की दुकान भी सर्च की जाय। ”


“ज़रूरत नहीं,वहाँ भी निधि या वो आदमी अकेला ही जाता होगा। ऐसा करते हैं फार्म हाउस की तलाशी ले लेते हैं। ” वे दोनों फार्महाउस पहुंच गए। पुलिस कांस्टेबल अब भी तैनात थे। निधि की कार अभी भी पोर्च के नीचे खड़ी थी। वे लोग फॉर्म हाउस के अंदर चले गए। ग्राउंड फ्लोर के सारे रूम लॉक थे। वे सीढ़ियों के सहारे फर्स्ट फ्लोर पर पहुंच गए और सीधे निधि के बेडरूम में पहुंच गए जहां पर निधि की लाश पाई गई थी।


“देख रहे हो राजू बेड पर अभी खून बिखरा हुआ है। खून के निशान जमीन पर भी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एक बात बड़ी अजीब बात लिखी थी कि निधि को गोली पीठ में मारी गई थी। तो क्या गोली मारने के बाद,मारने वाले ने उसकी लाश को पीठ के बल मेरा मतलब है पलट कर बेड पर लिटा दिया और समान लूट कर चला गया। सामान भी क्या लूट गया इसका भी पता चलना मुश्किल है। गहने तो लूटे नहीं गए। शरीर पर भी कोई हाथापाई के निशान नहीं थे इसलिए यह बात जाहिर है कि सोते में ही निधि की हत्या हुई होगी। ” 


“हाँ सर यही लग रहा है कि कातिल बालकनी के रास्ते शीशा तोड़कर के अंदर घुसा और निधि पेट के बल सो रही थी, उसने उसके पीठ में गोली दागी और फिर उसको पलट दिया। फिर वापस जिस रास्ते आया था उसी रास्ते सामान लूट करके चला गया। ” इतना सुनते ही अविनाश हँस दिया।


“हाँ सर बात इतनी साधारण नहीं है जितनी दिखायी दे रही है। लेकिन सर एक बात तो आपने भी शायद अभी तक नहीं पूछी कि निधि का कितना सामान चोरी हुआ है। ”


“प्रश्न यह है राजू की यह बात पूछी किससे जाए। सब अलग-अलग अपने-अपने कॉटेज में पड़े रहते हैं। आप किससे यह बात पूछोगे?उन सबमें आपस में बड़ा प्रोफेशनल रिलेशनशिप है। ” इसके बाद फिर दोनों ने बहुत ध्यान से सारे रूम की तलाशी ली लेकिन उनको कुछ भी नई चीज नहीं मिली।


“सर दारू की बोतल देख करके लग रहा है कि निधि ने ठीक-ठाक शराब पी होगी। ”


“पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी यही कहती है। ” उसके बाद वे लोग रूम से निकल कर के किचन में चले गए जो फर्स्ट फ्लोर पर ही था।


“राजू,होटल वाले ने बताया था कि हत्या वाली रात भी निधि ने खाना पैक़ कराया था। देखो सिंक में खाना पड़ा हुआ है। क्वांटिटी देख करके ऐसा लग रहा है कि यह दो आदमी का कम से कम खाना है। पर प्लेट एक ही यूज हुई है वो सिर्फ़ निधि ने की है। ? क्या दूसरे आदमी ने खाना नहीं खाया या दूसरा कोई आदमी उस रात निधि के साथ था ही नहीं?यदि दूसरा आदमी था ही नहीं तो इतना खाना पैक़ कराने का मतलब?” 


“सर हो सकता हो दूसरा आदमी ने कहा हो कि वो आएगा पर वो उस रात निधि के पास आया ना हो। रूम में दारू की ग्लास भी एक ही है। ”


“कुछ खास मतलब नहीं निकल रहा है। हम लोगों को अब लौटना चाहिए। ” अविनाश और राजू ने फार्महाउस का गेट बंद किया और वापस आजमनगर की तरफ चल पड़े।


“सर एक बात मेरे मन आ रही है कि यदि निधि का कत्ल लूट के इरादे से किया गया था,पर ये बात किसी को तो पता थी की वो उस रात फॉर्म हाउस में रुकने वाली है। वो रोज तो फार्म हाउस रहने आती नहीं थी। ”


“तुम्हारे कहने का मतलब मैं समझ रहा हूँ कि जिसने निधि का मर्डर किया है, तो हो सकता है कि उसको किसी ने बताया हो कि निधि उस रात फार्म हाउस में रुकने वाली है। ”


“और सर एक बात और है कि आपको मनोज का फ़ोन रात में ९ बजे के आसपास आया था कि घर वालों को फार्महाउस में निधि की लाश मिली है। इसका मतलब घर वालों को भी नहीं पता था कि निधि उस रात फॉर्महाउस में रुकने वाली है या रुकी हुई है नहीं तो घर वाले सीधा फार्महाउस नहीं चले आते। ” 


“बात तो तुम सही कह रहे हो पर इसका मतलब यह बात सिर्फ उसको पता थी जो उसके साथ रात में रुकने वाला था पर रात में आया नहीं। किसी और को भेज दिया निधि का क़त्ल करने के लिए। ”


“सर कहीं से कोई इनपुट मिल नहीं रहा है। ”


“मिलेगा राजू, मिलेगा। हमें थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। ” 


“आगे कैसे प्रोसीड किया जाए? सर सीमा के बॉयफ्रेंड नवीन को टटोला जाए। उसके घर का एड्रेस तो निधि के पार्लर से पता चल जाएगा। ” अविनाश ने राजू की बात का कोई जवाब नहीं दिया। अविनाश धीरे-धीरे गाड़ी चला रहा था। अविनाश और राजू के बीच गहरा सन्नाटा छा गया। अविनाश  किसी सोच में डूब गया। अचानक उसका मोबाइल बज उठा। उसने मोबाइल पर नजर डाली तो इंस्पेक्टर मनोज का नंबर फ्लैश हो रहा था। उसने गाड़ी सड़क से नीचे उतार दी और कॉल उठ लिया।


“मनोज क्या हुआ तुमको?” 


“एक चौकाने वाली खबर और देनी है”


“क्या बात है आजकल तुम चौंकाने वाली बात ज़्यादा सुना रहे हो?कहीं कोई और लाश मिल गई क्या?”


“अभी तुम हो कहां?” 


“फार्महाउस से लौट रहा हूँ। ”


“सीधे थाने चले आओ। ”


“ठीक है मैं पहुंच रहा हूं। ” मोबाइल रखने के बाद अविनाश ने गाड़ी दौड़ा दी। थोड़ी देर में दोनों सीधे थाने चले आए। मनोज उनका इंतज़ार कर रहा था।


“क्या हुआ मनोज भाई इतनी जल्दी में क्यों बुलाया?”


“रात में ४ बजे के आसपास लाट घाट से करीब ५ किलोमीटर आगे सड़क के दाहिने साइड एक आदमी की लाश मिली है। लाश ने जो कपड़े पहने थे उसके पीछे वाली पॉकेट से पुलिस को एक काग़ज़ की स्लिप बरामद हुयी है जिस पर एक मोबाइल नंबर और नाम लिखा हुआ था। ”


“और उस पर नाम और मोबाइल नम्बर किसका था?”


“निधि का नाम और मोबाइल नंबर लिखा हुआ था। ” 


“लाश को कितनी गोली मारी गई थी?” 


“लाश को तीन गोलियां मारी गई थी। ”


“लाश के पास से क्या-क्या बरामद हुआ?” 


“बड़ी अजीब सी बात है? लाश के पास उसके कपड़े और रोज़मर्रा के इस्तेमाल में आने वाले सामान  बिखरे हुए थे। वहीं पास में एक गन और सायलेंसर बरामद हुयी। पैंट के जेब में वो काग़ज़ की स्लिप बरामद हुयी। मोबाइल हमने आसपास ढूंढा पर वो नहीं बरामद हुआ। ”


“पर मनोज, बैग तो बरामद होना चाहिए था। मरने वाला आदमी अपना सामान किसमें ले के जा रहा था?”


“मुझे ऐसा लग रहा है कि कातिल सामान फ़ेक कर बैग लेकर चला गया। बैग में कुछ ख़ास रहा होगा। शायद पैसे या कुछ और ज़रूरी समान………..”


“कातिल के अलावा चोरी के मक़सद से कोई राहगीर भी हो सकता है। ”


“पर हत्या रात में हुयी थी और सड़क काफ़ी सून सान हो जाती है तो ऐसे में किसी राहगीर का ऐसा करना थोड़ा मुश्किल है। वैसे हमने लाश की फोटो आसपास के सारे एरिया में सर्कुलेट करा दी है। पुलिस जोर शोर से इस आदमी के बारे में पता लगाने के लिए पीछे पड़ी हुई है। ”


“क्या मैं वो काग़ज़ की स्लिप और सामान देख सकता हूं?” अविनाश ने दस्ताना पहना और उस कागज की स्लिप को ध्यान से देखा। वो एक कागज का छोटा सा टुकड़ा था जिस पर निधि कोठारी लिखा हुआ था और उसके नीचे निधि का मोबाइल नंबर लिखा हुआ था। बाक़ी सामान और कपड़ों में कुछ ख़ास नहीं था।  


“मनोज एक बात बताओ की जिस आदमी की लाश हमें मिली है क्या वो हिस्ट्रीशीटर हो सकता है?” 


“अब यह तो मुझे नहीं पता है लेकिन यह जल्द ही पता लग जाएगा। ” अविनाश ने एक मिनट सोचा।


“मनोज, लाश के पास से बरामद हुई गन की बैलिस्टिक जाँच करवाओ और निधि व सीमा के शरीर से निकली हुई गोली से मैच करवाओ। ”


“ठीक है रिपोर्ट तुमको शाम तक मिल जाएगी। बाकी इस आदमी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कुछ ख़ास मिला नहीं। ”


“फिर भी…………..”


“उसे ३ गोली सीने के आसपास मारी गई है और मौत लगभग रात में ३ बजे के करीब हुई होगी। शरीर पर हाथापाई के कोई निशान नहीं हैं। गोली काफ़ी पास से मारी गयी हैं। ”


“मनोज, तुम इसके बारें में जितनी जल्दी हो पता लगाओ अगर इस केस को क्लोज करना है तो?” इतना कहकर अविनाश और राजू थाने से निकल कर एजेंसी की तरफ चल दिए। थोड़ी देर में वे एजेंसी पहुंच गए। उनके पहुंचते ही बेबी कॉफी लेकर अंदर प्रवेश की।


“बेबी, ठंड में कॉफी पीने का अपना ही मजा है। ” काफ़ी पीते हुए तीनो ने मिलकर सारी बातें डिस्कस की।


“अभी तुम दोनो अपने अपने केबिन में जाओ। ” करीब ५ बजे के आसपास मनोज ने अविनाश को फोन किया।


“अविनाश,बैलेस्टिक रिपोर्ट आ गई है और जो गन हमें उस आदमी के पास से बरामद हुई थी,बैलेस्टिक रिपोर्ट के हिसाब से सीमा की हत्या उसी गन से हुई है लेकिन निधि की हत्या उस गन से नहीं हुई है। गन पे किसी के निशान नहीं हैं। ”


“मैं तो सोच रहा था कि शायद हो सकता हो निधि और सीमा की हत्या इसी गन से हुयी हो तो आज कातिल को हमने पकड़ लिया होता। ऐसे तो केस और उलझ गया……..। ”ठीक है चलो कुछ तो पता चला। अभी उस आदमी के बारे में कोई न्यूज़ नहीं मिली?”


“नहीं पर जैसे ही मिलेगी वैसे ही इत्तला करूंगा। ” फोन रखने के तुरंत बाद अविनाश ने राजू को बुलाया।


“राजू, एक काम करो। जिस आदमी की लाश हमें सड़क के किनारे से बरामद हुई थी, उसकी फोटो तुम्हारे मोबाइल में है। ऐसा लगता तो है कि उसने सीमा की हत्या की हुई होगी क्योंकि जो गन उसके पास से बरामद हुयी थी, उसी से सीमा की हत्या हुयी है। अब ये गन उस आदमी की हो सकती है या कोई उसको फ़साने के लिए उसकी हत्या कर गन उसके पास रख भी भी सकता है। मनोज अपने दल बल के साथ इस आदमी की पहचान करने में जुटा है। उसे अपना काम करने दो। अगर ये आदमी वाक़ई आस पास का नहीं है तो कहीं बाहर से आया हो सकता है। उस दशा में ये आज़मनगर के होटल में रुक सकता है। इसलिए आजमनगर में जितने भी होटल हैं, लॉज उन सभी में इस आदमी की फोटो दिखाओ और पता करो ये आदमी किसी में रुका था क्या? और हाँ सबसे पहले निधि का जहां पार्लर है उसके आस पास के होटल, लाज पहले चेक करना। मैंने देखा था उसके शरीर पर कोई बहुत महंगे कपड़े नहीं थे इसलिए पहले बहुत बड़े होटल और लाज चेक करने की जरूरत नहीं है। ”


“ठीक है सर मैं और बेबी अभी से इस काम पर लग जाते हैं। अब कल आपसे मुलाकात होगी। ” थोड़ी देर बाद राजू और बेबी होटल को सर्च करने के लिए निकल गए। उनके जाने के बाद अविनाश ने इंस्पेक्टर मनोज को फिर से फोन लगा दिया।


“मनोज, मैं दीवान कोठारी के यहां रहने वाले कुछ और लोगों से बात करना चाहता हूं। ”

 

“मसलन। ”


“मसलन,दीवान की सिस्टर शारदा, निधि का भाई अजय से और…… वो का लड़का रवि। मैं अभी रौनपार निकल रहा हूं।


“ठीक है। मैं भी तुम्हारे साथ चलूँ। ”


“नहीं जरूरत नहीं है। बस तुमको इंफॉर्मेशन दे रहा था। ” थोड़ी देर में अविनाश दीवान के काटेज के सामने खड़ा था। वो हाल में घुस गया और हॉल में खड़े एक नौकर को बुलाकर उसने पूछा कि उसे शारदा जी से अभी बात करनी है। नौकर शारदा जी को बुला कर के ले आया। शारदा को देखकर अविनाश खड़ा हो गया।


“मुझे प्राइवेट डिटेक्टिव कैप्टन अविनाश कहते हैं। मैं आपकी लड़की और आपकी भतीजी की मौत की तफ्तीश कर रहा हूं। मेरा मतलब है मैं इस केस में पुलिस की हेल्प कर रहा हूं। उसी से संबंधित दो -चार सवालात आपसे करना चाहता हूं। ” 


“जी हां,कृपया बैठ जाएं। ” 


“माफ़ कीजीएगा शारदा जी, आपकी क्या उम्र होगी?”


“६० साल के आस पास। पति के मर जाने के बाद से ही मैं दीवान के साथ थी और उनके मर जाने के बाद उनके ही काटेज में रह रही हूँ। मैंने ही तीनो बच्चों को पाला है। क्या दिन आ गया है जिनको गोद में खिलाया उन्ही की लाश भी देख ली। ” इतना कहकर शारदा सिसकने लगी। अविनाश ने एक गहरी साँस ली।


“आपको क्या लगता है कि ये हत्या किसने की होगी?”


“यही बात मेरे समझ में नहीं आ रही हैं कि मेरे दोनों बच्चियों की हत्या किसने की जबकि उनका तो कोई कसूर भी नहीं था। वे अपने अपने कामों में मस्त थी। ”


“फिर भी कुछ ऐसा जिससे इस केस पे थोड़ी रोशनी पड सके। ” शारदा ने कुछ सोचा…………।   


“अब आप जो बात उठा रहे हैं तो एक बात है जो मेरे जहन में आ रही है। निधि के ब्यूटी पार्लर में एक लड़का काम करता है नवीन,हमारे यहां किसी पार्टी में सीमा से उसकी मुलाकात हो गई थी और उन दोनों में प्यार हो गया था।  दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे पर मैं इसके सख्त खिलाफ थी।  मैंने तो सीमा से इतना तक कह दिया था की अगर सीमा ने नवीन से शादी की तो मैं उसे जायदाद से बेदखल कर दूंगी। ”


“यह तो बहुत बड़ी धमकी है क्योंकि आपकी जायदाद कोई थोड़ी तो है नहीं। वैसे आप क्यों नहीं चाहती थी कि नवीन और सीमा की आपस में शादी हो?”


“सर हम लोग बहुत ऊंचे घर के लोग हैं और नवीन बहुत ही साधारण घर का है। निधि के ब्यूटी पार्लर में काम करने वाला एक साधारण सा मुलाजिम है। कोई भी शादी की इजाजत नहीं दे सकता था।  मैंने सीमा से कहा था कि वह शादी अपने मन से कर सकती है पर लड़का हमारे हैसियत का होना चाहिए। ” 


“फिर तो सीमा आपसे बहुत नाराज़ हुयी होगी। ” 


“मुझे उससे क्या मतलब होती रहे नाराज़?


“उसके बाद सीमा का आपके प्रति व्यवहार कैसा था?”


“ठीक ठाक था। देखिए सब अपने-अपने कॉटेज में मस्त थी। मैं दीवान के कॉटेज में रहती हूं। बाकी मैं उनकी प्राइवेट लाइफ में बहुत इंटरफेयर नहीं करती। ”


“सीमा और निधि दोनों ने ही दारू पी हुई थी जब उनकी हत्या हुई?


“क्या आज के जमाने में कोई आश्चर्य की बात है? मुझे पता था पर मैं जान बूझ कर कुछ नहीं कहती थी। पर हां कभी मैंने उन दोनो को कॉटेज में ड्रिंक करते हुए नहीं देखा था। वे दोनो बाहर से ड्रिंक करके आती थी। अजय भी यही करता है और रवि तो बहुत ही आवारा है। शायद यही एक कारण था कि शादी के लिए मुझे सीमा को इतनी बड़ी धमकी देनी पड़ी। बाकी बातें तो मैं बर्दाश्त कर सकती हूं लेकिन………….”


“अब तक किसी बच्चों ने शादी नहीं की थी ऐसा क्यों?”


“निधि और अजय दोनों बच्चे यहां रहना ही नहीं चाहते थे। मुझे पता है की जैसे ही अजय की शादी हुई वह अपना हिस्सा बेच करके कहीं बाहर शिफ्ट हो जाएगा। यही हाल कुछ निधि का भी था। पर बिना शादी किए उनको जायदाद मिलती ही नहीं और वो शादी से भाग रहे थे। ख़ैर अजय जैसे तैसे तैयार हुआ। वो तो अच्छा है की भाई साहब ने वसीयत में शर्त रखी है नहीं तो जायदाद कब की बिक गयी होती। मेरे वजह से शायद सीमा ऐसा सोच नहीं सकती थी। ” 


“एक बात पता चली है कि आपके भाई साहब के मित्र आलोक खेतान अपने आवारा लड़के रवि की शादी निधि से करना चाहते थे। ” 


“हां यह बात हमें पता है पर निधि इसके लिए राजी नहीं हुई। ”


“आप राजी हो जाती?”


“मेरे सहमति से क्या होता है?”


“क्या आपकी नजर में निधि को आलोक के आवारा लड़के रवि से शादी कर लेनी चाहिए थी। ”


“सर आज की लड़कियां भी तो ऐसी ही है। वो भी दारू, सिगरेट का नशा करती हैं। कम से कम रवि हमारी हैसीयत का तो है। ”


“चलिए कुछ अजय के बारे में बताइए?"


“देखिए सर अजय भी बिगड़ैल किस्म का ही लड़का है। सारी ग़लत आदतें भी उसमें हैं। वो जिस लड़की से शादी कर रहा है वो यही आजमनगर की रहने वाली है और आलोक की भी इसमें सहमति है। पर शादी होते ही सब कुछ बेच के यहाँ से भाग जाएगा। ” 


“जिस रात सीमा की हत्या हुई उस रात आप कहां थी?”


“आप मुझ पर शक कर रहे हैं। ” 


“शक नहीं कर रहा हूं बस प्रश्न कर रहा हूं और हर किसी पे शक करना हमारी आदत है। ” 


“मैं रात भर कॉटेज में थी। ”


“उस रात जब सीमा आइ तब आपको पता चला था मेरा मतलब है आप जाग रही थी। आख़िर आप उसकी माँ  है। ” 


“सबके कॉटेज अलग-अलग हैं,सबकी कार अलग-अलग है और बिसनेस …….। इसलिए सीमा कब अपने काटेज में आयी मुझे ठीक से बहुत अंदाजा नहीं है। ”


“क्या आप भी ड्रिंक करती हैं?” 


“हां मैं रोज ड्रिंक करके ही सोती हूं शायद इसीलिए मैं बहुत गहरी नींद में थी। ” 


“ठीक है शारदा जी बहुत-बहुत धन्यवाद। मुझे अजय और रवि से भी बात करनी थी लेकिन मैं आज उचित नहीं समझ रहा हूं। ” इसके बाद अविनाश वहां से निकल करके सीधे अपने घर वापस चला आया। उसने खाना खाया और अपने टेरेस पर टहलने लगा। अचानक उसने मनोज को फोन लगा दिया।


“मनोज आज मैंने शारदा से बात की। बड़ी अजीब सी फैमिली है। आश्चर्य की बात है कि शारदा नहीं चाहती थी कि सीमा और नवीन की आपस में शादी हो। पर शारदा और आलोक दोनों यह चाहते थे कि आलोक के लड़के रवि की शादी निधि से हो जाए। मेरे कहने का यह मतलब है कि कत्ल तो शारदा या आलोक में से किसी का होना चाहिए था। यहां तो जो नाराज है उसी का कत्ल हो गया इसलिए बहुत अजीब सा लग रहा है। कुछ ना कुछ है जो हम मिस अभी भी कर रहे हैं इसलिए केस के तह तक नहीं पहुँच पा रहे हैं। अच्छा उस आदमी का पता चला?”


“यार, जोर शोर से मेरे खबरी लगे हुए हैं लेकिन अभी तक हमारे पास कोई जानकारी नहीं है पर ये सुनिश्चित है कि वह आदमी आसपास के एरिया का तो नहीं है, नहीं तो कहीं ना कहीं से जरूर पता लग जाता। ” 


“अच्छा ठीक है मैं फोन रख रहा हूं। ” काफी देर तक वह इस केस के बारे में सोचता रहा और फिर रूम के अंदर जाकर के सो गया।


              ६


१३ दिसम्बर, १० बजे के आसपास वो अपनी एजेंसी आ गया। राजू और बेबी अभी नहीं आए थे। क़रीब २ घंटे बाद राजू और बेबी वापस आ गए। ”


“क्या हुआ तुम दोनों जल्दी वापस आ गए?”


राजू बोला,-“बहुत आसानी से उस लाज का पता लग गया जहां पर वह आदमी ठहरा हुआ था। लाज  स्टार नाइट, छोटा सा लॉज है। ”


कहां पर है ये लाज। ” 


“लाज सिधारी में है। ”


“वहाँ तो निधि का ब्यूटी पार्लर भी है। ” 


“हां सर आप शायद सही कह रहे थे कि हमें निधि के पार्लर के आस पास ही खोजना चाहिए था। ”


“लाज से क्या पता लगा?” 


“लाज में यह आदमी मगन के नाम से ठहरा हुआ था। ” 


“आई डी वगैरा तो दी होगी। ”


“इसने आधार कार्ड तो मगन के नाम से दिया था पर ….” 


“आधार कार्ड कहां का था?”


“आधार कार्ड पंजाब का था लेकिन मैंने चेक किया है वह फर्जी आधार कार्ड है। डेटा मैच नहीं कर रहें है। ”


“इसका मतलब राजू वो गड़बड़ आदमी था। ” 


“हां सर आदमी तो गड़बड़ था क्योंकि जो भी उसने आईडेंटिफिकेशन दिए हैं वह सही नहीं है। ”


“लाज वाला तुमसे और क्या बता रहा था तथाकथित मगन के बारें में?” 


“लाज वाला यही कह रहा था कि वह आदमी बोल चाल में आस पास का तो नहीं लग रहा था। वो ६  दिसंबर से लाज में ठहरा हुआ था और जिस रात उसकी हत्या हुई उसी रात अपना सामान लेकर लाज से चला गया। उसके पास एक बैग था पर वो बैग हमें उसकी लाश के पास से नहीं मिला। मगन  खाना बाहर ही खाता था। ” 


“लाज में सीसीटीवी लगी है?”


“वही उनका स्टैंडर्ड सा जवाब होता है कि लगी तो है लेकिन पिछले १५ दिन से खराब पड़ी हुई है। अब आपको तो पता ही है कि इस तरह के लाज ज़्यादातर किस काम के लिए यूज़ होते हैं। ” 


“बेबी तुम निधि के ब्यूटी पार्लर और सीमा के बुटीक चले जाओ और पता करो कि उनका किस बैंक में अकाउंट है और पिछले १०-१५ दिन के अंदर उन्होंने कोई हैवी ट्रांजैक्शन किया है क्या?राजू तुम अभी आराम करो।  जब इस बात का पता लग जाएगा तब तुम्हें अगला काम सौंपेंगे। ”


“मैं अभी पता करके आती हूं सर। ” इतना कहकर बेबी एजेंसी से निकल गई और करीब २ घंटे बाद वापस आ गई।  


“सर,निधि का जिस बैंक में अकाउंट है,मैंने उसके बैंक मैनेजर से कंसल्ट किया। ७ दिसंबर को निधि ने ₹५ लाख ड्रॉ किए थे। लेकिन सीमा ने पिछले १०-१५ दिन में कोई भी हैवी ट्रांजैक्शन नहीं किया था ।


“राजू,देखो एक बात तो निश्चित है कि मगन की लाश के पास से हमें निधि का फोन नंबर बरामद हुआ और निधि ने पिछले १०-१५ दिन में हैवी ट्रांजैक्शन भी किया था लेकिन निधि के पिछले १ महीने के कॉल रिकॉर्ड्स में कोई भी संदिग्ध नंबर नहीं है जिस पर हम पर संदेह कर सकें। यदि वाक़ई इन दोनों में आपस में बात चीत होती होगी तो आमने सामने बैठ करके या निधि पब्लिक बूथ से कॉल करती होगी इस मगन के मोबाइल पे। दोनो सम्भावनाएँ हैं। पहले तुम स्टार नाइट लाज के आसपास के एरिया में जितने भी रेस्टोरेंट हैं, जितने भी बार हैं उनमें यह पता लगाओ की क्या मगन और निधि को पिछले दिनो में किसी ने एक साथ देखा है?मगन यदि यहां का रहने वाला नहीं है तो उसे यहां के बारे में बहुत आईडिया नहीं होगा इसलिए इन दोनों के बारे में पता लगाना आसान होगा। ” राजू अपने काम में निकल गया। राजू के जाते ही अविनाश ने इंस्पेक्टर मनोज को फोन लगा।


“मनोज जिस आदमी की लाश हमें रात में बरामद हुई थी उसके बारें में हमने कुछ पता लगाया है। इस बात की ज्यादा संभावना है कि वह आदमी पंजाब का रहने वाला है और वो सिधारी के स्टार नाइट लाज में मगन नाम से रुका था। इसलिए तुम सब छोड़ करके पंजाब पर कंसंट्रेट करो। उसकी फ़र्ज़ी आधार कार्ड की कॉपी जो उसने बतौर लाज में दी थी,मैं उसे सेंड कर रहा हूं। ”


“ठीक है। ”इसके बाद अविनाश ने फोन रख दिया।  


“बेबी, तुम भी जाओ आज तुम काफी थक गई हो। ”


बेबी के जाने के बाद अविनाश फिर कुछ सोचने लगा। शाम को करीब 6:00 बजे के आसपास राजू दोबारा आया।


“क्या हुआ राजू कुछ सफलता हाथ लगी?”


“हां सर कुछ सफलता हाथ लगी और कुछ  चौंकाने वाली बातें भी हाथ लगी हैं। ”


“होटल अल्पना सिधारी का ठीक ठाक होटल है। वहां के रिसेप्शन पर बैठे एक आदमी ने कंफर्म किया कि उसने निधि और तथाकथित मगन को होटेल के रेस्टोरेंट में पिछले दिनों में कई बार बात करते देखा। ये बात पता करके मैं जैसे ही जाने के लिए मुड़ा तब तक उस रिसेप्शन पर बैठे आदमी ने मुझे दोबारा बुलाकर कहा कि निधि पिछले कुछ १ सालों से एक आदमी के साथ इस होटल के रूम में अकेले वक्त गुजारती है। मैंने उस आदमी की कद काठी पूछी तो वह नवीन जैसा ही लगी और मेरे मोबाइल में पड़ी हुयी नवीन की फोटो से उसने कंफर्म किया कि निधि ही कभी-कभी नवीन के साथ होटल में रूम में अकेले वक्त गुजारती थी। सर हैं ना चौकने वाली बात। ”


“इसका मतलब की नवीन, निधि और सीमा दोनो को फसाएँ हुए था। ”


“सर मेरे हिसाब से इस नवीन से बात करना अब ज्यादा जरूरी हो गया है। मुझे लग रहा है कि ये काफी कुछ जानता है। सर आप इजाजत दें तो एक बात कहूँ। सर मुझे ऐसा लग रहा है कि नवीन ने  सीमा और निधि दोनों को फंसाया है। नवीन सीमा से शादी करना चाहता था तो हो सकता हो कि यह बात निधि नागवार गुजरी हो। उसने सोचा हो कि नवीन यदि सीमा से शादी कर लेगा तो निधि के साथ  वक्त नहीं गुजार पाएगा। इसी वजह से निधि ने तथाकथित मगन को सीमा को मारने के लिए सुपारी दे दी हो। सीमा को मारने के बाद से मगन फार्महाउस गया हो और पैसा मांगने के लिए वहां कुछ कहा सुनी हुई हो और वह निधि को मार करके पैसा ले करके चला गया हो। ”


बेबी बोली,-“लेकिन राजू, निधि को सीमा को मरवाने की क्यों ज़रूरत होगी जबकि शारदा पहले ही नवीन और सीमा के शादी के ख़िलाफ़ थी। ”


राजू बोला,-“बेबी इसके बाद भी सीमा और नवीन मिलते थे। हो सकता हो बाद में शारदा मान  जाती। आज के जमाने में कौन इतना मा बाप की सुनता है। वो तो जायदाद जाने का डर था नहीं सीमा भी कहाँ सुनती। ”


अविनाश बोला,-“लेकिन फिर मगन की भी लाश तो सड़क के किनारे पाई गई। अगर सब कुछ इतना सिंपल था तो मगन क्यों मारा गया?”


“राजू बोला,-“सर हो सकता है की मदन के पास ₹५ लाख रहे हो और कोई उसके पीछे लग गया हो। मौक़ा देखकर मगन को मार करके पैसे लूट कर चला गया। ”


“वैसे सर राजू जो लॉजिक दे रहा है उसमें दम तो है। आपका क्या विचार है सर?” अविनाश ने एक गहरी सांस ली।


“एक बहन के द्वारा दूसरे बहन की हत्या यह कोई बहुत नई बात नहीं है पर यदि मगन नहीं मारा गया होता तो…मगन के पास से हमें निधि का फोन नंबर बरामद नहीं हुआ होता तो…कोई मगन की हत्या क्यों करेगा सिर्फ और सिर्फ पैसे के लिए?वो यदि पंजाब का रहने वाला है और इतनी दूर आजमनगर आया तो आजमनगर में उसका कौन दुश्मन होगा और कौन दोस्त होगा? उसके पास ₹५ लाख थे, ये बात किसको पता होगी?नहीं सब कुछ इतना सीधा नहीं हैं। ” अविनाश कुछ सोच ही रहा था कि इन्स्पेक्टर मनोज का फोन आ गया। अविनाश ने फ़ोन स्पीकर पर डाल दिया। पहले तो अविनाश ने इंस्पेक्टर मनोज को सारी बात बता दी।


सारी बात सुनकर मनोज बोला,-“राजू की बात में कुछ दम तो लग रहा पर अविनाश तुम्हारा तर्क भी सही है। अच्छा ….मैंने तुमको सिर्फ इसलिए फोन किया है कि मगन के बारे में पता लग गया है। ”


“पंजाब में एक गांव है मगन वहीं का रहने वाला था। उसके घर का नाम मगन ही है। अपने पूरे ग्रुप में वह मगन नाम से ही फेमस था लेकिन उसका एक्चुअल नाम गुरुराज भाटिया था। मगन ठेके पर हत्या करता था। पंजाब में कई जगह वांटेड है जैसे लूट के केस में, फिरौती के केस में, हाफ मर्डर के केस में ,कुछ एकाध मर्डर के केस में भी लेकिन इसकी एक सबसे खास बात ये है कि वो सारे काम सिर्फ और सिर्फ अकेले करता था। यदि सारी घटनाओं पर विचार करें तो अब प्रश्न यह उठता है कि निधि और मगन के बीच मुलाक़ात कैसे हुई होगी?मेरा मतलब है कि निधि मगन तक पहुंची कैसे?यदि राजू ने जो तर्क दिया है तो हमारे पास उसको साबित करने का कोई तरीका नहीं है क्योंकि जिसने हत्या की, जिसने हत्या की फिरौती दी और जिसकी हत्या हुई तीनों ही अब इस दुनिया में नहीं है। अब आप कैसे ये बात साबित करोगे? जिसने मगन की हत्या की है,हम लोग उसको ढूंढ रहे हैं। अगर हम उस आदमी का पता भी पता लगा भी लेंगे तो भी निधि और मगन के बीच क्या बात हुई या मगन और सीमा के बीच क्या हुआ या सीमा और निधि के बीच क्या हुआ यह तो हमें कभी पता नहीं लगेगा। अविनाश मुझे तो ऐसा लग रहा है कि हम लोग एक डेड एंड पर आ गए हैं। ”


अविनाश ने एक गहरी साँस ली और बोला,-“ठीक है मैं तुमसे बाद में बात करता हूं। ” 


“अब क्या किया जाए सर?”


“राजू और बेबी अब तुम लोग घर जाओ। मेरा सर घूम चुका है। एजेंसी से निकलने के बाद मैं नवीन से आज मिलूंगा। फिर डिसाइड करते हैं कि हमें क्या करना है?बेबी तुमने नवीन के घर का क्या पता बताया था?


“मकान नंबर २७, सिविल लाइन। ”


“ठीक है। अब तुम दोनों जाओ। ” इसके बाद राजू और बेबी चले गए। अविनाश कुछ देरी मंथन में बैठा रहा। ७ बजे के आसपास उसने अपनी एजेंसी बंद की और नवीन के घर की तरफ चल पड़ा। नवीन का घर एक बहुत ही साधारण सा का घर था। अविनाश ने घर की घंटी बजाई। एक वृद्ध महिला ने दरवाजा खोला।


“जी मैंने आपको पहचाना नहीं। ”


“मुझे डिटेक्टिव अविनाश कहते हैं। मैं किसी केस के सिलसिले में नवीन से मिलना चाहता हूं। ” 


उस महिला ने एक बार अविनाश को ऊपर से नीचे की तरफ़ देखा और कहा,-“अच्छा आप अंदर आ जाइए। ” उसने अविनाश को एक ड्राइंग रूम में बैठाया।


“नवीन अपने रूम में है। मैं उसको आपके बारे में बताती हूं। ”


“क्या हुआ आप कुछ परेशान लग रही हैं?इधर करीब तीन-चार दिनों से नवीन बहुत ज्यादा परेशान लग रहा है। वह अपने रूम से निकला तक नहीं है। ना कुछ खाता है,ना पीता है और ना कुछ बताता है। जब मैंने आपको देखा तो मेरा दिल धक से कर गया कि कहीं ऐसा तो नहीं कि नवीन किसी लफड़े में फस गया है। हम लोग बहुत अमीर लोग नहीं है साहब। नवीन के पिताजी बचपन में ही चले गए थे। मैं एक पब्लिक स्कूल में पढ़ाती हूं। थोड़ा पैसा नवीन काम लेता है। इसी भरोसे हमारा घर चलता है। नवीन की ऐसी हालत रहेगी तो फिर मुझ पर क्या बीतेगी?”


“माता जी आप बिल्कुल नहीं घबराइए। नवीन को भेजिए। ” वह महिला चली गई और थोड़ी देर बाद एक २०-२२ साल का नौजवान सीढ़ियों से उतरा। वह नवीन था। चेहरे से बहुत ही मायूस लग रहा था। वो अविनाश के बगल में बैठ गया।


“मैंने आपको पहचाना नहीं?”


“नवीन जी मुझे प्राइवेट डिटेक्टिव कैप्टन अविनाश कहते हैं। आपको तो पता ही होगा कि निधि और सीमा की हत्या एक ही रात में हो गई। उसी केस के सिलसिले में आपसे कुछ बात करना चाहता हूं?”


“जी पूछिए। ” 


“जिस रात इन दोनों की हत्या हुयी उस रात आप कहां थे?” 


“मैं सीमा के साथ १२ बजे तक बार में बैठा हुआ था। मैंने और सीमा ने काफी ड्रिंक कर लिया था। उसके बाद सीमा ने मुझे अपने घर छोड़ा और फिर फिर अपने कर से घर चली गई। १२ बजे के बाद मैं अपने घर में आया और सो गया। ”


“सीमा की मौत के बारें में आपको कब पता चला?”


“आपको तो पता ही है कि मैं निधि के ब्यूटी पार्लर में मैनेजर की हैसियत से काम करता हूं। जब मैं सुबह ब्यूटी पार्लर पहुंचा तभी पार्लर के लोगों ने बताया कि सीमा की किसी ने रात में हत्या कर दी।  ये सुन करके तो मेरा बहुत बुरा हाल हो गया। मैं सीमा के घर नहीं गया कि वहां के लोग मुझे पसंद नहीं करते हैं। बाद में मुझे पता चला कि निधि की भी हत्या किसी ने कर दी है। सर मैं सीमा से बहुत प्यार करता था। मैं और सीमा काफ़ी वक्त साथ गुज़ारते थे। अगर किसी के मंगेतर की हत्या हो जाएगी तो वो परेशान नहीं होगा। ”


“मैं समझ सकता हूँ पर क्या करें अब जो होना था………… । एक बात का सही सही जवाब देंगे। क्या सीमा से आपके फिजिकल रिलेशन थे?”


“इस बात को बताने में मुझे कोई एतराज नहीं है। मैं सीमा के साथ फिजिकल रिलेशन में था। ”


“इसका मतलब आप उसको ले करके होटल अल्पना जाते थे। ” 


“यह आप क्या कह रहे हैं?”


“क्यों आप सीमा के साथ होटल अल्पना में अकेले में वक्त नहीं गुजारते थे?” यह सुनते ही नवीन को पसीना आने लगा।


“आपको तो इतनी ठंड में भी काफी पसीना आ रहा है। आप होटल अल्पना नहीं जाते थे?” नवीन सर झुकाए बैठा रहा।


“मुझे पता है कि आप होटल अल्पना जाते थे लेकिन सीमा के साथ नहीं,निधि के साथ। क्यों मैं सही हूँ ना?”


“जब आपको पता ही है तो मुझसे क्यों पूछ रहे हैं?”


“नवीन ये यह कत्ल का मामला है। कुछ भी छुपा नहीं रहेगा।  यह बात आप अच्छी तरीके से गांठ बांध लीजिए। आप नहीं भी कुछ बताएंगे तो भी हम निकलवा लेंगे। ”


“देखिए सर मैं यह मानता हूं कि मेरा निधि और सीमा दोनों के साथ फिजिकल रिलेशन था। लेकिन शादी तो मैं सिर्फ सीमा के साथ ही करना चाहता था। इसके लिए मैंने शारदा से बात भी की थी पर वो शादी के खिलाफ थी। पर मुझे यक़ीन था की आज नहीं तो कल शारदा मान जाएगी। बाक़ी उसके घर में सभी अच्छे है। मेरी सभी से बात चीत होती है पर पता नहीं क्यों शारदा को मैं पसंद नहीं हूँ। ”


“अच्छा सीमा को पता था कि आप निधि के साथ भी फिजिकल रिलेशन में है?”


“आप क्या बात कर रहे हैं?अगर ये बात सीमा को पता होती तो वो मेरी ऐसी की तैसी कर देती। ”

 

“पर निधि को तो पता था आपके और सीमा के सम्बंध के बारें में। निधि आप पर दबाव नहीं डाल रही थी की आप सीमा से रिश्ता तोड़ कर उससे शादी कर ले। ”


“निधि को शादी करनी ही नहीं थी। वो बस मेरे साथ टाइम पास कर रही थे और मैं भी उसके ……..।  निधि बस समय का इंतजार कर रही थी कि जैसे ही उसका सब कुछ हो और वो सब कुछ बेच कर बड़े शहर चली जाए। वो मेरे साथ ऐश कर रही थी और मैं उसके ……..। ”


“आप निधि से होटल अल्पना में ही मिलते थे या और कहीं भी मिलते थे?” 


“कभी-कभी हम उसके फार्महाउस लाटघाट भी जाते थे। पर ये सब बातें किसी को पता नहीं हैं। ”


“जिस रात निधि की हत्या हुयी उस रात भी आप उस फॉर्म हाउस से मौजूद थे। ”


“नहीं सर उस रात मैं फार्महाउस में नहीं मौजूद था। मैंने आपको बताया है कि रात १२ बजे के बाद से मैं अपने घर में ही मौजूद था। और सर इन दोनों हत्याओं में मेरा कोई भी हाथ नहीं है। मेरे परेशान होने की दो वजह है। सीमा अब इस दुनिया में नहीं है। दूसरा निधि भी अब इस दुनिया में नहीं है तो इस दशा में उसका ब्यूटी पार्लर आज नहीं तो कल बंद हो जाएगा। निधि मुझे ठीक ठाक पैसे देती थी। हमारे घर की माली हालत भी बहुत अच्छी नहीं है। ”


“आपको क्या लगता है कि दोनों की हत्या किसने की होगी?”


“सर इस बारे में मैं कुछ भी नहीं बता सकता। ” 


“अच्छा मुझे एक बात पता चली है कि ७ दिसंबर को निधि ने अपने अकाउंट से ₹५ लाख निकलवाए थे। आप ब्यूटी पार्लर के मैनेजर है। तो क्या इतने पैसे निधि ने बिजनेस में इन्वेस्ट करने के लिए निकाले थे?” 


“सर मुझे इस पैसे के बारे में कोई जानकारी नहीं है और ना ही निधि ने मुझसे कभी डिस्कस किया था। ” 


“हमने फार्म हाउस की तलाशी ली थी पर वहां तो हमें कोई ५ लाख बरामद नहीं हुए। हालाँकि हम लगे हुए पैसे तलाश करने में। अब एक आखरी सवाल,क्या निधि का पंजाब से कोई लिंक था?


“सर करीब १ महीने पहले निधि पंजाब गई तो थी…..। ” 


“किस सिलसिले में?”


“सर निधि को घूमने का बहुत शौक था।  उसने लगभग सारा इंडिया ही घुमा हुआ था। घूमने के उद्देश्य  से ही पंजाब गई थी। मुझे तो उसने यही बताया अब उसका और कोई उद्देश रहा हो तो मैं नहीं बता सकता.”


“ठीक है जानकारी देने के लिए बहुत धन्यवाद। यदि आपको इस दौरान इस केस से सम्बंधित कोई बात पता चले तो आप मुझे जरुर इत्तला करेंगे। आप मेरा फोन नंबर नोट कर लीजिए और थोड़ा अलर्ट रहना । ” फोन नंबर नोट कराने के बाद से अविनाश नवीन के घर से निकल कर सीधा अपने घर आ गया। हर दिन की तरह खाना पीना खा करके टेरिस पर बैठ गया और फिर इसी केस की उधेड़बुन में लग गया। अचानक उसे कुछ सूझा और उसने मनोज को फ़ोन लगा दिया।


“कहां हो अविनाश?”


“नवीन से मिलकर घर आ गया हूं। ”


“बताओ इतनी रात कैसे फोन किया?” 


“यार हमें निधि के कॉटेज की भी तलाशी लेनी चाहिए थी। हमने सीमा के कॉटेज की तलाशी ली, फार्म हाउस की तलाशी ली पर निधि के काटेज की तलाशी नहीं ली। वहां से भी कुछ सुराग मिल सकता है। ”


“तो चलो कल सुबह तलाशी ले लेते हैं। ”


“ठीक मेरे घर आ जाना, यही से निकल चलेंगे।


              ७


१४ दिसम्बर,सुबह ९ बजे मनोज, अविनाश के घर पहुँच गया। वे दोनो थोड़े समय में रौनपार में दीवान कोठारी के काटेज के सामने खड़े थे। उनकी कार को देखते ही एक नौकर काटेज से बाहर आया।


“फरमाइए सर?” 


इंस्पेक्टर मनोज ने कहा,-“जरा शारदा जी को बाहर भेज दीजिए। ” थोड़ी देर में शारदा बाहर आ गयी।  


इंस्पेक्टर मनोज ने कहा,-“शारदा जी मुझे निधि के कॉटेज की तलाशी लेनी है। ”


“आप तलाशी ले सकते हैं। ”


“कॉटेज खुला ही हुआ होगा। ” अविनाश और मनोज पीछे निधि की काटेज की तरफ चल दिए। वह भी एक २ bhk कॉटेज था। वे दोनो कॉटेज के अंदर प्रवेश कर गए और दस्ताना पहन लिया। अविनाश ने एक नजर ड्राइंग रूम पर डाली। इसके बाद वे एक बेडरूम में घुस गए। देखने से लग रहा था कि वह निधि का ही बेडरूम है। अविनाश और मनोज निधि के बेडरूम की तलाशी में जुट गए। निधि के अलमारी में अविनाश को एक बैग बरामद हुआ। अविनाश ने वह बैग निकाल करके बेड पर रख दिया और खोल करके देखा तो उसमें सिर्फ़ नोटों की गड्डियाँ थी। अविनाश से सारा नोट अविनाश को थमा दिया।  


“मनोज जरा गिनो तो यह कितने रुपए हैं। ” मनोज ने एक एक करके नोट को गिनना शुरू कर दिया।


“अविनाश ये ५ लाख हैं। पर नोटों की गड्डी के बीच में एक फ़ोटो पड़ी हुयी है। ” 


“यह किसकी फोटो है?” 


“अविनाश,यह फोटो तो दीवान साहब के दोस्त आलोक खेतान की लग रही हैं। नोटों के बीच  आलोक साहब की फ़ोटो क्या कर रही है?ठीक है फिलहाल नोट और फोटो दोनों बैग में डाल करके बैग अपने कब्जे में ले लो। बस दो बात का ध्यान रखना। पहला बरामद नोट का सीरियल नंबर लिख लो और दूसरा फ़ोटो पर से निशान उठवाने की कोशिश करो। बैंक से कंफर्म करा लेंगे कि इसी सीरियल नंबर के नोट निधि को दिए गए थे क्या?” मनोज ने सीरियल नंबर नोट करके अविनाश को बता दिया और वे दोनो निधि के काटेज से वापस आ गए। शारदा अपने काटेज के सामने ही खड़ी थी।


उनको देखते ही शारदा ने पूछा,-“क्या आप लोगों को कुछ निधि के काटेज से कुछ मिला है?”


मनोज बोला,-“निधि के बेड रूम से हमें एक बैग बरामद हुआ है जिसमें ₹५ लाख थे। क्या इस बारें में आपको कोई जानकारी थी?”


“नहीं सर। वैसे भी ये लड़कियां मुझसे कम ही बातचीत किया करती थी। "


“फिलहाल ₹५ लाख हमने अपने कब्जे में ले लिए हैं। केस खत्म होने के बाद यह पैसे आपको वापस कर दिए जाएंगे। शारदा जी अब हम लोग चल रहे हैं। ” इसके बाद से मनोज और अविनाश वापस आजमनगर आने के लिए चल पड़े।


रास्ते में मनोज बोला,-“यार अविनाश अब ये क्या चक्कर है? ये कौन से ₹५ लाख हैं?”


“बैंक से कंफर्म करके बताऊँगा। ”


“अविनाश, गुत्थी तो कुछ उलझती ही जा रही हैं। फिर नोटों के साथ वह फोटो क्या कर रही है?” मनोज को थाने छोड़ते हुए अविनाश अपने एजेन्सी चला आया। आते ही अविनाश ने तुरंत राजू और बेबी को बुलाया और सुबह की घटना से अवगत कराया।


“बेबी तुम अभी के अभी बैंक चली जाओ और यह पता करो कि निधि ने जो ₹५ लाख निकाले थे, क्या उसका सीरियल नंबर निधि के काटेज में मिले नोट के सीरीयल नंबर से मैच करता है क्या?”इतना सुनते ही बेबी तुरंत चली गई।  


“अभी राजू तुम केबिन से जाओ। जब बेबी आएगी तो उसके साथ अंदर आना। मुझे शांति से थोड़ा सोचने दो। ” करीब २ घंटे बाद बेबी ने दोबारा राजू के साथ केबिन में प्रवेश किया।


“सर माफी चाहती हूँ थोड़ा सा लेट हो गया। मैंने पता कर लिया है। दोनो सीरीयल नम्बर एक ही है। मतलब जो निधि ने जो ५ लाख बैंक से निकाले थे वो वही नोट हैं जो आपको निधि के काटेज से मिले हैं। ”


“इसका मतलब हम जो कयास लगा रहे थे कहीं वह गलत तो नहीं हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि ₹५ लाख निधि ने वाकई किसी और काम के लिए निकाले थे। कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है कि क्या किया जाय ?” तब तक इंस्पेक्टर मनोज का फोन आ गया।


“हाँ मनोज कुछ सही न्यूज़ सुनाओ जिससे केस में कुछ मदद मिल सके। ”


“अविनाश जो आलोक खेतान की फोटो हम लोगों को नोटों से भरे बैग में मिली थी उस फोटो पर मगन की उंगलियों के निशान हैं, निधि की भी उंगलियों के निशान है और बाकी कुछ और निशान है पर उसका पता लगा पाना मुश्किल है। इसका मतलब अविनाश इस फोटो को निधि और मगन दोनों ने टच किया था। ” 


अविनाश ने कुछ सोचा और बोला,-“मनोज एक काम करो। अभी क़रीब दोपहर के २ बज रहे हैं। चलो मैं और तुम एक बार रौनापार दीवान साहब के यहाँ और होकर आते हैं। ”


“अरे यार अभी सुबह तो आएँ हैं काटेज से। वैसे अभी तुमको मिलेगा कौन? आलोक और अजय फ़ैक्टरी होंगे। रवि पता नहीं कहाँ होगा?केवल शारदा से मुलाक़ात हो पाएगी। उससे अभी सुबह तो मिले थे। "


"प्लास्टिक की फैक्ट्री बहुत दूर तो नहीं हैं। दोनों को बुला लेंगे। रवि मिले ना मिले उससे बहुत मतलब नहीं हैं। मैं सबकी प्रजेंट में कुछ बताना चाहता हूं और कुछ एक बयान लेना चाहता हूं। ”


“ठीक है आ जाओ थाने यहीं से चल पड़ते हैं। ” 


“एक काम और है। ”


“वो क्या?” 


“सब इंस्पेक्टर राहुल और ३ कांस्टेबल को सादे वेश में नवीन के घर के आस-पास लगा दो। यही एक आदमी है जिस पर मुझे संदेह हो रहा है। हम लोगों के पास अभी भी कोई बहुत सबूत तो मिला नहीं है। मैं बस यह जानना चाह रहा हूं कि नवीन कहां आता जाता है?”


“ठीक है यह काम भी कर लेते हैं। ” 


“थोड़ी देर में मैं थाने पहुंच रहा हूं। ” 


फोन रखने के बाद अविनाश बोला,-“राजू और बेबी तुम दोनों यही एजेंसी में रहो। मैं और मनोज दीवान साहब के कॉटेज,रौनपार जा रहा रहे है। ” इतना कहने के बाद अविनाश अपनी कार से थाने की तरफ चल दिया। वहां से मनोज को लेते हुए करीब १ घंटे में वे लोग रौनापार पहुंच गए। वे लोग सीधे शारदा से मिले।


“अरे दोबारा आप लोग? फिर से तलाशी लेनी है क्या?”


मनोज बोला,-“शारदा जी हमें अभी के अभी रवि, अजय और रवि के पिताजी आलोक खेतान से यहीं पर बात करनी है। हम आप सब के लोगों से एक साथ कुछ सवाल पूछना चाहते हैं। ” 


“रवि को तो मैंने अभी अपने काटेज में देखा था। बाकी आलोक खेतान और अजय फैक्ट्री में होंगे, मैं फोन करके उन्हें बुला लेती हूं। थोड़ा समय लगेगा, तब तक आप लोग हाल में बैठ जाइए। ” अविनाश ,मनोज और शारदा हाल में सोफ़े पर बैठ गए। करीब आधे घंटे के भीतर तीनों रवि,आलोक और अजय आ गए।


आलोक ने पूछा,-“आपने हम लोगों को यहां क्यों इकट्ठा किया है?”


अविनाश बोला,-“मैं सबके अलग अलग बयान ले करके अपना समय नुकसान नहीं करना चाहता था। इसलिए मैंने मनोज से कहा कि सबको इकट्ठे कर लिया जाए ताकि सबका समय बचे। कुछ बातें ऐसी हैं जो मैं आपको बता रहा हूं। हो सकता है आपको सुनने में अजीब लगे पर सत्यता यही है। आप सब लोग नवीन को जानते हैं?” सभी ने हामी भरी लिखी।  


“नवीन निधि की ब्यूटी पार्लर में मैनेजर की हैसियत से है। अब निधि के मर जाने के बाद से उस ब्यूटी पार्लर का क्या भविष्य है यह तो मुझे नहीं पता है। नवीन और सीमा में काफी आशनाई थी। वे दोनों शादी भी करना चाहते थे पर घर वाले तैयार नहीं हुए जिसकी वजह से वे दोनों शादी नहीं कर पाए। प्रमुख कारण घरवालों का मन नहीं करोड़ों की जायदाद है जो उनको शादी करने से रोक रही थी। लेकिन शादी नहीं करने के बावजूद नवीन और सीमा के आपस में फिजिकल रिलेशन थे। जब हमने नवीन से पूछताछ की तो हमें इस बात का पता चला कि नवीन के निधि के साथ भी फिजिकल रिलेशन थे। ”


तब तक आलोक बोला,-“यह बात मुझे तो नहीं पता थी। ” 


शारदा ने कहा,-“मुझे भी नहीं पता थी। ” अजय और रवि ने भी यही कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।


“जब मैंने नवीन का बयान लिया तो पाया कि नवीन काफी उदास और डरा हुआ है। हालांकि उसने उदास होने की वजह यह बतायी कि अब उसकी नौकरी भी जा रही है और जिस गर्लफ्रेंड से वह शादी करने वाला था वह भी अब इस दुनिया में नहीं है। पर उससे बात करने से मुझे यह लगा कि वजह कुछ और भी है। नवीन ने ये भी कबूल किया कि वह निधि के साथ अकेले में वक्त गुजारने के लिए कभी कभी आपके फार्महाउस लाटघाट और होटल अल्पना भी जाया करता था। उसी होटल अल्पना में निधि एक हिस्ट्रीशीटर मगन के साथ भी देखी गई थी और उस हिस्ट्रीशीटर मगन की लाश हमें लाटघाट से थोड़ी दूर पर सड़क के किनारे मिली थी। उस लाश के पास से हमें एक स्लिप बरामद हुई जिसमें निधि का फोन नंबर लिखा था। शुरू में हम इस नतीजे पर पहुंचे कि कहीं ऐसा तो नहीं कि इस पूरे हत्याकांड में निधि का ही हाथ है लेकिन फिर निधि की हत्या किसने की? दूसरा निधि के रूम से हमको वही ₹५ लाख बरामद हुए जो उसने बैंक से निकाले थे। उन नोटों के साथ हमें आलोक साहब का फोटो बरामद हुआ। तब से मैं एक अजीब सी उलझन में पहुंच गया हूं। फोटो आलोक साहब की बरामद हुयी और हत्या सीमा और निधि की हुई है। यह क्या चक्कर है?अभी तक तो हम यह मान रहे थे कि वह ₹५ लाख निधि ने मगन को देने के लिए निकाले थे लेकिन वह ₹५ लाख तो निधि के काटेज में मिले। हमने ५ लाख  के बारे में नवीन से भी पूछताछ की तो नवीन ने भी यही बताया कि उसे इन पैसों के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। अब दिक्कत यह है कि हम नवीन को पकड़कर थर्ड डिग्री अप्लाई करके कुछ उगलवाने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन जब तक हमारे पास कोई ठोस सबूत नहीं होगा हम उसको पकड़ भी नहीं पाएंगे। मैं बस आप लोगों से यह पूछना चाहता हूं कि क्या जिस रात सीमा की हत्या हुई उस रात कॉटेज के आसपास किसी ने नवीन को देखा था?” सभी ने ना में सर हिलाया।


“अजय तुमने भी नहीं देखा था?”

 

“नहीं सर मैंने भी नहीं देखा था जबकि मैं तो अपनी मंगेतर से काफी देर रात तक बात करता हूं। उस रात थोड़ी बहुत रह रह करके बारिश भी हो रही थी इसलिए मैं अपने कॉटेज में पड़ा था। ”


“रवि तुमने भी नहीं देखा था”


“सर सत्यता तो यही है कि मैं भी घूम टहल करके थोड़ा सा लेट आता हूं और खा पी कर के सो जाता हूं। मैं अक्सर रात में नशे में भी रहता हूँ। । ” आलोक ने उसे घूरकर देखा तो रवि ने सर झुका लिया।


“शारदा जी, आपके और आलोक साहब के देखने का कोई मतलब नहीं हैं। मैं सोच रहा था कि नवीन को आप लोगों ने आसपास देखा होगा तो एक सबूत मान कर हमलोग नवीन को पकड़ लेते। आजकल लोग बहुत होशियार हो गए हैं।  मोबाइल से तो ट्रैक कर पाना बहुत ही मुश्किल है। ”


अविनाश ने एक गहरी साँस ली और बोला,-“देखिए यदि आप लोगों को कोई भी संदिग्ध बाद पता चले तो आप लोग प्लीज हमारी मदद कीजिए। हम लोग इस समय डेड एंड पर आ गए हैं। कुछ समझ में नहीं आ रहा है। समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।  मनोज चलो वापस चलते हैं। ” इसके बाद मनोज और अविनाश वापस चल पड़े। मनोज को थाने छोड़ते हुए अविनाश अपनी एजेंसी लौट आया।  राजू और बेबी उसका इंतजार उसके केबिन में कर रहे थे।


“क्या बात है आज तुम लोग मेरे अनुपस्थिति में मेरे केबिन में बैठे हुए हो?”


“मैं और राजू भी इस केस को हल करने की कोशिश कर रहे हैं पर सफल नहीं हो पा रहे हैं। आपको इकट्ठे बयान से कुछ पता चला?” अविनाश उनसे दीवान के परिवार की मुलाक़ात के बारें में बताया।


“अब सर आगे क्या करना है ………?”


“अभी सब लोग घर चलो,कल देखेंगे। इंस्पेक्टर मनोज ने नवीन के पीछे सब इंस्पेक्टर राहुल और दो-तीन कांस्टेबल को लगा दिया होगा। देखतें है कोई रिज़ल्ट आता है या नहीं। ” इसके बाद तीनों अपने अपने घर चले गए। रोज़ की ही माफ़िक़ खाना खाने के बाद अविनाश कुछ देरी टेरेस पर टहला और फिर आ करके बेड पर सो गया। क़रीब रात २ बजे के आस पास उसका मोबाइल फ्लैश होने लगा। उसने उठाकर देखा तो मनोज का नंबर फ़्लैश हो रहा था।


“क्या मनोज इतनी रात गए?”


“नवीन पर कातिलाना हमला हुआ है और हमला करने वाले को हम लोगों ने पकड़ लिया है। नवीन और हमलावर, दोनों को पकड़कर थाने में बंद कर दिया गया है। हमला होने से पहले ही सब इंस्पेक्टर राहुल ने हमलावर को पकड़ लिया। ”


“ठीक है। अभी तो आने की जरूरत नहीं है। ”


“मेरे हिसाब से अभी आने की जरूरत नहीं है। ” 


“कल सुबह १० बजे के आसपास मैं, राजू और बेबी के साथ थाने पहुंच जाऊंगा।


              ८


१५ दिसम्बर, १० बजे के आसपास अविनाश, राजू और बेबी के साथ थाने पहुंच गया। थाने पहुंचा तो उसने देखा कि मनोज के सामने दीवान साहब का सारा परिवार उपस्थित था।  


“मनोज तुमने सबको क्यों बुला लिया?” 


“तुम्हारे साथ रहते रहते मुझे इतना अंदाजा हो गया है। ” अविनाश बहुत ज़ोर से हंसने लगा।


“दोनो आदमी कहां है?” 


“वे तो लॉकअप में बंद है। दोनों को ले आओ। ” सब इंस्पेक्टर राहुल दोनों को लाकअप से बाहर ले आया।


“अरे मनोज ये क्या है? नवीन के साथ रवि को क्यों बंद किया हुआ है?”


सब इन्स्पेक्टर राहुल ने कहा,-“मिस्टर अविनाश फार्म हाउस से थोड़ा दूर, जहां पर हमें मगन की लाश मिली थी, वहीं पर रवि नवीन पर गन ताने खड़ा था। इन दोनों में हाथा पाई भी हुयी थी। अगर मैं सही समय पर नहीं पहुंचता तो शायद रवि नवीन को मार डालता। मैंने रवि की गन बरामद कर ली। नवीन के पास से भी गन बरामद हुयी है। ”


“फिर क्या यह तो बहुत ही शुभ संकेत हैं। तुम दोनों आपस में क्यों झगड़ा कर रहे थे?” नवीन गुस्से से रवि की तरफ देख रहा था।


नवीन बोला,-“रवि ने मुझे डबल क्रॉस किया और मेरे हाथों निधि का मर्डर करवा दिया। ” 


“क्या?रवि, निधि का मर्डर करवाने में तुम्हारा क्या फायदा है?” 


रवि बोला,-“निधि ने मेरे बाप आलोक को मारने के लिए मगन को हायर कर रखा था। अगर मैं इस बार निधि को छोड़ देता तो निधि आगे भी और लोगों को मरवाने का काम कर सकती थी। अगर एक बार किसी के मन में बुरी नियत आ जाए तो वह बार-बार अपनी गलत हरकतों से बाज नहीं आता  है। यही वजह है कि मैंने निधि का खून नवीन के हाथों करवा डाला। ”


“पर मुझे एक बात यह नहीं समझ में नहीं आ रही की पैसा अगर आलोक को मारने के लिए दिया गया था तो सीमा की हत्या कैसे हो गई?”


तब तक नवीन गुस्से में बोला,-“सर इसीलिए तो मैं कह रहा हूं कि इसने मुझे डबल क्रॉस किया। रवि मेरे पास आया और कहा कि निधि ने मेरे बाप आलोक को मरवाने के लिए मगन नाम के एक आदमी को सुपारी दे रखी है। इसने कहा कि क्यों ना हम दोनो मगन से मिल करके निधि को डबल क्रॉस करें और आलोक की जगह शारदा की हत्या करवा दी जाए। शारदा जैसे ही मर जाएगी, सीमा और मेरे बीच कोई भी शादी के लिए रुकावट नहीं रहेगा। पर इसका प्लान कुछ और था-


हम लोगों ने यह तय किया कि जिस रात शारदा की हत्या होगी, उसी रात मैं जा करके फार्म हाउस में निधि का मर्डर कर दूंगा। लोग यह समझेंगे कि निधि की हत्या मगन ने की है और फिर २-३ दिन बाद मगन को पैसे देने के बहाने रवि एकांत जगह बुलाएगा और उसको मार देगा। जब मगन की जेब से निधि का मोबाइल नम्बर लिखा काग़ज़ बरामद होगा तो सारा केस लिंक हो जाएगा। सब यही समझेंगे की निधि ने मगन के ज़रिए शारदा की हत्या करवायी। फिर किसी वजह से निधि और मगन में झगड़ा हुआ और मगन ने निधि की हत्या कर दी। बाद में जब मगन की लाश मिलेगी तो सब समझेंगे की मगन की हत्या या तो उसके किसी साथी ने की या कोई पैसों के लिए कर गया- 


मेरे ऊपर और रवि के ऊपर तो किसी का ध्यान ही नहीं जाएगा। लेकिन मैंने निधि का मर्डर किया और इस कमीने ने मगन के ज़रिए शारदा की जगह सीमा का मर्डर करवा दिया। जब मुझे सुबह पता चला कि सीमा का मर्डर हो गया है तब मैं आपे से बाहर हो गया। मैंने इसे गुस्से में बोला कि रवि ने शारदा की जगह सीमा को क्यों मरवा दिया तो ये कमीना कहने लगा कि इसका प्लान ही सीमा को मरवाने का था। अब एक साथ सीमा और निधि दोनों मर गई हैं और शारदा भी कुछ दिन बाद मर जाएगी।  अजय अपना हिस्सा बेच कर करके पहले से ही बाहर जाने के प्लान में है। निधि के मरने के बाद वैसे ही सारी जायदाद चार पार्ट की जगह तीन पार्ट में बट जाएगी। शारदा का कोई होगा ही नहीं तो उसका हिस्सा भी इसको मिल सकता है। अजय एक बार सब कुछ बेच के विदेश चला गया तो सब कुछ रवि का हो जाएगा। ये जो चाहे सो करे। वैसे भी इसको निधि पर भी ग़ुस्सा था क्योंकि इसने शादी के लिए मना किया था। अगर शारदा की जगह सीमा ज़िंदा रहती तो मैं उससे शादी कर लेता और इसकी जायदाद का भागीदार बन जाता। इतनी ख़तरनाक थी इसकी सोच। मैं बेवक़ूफ़ था जो इसके झाँसे में आ गया। मैं आत्मग्लानि में मरा जा रहा हूं। मुझे लग रहा है कि मैं सब कुछ पुलिस को बता दूँ तो मेरा मन हल्का हो जाएगा-


आत्मग्लानि से मेरी हालत खराब हो रही थी। फिर इसने मुझे रात १ बजे के आसपास फार्म हाउस बुलाया। मैं भी गुस्से में वही गन लेकर के गया था जिससे मैंने निधि की हत्या की थी। मेरे मन इतना ग़ुस्सा था की मैंने निश्चय किया मैं रवि को मार डालूंगा। जैसे एक कत्ल की सजा फांसी है वैसे दो कत्ल की सजा भी फांसी है। मुझे क्या पता था कि पुलिस हमारे पीछे पड़ी हुई है। हम दोनों आपस में जैसे ही मिले ,एक दूसरे के बीच झगड़ा हुआ तब तक पुलिस ने आ करके हम सब को पकड़ लिया। आज आप सब के सामने गुनाह क़बूल कर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। लालच भी आदमी से क्या करवा देती है। ”


“रवि एक बात बताओ। तुमने नवीन को रात १ बजे एकांत में क्यों बुलाया था?” 


“जब आपने कल हम सब को बैठाकर के नवीन के बारे में इतनी बातें बताई तो मुझे यह डर हो गया कि हो ना हो पुलिस नवीन के पीछे पड़ सकती है और नवीन कभी भी ज़बान खोल सकता है। इससे पहले कि नवीन अपनी ज़बान पुलिस के सामने खोले उसको बुला करके मैं उसे खुद ही मार डालना चाहता था। इधर नवीन सीमा को लेकर मुझ पर पहले से ही गुस्सा था। ”


“चलो अच्छा ही हुआ कि तुम दोनों एक साथ पकड़ लिए गए। मेरी चाल कामयाब हो गयी। ”


मनोज बोला,-“अविनाश, पहले केस को विस्तार से समझाओ। ”


“ठीक है। रवि पहले मैं तुमसे कुछ सवालात करना चाहता हूं। ” 


“तुम यह बात हमको बताओ कि तुम्हें कैसे पता लगा कि निधि मगन के साथ बातचीत कर रही है। ”


“मैं पूरे दिन कुछ काम तो करता नहीं हूं। मैं तो आवारागर्दी ही करता हूं। मुझे यह बात भी पता थी कि नवीन के सीमा से जिस्मानी तालुकात है और होटल अल्पना में, फार्म हाउस में नवीन अक्सर निधि के साथ भी अकेले में वक्त गुजरता है। निधि ने जबसे मुझसे शादी के लिए मना किया था तब से मैं वैसे ही चिढ़ा हुआ था। मैंने ७ तारीख़ को होटल अल्पना में निधि और मगन को एक साथ बात करते देखा था। मगन मुझे यहां का आदमी तो लगा नहीं इसलिए मैं समझ गया कि कुछ तो दोनों के बीच खिचड़ी पक रही है। मगन एक लाज में ठहरा हुआ था। फिर मैंने मगन से बात करके उसे शीशे में उतार लिया। मगन मुझसे खुल गया और मुझे बता दिया कि निधि क्या चाहती है। बात दरअसल यह थी कि निधि ₹५ लाख मगन को देकर मेरे पिताजी का मर्डर करवाना चाहती थी। मुझे पता था जैसे ही मेरे पिताजी रास्ते से हट जाएंगे निधि बंधनों से मुक्त हो जाएगी और वह अपना हिस्सा बेच करके यहां से चली जाएगी। मुझे ये नागवार गुजरा। मेरे मन में एक प्लान आया। मैं नवीन से जा करके उसके घर मिला।  मैंने नवीन से कहा कि निधि ऐसा सोच रही है। मैंने कहा की यदि नवीन मेरा साथ दे तो मैं एक तीर से दो शिकार कर सकता हूं। मेरा मतलब शारदा और निधि रास्ते से हट जाएँगी तो मैं और नवीन ऐश करेंगे। । मैंने नवीन को ये भी डरा दिया की यदि निधि भी रास्ते से हट जाएगी तो उसका और सीमा का रास्ता सदा के साफ़ हो जाएगा। नवीन मेरे जाल में फँस गया। पर मेरा प्लान कुछ और था-


मैंने मगन से कहा कि मैं ५ लाख की जगह उसे १० लाख रुपए दूंगा बशर्ते वो वह मेरे पिताजी की जगह सीमा की हत्या कर दे। यहां मैंने नवीन को डबल क्रॉस कर दिया। मुझे पता था कि एक बार नवीन अगर हत्या के माया जाल में फस गया तो वह कभी कुछ बोल नहीं पाएगा। शारदा की हत्या से मुझे कोई भी फायदा नहीं था। मुझे तो फायदा हमेशा सीमा की हत्या और निधि की हत्या से था। बाद में पैसे रुपए दे करके मैं नवीन का मुंह बंद कर देता। वैसे भी नवीन बोलता भी क्या?वह खुद ही हत्याकांड में फंस जाता। मगन को मैंने काटेज की सारी सिचूएशन के बारें में समझा दिया था। जिस रात सीमा की हत्या हुयी मैं काटेज में अपने रूम में जाग कर सारी सिचूएशन को देख रहा था। मगन ने सायलेंसर लगी गन से हत्या की थी। अगर कुछ गड़बड़ होती तो मैं मगन को भाग देता। जिस रात सीमा की हत्या होनी थी उसी रात निधि की भी हत्या होनी थी। प्लान के मुताबिक़ उस रात निधि को फार्म हाउस रुकना था ताकि कोई निधि पर मेरे बाप की हत्या का शक ना कर सके। ये सब बात मुझे पता थी। नवीन ने निधि को बताया की वो रात में फार्म हाउस आएगा। बाक़ी निधि को क्या पता था की उसका प्लान फेल हो चुका है और नवीन उसकी हत्या करने फार्म हाउस आ रहा है। निधि ने पहले ही मगन को ५ लाख दे रखे थे ताकि हत्या के २ -३ दिन बाद मगन बिना निधि से मिले आजमनगर से सरक जाए। इधर मगन ने सीमा को मारा,उधर नवीन ने निधि को और बाद में मैंने मगन को। बाक़ी नवीन को मारने से पहले आपने मुझको पकड़ लिया। बाकी की कहानी तो आप सब को पता ही है। ” 



“अच्छा क्या तुम यह बता सकते हो कि निधि की मुलाकात मगन से कैसे हुई होगी?”


“निधि को घूमने टहलने का बहुत शौक था। वहीं कहीं पंजाब में उसको कहीं से लिंक मिल गया होगा । जिसको ज़रूरत होती है वो अपना लिंक कहीं ना कहीं से खोज लेता है। ”


“रवि,निधि के काटेज में ५ लाख तुम्हीं ने मगन से लूटकर रखे थे?”


“हाँ। जिस शाम आप नवीन से मिले थे,आपके के जाने के बाद नवीन ने मुझे ये बताया था कि आप ५ लाख खोजने के लिए कहीं भी तलाशी ले सकते है। इसलिए मैंने डर की वजह से निधि के रूम में ५ लाख रख दिए। ” 


“एक बात बताओ नवीन,जब तुमको दूसरे दिन पता चला कि शारदा की जगह सीमा की हत्या हो गई है तो तुमको गुस्सा नहीं आया?”


“सर आप गुस्से की बात करते हैं, हम दोनों में आपस में बहुत कहा सुनी भी हुई थी लेकिन मैं अब कर भी क्या सकता था। मैं तो निधि का मर्डर करके पहले ही फँस चुका था। मुझे तो यह पता लग ही गया था कि रवि ने मुझे डबल क्रॉस कर दिया है। मुझसे कहा कि वह मगन को शारदा की मौत के लिए तैयार करेगा पर मुझे क्या पता कि वह मगन को सीमा की मौत के लिए तैयार कर रहा था। मेरे पास चुप रहने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था। हम दोनो ज़्यादातर आमने सामने बात करते थे या पब्लिक फ़ोन से। कहीं जाते वक्त मैं मोबाइल भी अपने साथ नहीं ही रखता था। पर मैं अंदर ही अंदर बहुत घुटा जा रहा था। अब ठीक लग रहा है। ” 


“खैर पूरी कहानी को मैं सिलसिलेवार ढंग से सुनाता हूं। जहां कहीं मैं ग़लत हूँगा मुझे टोक देना। जब मुझे ५ लाख निधि के रूम में मिले तब मैं समझ गया की कोई दीवान फ़ैमिली का भी शामिल है नवीन के साथ-


जैसा कि रवि ने बताया वो किस किस्म का लड़का है। दिनभर घूमना,आवारा गर्दी करना उसका काम है। निधि ने जब शादी के लिए मना कर दिया तो वह निधि से थोड़ा गुस्सा भी था। रवि को इस बात का पता चल गया कि नवीन सीमा और निधि दोनों के साथ ऐश कर रहा है। यह बात तो सबको पता ही थी कि नवीन,शारदा की लड़की सीमा के साथ इश्क में है और यह दोनों आपस में शादी करने वाले थे लेकिन इन दोनों की शादी इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि शारदा इस शादी के खिलाफ थी। शारदा ने धमकी दी थी कि यदि सीमा ने अपने मन से शादी की तो करोंडों की जायदाद से बेदख़ल हो जाएगी। वहीं दूसरी तरफ निधि और अजय दोनों ही अपना हिस्सा बेच कर बाहर सेटल होना चाहते थे। अजय तो खैर देश से बाहर सेटल होना चाहता है पर निधि आजमनगर छोड़ कर इंडिया में कहीं बहुत बड़ी जगह शिफ्ट होना चाहती थी। अजय तो ख़ैर शादी कर रहा है इसलिए उसकी प्रॉब्लम साल्व हो जाएगी लेकिन निधि का क्या होगा?वो शादी नहीं करना चाहती थी पर प्रश्न यह है कि बाहर शिफ़्ट होने के लिए बहुत अच्छे खासे पैसे की जरूरत होती है और वो पैसा आएगा कहाँ से?बिना शादी किए जायदाद बिक नहीं सकती। वसीयत के मुताबिक तो आप तभी प्रॉपर्टी बेच सकते हो जब आप शादीशुदा हो। दीवान साहब का यह मानना था की शादी के बाद आदमी परिपक्व हो जाता है। शादी के लिए दीवान साहब, आलोक को निधि और अजय का गार्जियन बना गए। अगर निधि को शादी करनी थी तो आलोक की मर्ज़ी से नहीं तो जायदाद नहीं मिलती। कुल मिलाकर निधि के रास्ते का सबसे बड़ा काँटा आलोक साहब थे। यदि आलोक साहब रास्ते से हट जाते तो निधि किसी से भी शादी करके अपना हिस्सा बेच कर निकल जाती। मेरा मतलब है निधि के लिए सबकुछ आसान हो जाता-


निधि को घूमने का शौक था। इसी घूमने के दौरान जब वह पंजाब गई होगी तो उसकी मुलाकात किसी वजह से हिस्ट्रीशीटर मगन से हुई होगी। जब उसका मन आलोक को रास्ते से हटाने का हुआ होगा तो उसने मगन को पंजाब से बुलाया होगा। ५ लाख में आलोक को मारने का सौदा तय हुआ। मगन कहीं भी आलोक को मारकर भाग सकता था। निधि ने मगन को ५ लाख और आलोक खेतान की फोटो को पकड़ा दी। प्लान के मुताबिक़ निधि फॉर्म हाउस आ गयी ताकि कोई निधि पर शक ना कर सके। पर उसे क्या पता की मगन का प्लान बदल गया है। निधि की आदतें भी खराब थी। उसने रात गुजारने के लिए नवीन को बुला लिया।


फार्महाउस के किचन में जब हम लोगों ने क़रीब २ लोगों का खाना खाना देखा तभी हमको अंदाजा लग गया था कि किसी एक आदमी के लिए खाने की मात्रा बहुत ज्यादा है। इसका मतलब निधि के मन में किसी दूसरे आदमी की उपस्थिति का प्लान था पर क्या वो आदमी आया नहीं?अब पता चला की वो आदमी आया था पर ना तो उसने कुछ खाया और ना ही कोई ड्रिंक लिया। वो लेता भी कहाँ से, नवीन तो १२ बजे तक सीमा के ही साथ था। उसके बाद वो फार्म हाउस पहुँचा होगा इसलिए खाने  और पीने का बहुत सवाल नहीं उठता है। नवीन का इरादा तो कुछ और ही था-


जब तक निधि प्लान सफल हो, इसी बीच रवि की मगन से मुलाकात हो गई या यह कह सकते हैं कि रवि ने मगन का इरादा भाँप लिया। रवि ने मगन और नवीन दोनों को अपने झांसे में ले लिया। नवीन को शारदा को रास्ते से हटाने का और मगन को १० लाख का लालच दिया। नवीन को प्लान बिल्कुल पसंद आ गया। इधर ८ दिसम्बर को १२ बजे के आसपास नवीन बार में से सीमा के साथ निकला। सीमा ने अपनी कार से नवीन को उसके घर छोड़ा और वह वापस अपने कॉटेज में चली आयी। इधर नवीन ने १२ बजे के आसपास अपनी बाइक उठाई और लाटघाट इन लोगों के फॉर्म हाउस पर पहुँच गया। क्योंकि इसने  खाना और दारू पहले से ही ले रखा था इसलिए इसमें ना तो दारु पी और ना तो खाना खाया। इसीलिए हमें वहां के किचन की सिंक से एक ही प्लेट बरामद हुई और खाने की मात्रा ज्यादा बरामद हुई क्योंकि नवीन ने खाना खाया ही नहीं था-


इधर रात १ से २ के बीच मगन बहुत आराम से काटेज पहुँचा जैसा की मगन को रवि ने बताया था। सीमा अपने रूम में खिड़की खोल के सो रही थी। दारू का नशा बहुत पहले से था। मगन ने साइलेंसर लगी गन से सीमा को गोली मारी और सीमा मर गई जबकि मरना निधि के हिसाब से किसी और को था और नवीन के हिसाब से किसी और को था-


उधर फार्म हाउस में नवीन ने मौक़ा देख कर अचानक रात २ से ३ के बीच अपने गन से निधि की पीठ में तीन गोली मारी। उसकी लाश को बेड पर पीठ के बल लिटा दिया। फिर उसके बाद संभवत नवीन ने अपने हाथ के निशान जगह जगह से मिटाए,शीशे वाला दरवाजा खोल कर बरामदे में आया और आगे से शीशे वाले दरवाजे को तोड़ दिया। सारा शीशा रूम के अंदर आ गया ताकि ये पता लगे कि बाहर से कोई शीशा तोड़ करके बेड रूम के अंदर आया है। इसके बाद नवीन फर्स्ट फ्लोर की बालकनी से नीचे उतरा और अपनी बाइक ले करके वापस अजमनगर लौट आया- 


चूँकि निधि का किसी से कोई कांटेक्ट ना हो पाए इसलिए निधि ने पहले से अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर रखा था। नवीन को सुबह पता लगा कि शारदा की जगह सीमा मर गई है। उसके बाद से नवीन की हालत खराब हो गई। नवीन ने मर्डर किया लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ-


जब पूरे दिन भर में निधि से कांटेक्ट नहीं हो पाया तो घर वाले फार्महाउस पहुँचे तो यह पता लगा कि निधि भी अपने फार्महाउस में मरी पड़ी है। ३ दिन बाद ५ लाख और देने के बहाने रवि ने मगन को फार्म हाउस के थोड़ा आगे रात में बुलाया। मगन आजमनगर से हमेशा के लिए जाने के लिहाज़ से बैग सहित आया। झटके में रवि ने मगन को गोली मार दी। उसके बैग का सारा सामान फ़ेक दिया और बैग में जो ५ लाख निधि द्वारा दिया गए थे उसको भी रख लिया। इसे पता नहीं था की नोटों की गड्डियों के बीच आलोक की फ़ोटो भी है जो मगन को निधि ने दी थी। मगन की लाश का लिंक भी निधि से करना था इसलिए रवि ने मगन के जेब में वो काग़ज़ की स्लिप छोड़ दी और मगन के गन का लिंक सीमा की हत्या से करना था इसलिए मगन की गन भी छोड़ दी। । मगन के समान में मगन का मोबाइल नहीं था मुझे लगता की रवि ने उसे कहीं फ़ेक दिया होगा-


जब हमें मगन की लाश बरामद हुई तो यह समझ में आ गया कि मगन और निधि का लिंक है। निधि ने मगन के माध्यम से सीमा की हत्या करवाई ,और किसी बात को लेकर के निधि की भी हत्या मगन ने फार्म हाउस में कर दी और फिर मगन आजमनगर से भाग रहा था तो पैसे की वजह से मगन की हत्या किसी ने कर दी। हमें मगन के पास से ५ लाख नहीं मिले थे। लेकिन मेरे मन में कुछ शक था की बात इतनी साधारण नहीं है। मैं उस शक को आपको बताना चाहता हूं जिसकी वजह से ये केस हाल हुआ-


देखिए जब मैंने निधि के फार्म हाउस के रूम की तलाशी तो ऐसा लगा कि हत्या किसी बाहर वाले ने की है,जो खुद बालकनी से रूम में आया और निधि की हत्या करके उसी रास्ते चला गया। फार्म हाउस का दरवाज़ा अंदर से बंद था। बालकनी और रूम के बीच लगा शीशे का दरवाज़ा बुरी तरह से टूटा हुआ था और शीशा अंदर की तरफ गिरा हुआ था इसलिए यह लग रहा था कि कातिल ने बाहर से शीशा तोड़कर अंदर प्रवेश किया होगा-


पहला शक ये है कि यदि कोई शीशा बाहर से अंदर की तरफ तोड़ेगा तो क्या निधि जागेगी नहीं।  चलो हम यह मान लेते हैं कि निधि दारु के नशे में बहुत ज्यादा रही होगी तो उसको पता नहीं लगा होगा। दूसरा शक, निधि को कातिल ने सारी गोली पीठ में मारी थी और बेड पर निधि की लाश पीठ के बल पड़ी हुई थी। उसका चेहरा छत को देख रहा था। चलो ये मान लेते हैं कि हो सकता हो निधि पेट के बल सो रही हो, कातिल ग़ुस्से में उसके पीठ पर गोली मारी हो, यहां तक तो समझ में आता है लेकिन फिर वो क्यों उसकी लाश को पलट करके रखेगा। कोई कातिल ऐसा क्यों ऐसा करेगा? लाश को पलट करके रखने के पीछे क्या लॉजिक है?ये बात ना चाहते हुए भी शक पैदा कर रही है। यदि लाश के साथ कोई हाथा पाई हुए होती तो ये मैं मान सकता था पर यहाँ तो ऐसा कुछ था ही नहीं।  अगर कातिल निधि के शरीर से गहने लेकर गया होता तो भी मैं ये मान लेता की इसी चक्कर में उसने लाश को उलट पलट दिया हो पर ऐसा भी नहीं था। तीसरा शक ये था कि जब फार्म हाउस के पास वाले होटल में पता किया तो हमें इस बारे में पता चला कि निधि हमेशा खाने की क्वांटिटी ज़्यादा पैक़ कराती थी और हत्या वाली रात भी ऐसा लग रहा था कि क़रीब २ लोगों का खाना पैक कराया गया है। किचन के सिंक में  देखने से ऐसा लग रहा था की एक आदमी ने ही खाना खाया गया था और बाकी सारा खाना किचन के सिंक में पड़ा हुआ था। खाने के प्लेट पर भी निधि के हाथ के निशान थे। इसका मतलब ये हो सकता है की निधि किसी को एक्सपेक्ट कर रही हो पर वो आया ना हो-


अगर हम कातिल मगन को माने तो मगन निधि की हत्या क्यों करेगा?क्या निधि ने पैसा देने से मगन को मना कर दिया या मगन की बुरी नीयत निधि पे आ गयी पर शरीर पर कोई भी संघर्ष के निशान नहीं थे-


अब हम चलो यह सोच सकते हैं कि किसी राह चलते आदमी ने निधि का मर्डर कर दिया लेकिन क्यों ?उसे क्या पता था कि निधि के पास पैसा होगा और कितना?कोई भी आदमी निधि का मर्डर क्यों करेगा? कोई संघर्ष के निशान थे नहीं, कोई सेक्सुअल एसॉल्ट हुआ नहीं था। और जब ५ लाख निधि के काटेज से बरामद हो गए तो मेरा मन बार-बार यह कहने लगा कि नहीं यह किसी परिचित आदमी का काम है। और शायद यह उसी का काम है जो उस वक्त निधि के साथ मौजूद था। पर कौन?किसे अकेले रात में निधि अपने पास बुलाएगी और क्यों?किसके सामने वो दारू पी सकती है। किसके सामने वो रात में कम कपड़ों में सो सकती है?अजय?नवीन?आलोक?रवि या शारदा। शायद उस रात नवीन ही उसके साथ था-


नवीन रात में फार्म हाउस आया होगा। निधि ने नवीन को फार्म हाउस के अंदर किया होगा, फार्म हाउस का दरवाज़ा अंदर से बंद किया होगा और नवीन के साथ समय पास करने लगी होगी। सारा जूठा खाना और बर्तन सिंक में रखा होगा और जैसे ही निधि नशे में लापरवाह हुयी होगी, नवीन धीरे से तीन गोली उसके पीठ में मार दी होगी। क्यों नवीन मैं सही बोल रहा हूँ ना? खाना भी उसने तुम्हारे सामने ही खाया होगा क्योंकि वो तुम्हारा इंतज़ार कर रही होगी। ड्रिंक का मुझे नहीं पता?”


नवीन बोला,-“खाना और पीना दोनों मेरे सामने ही किया लेकिन मैंने उसके साथ कुछ भी खाया पीया नहीं था क्योंकि मैं पहले से ही सीमा के साथ…………….। ”


“ठीक है। गोली लगते ही निधि नीचे जमीन पर गिर गई होगी क्योंकि ज़मीन पर भी काफी खून बिखरा हुआ था। उसके बाद नवीन ने निधि की लाश को उठा करके बेड पर पीठ के बल लिटा दिया। ये उसकी ग़लती थी अगर वो लाश पेट के बल लिटा देता तो ऐसा लगता की हो सकता हो ये किसी बाहर वाले का काम हो जिसने सोते समय निधि को मार दिया। नवीन ने जल्दीबाज़ी में निधि का समान उलट पलट दिया पर निधि के शरीर पर से गहने उतारना भूल गया। यदि ये शरीर पर से गहने उतरता तो भी ये लगता की किसी ने गहने उतारने के चक्कर में लाश को उलट पलट कर दिया होगा। मतलब सारे सबूत इस बात की तरफ़ इशारा कर रहे थे की किसी परिचित का काम है ना की बाहर वाले का। वैसे मैंने एक थियरी पर और विचार किया। माना कोई आदमी बाहर से शीशा तोड़कर अंदर आया हो और उसी समय निधि जाग गयी हो और कातिल ने दूर से गोली मार दी हो पर तब भी गोली सामने से पेट में ही लगनी चाहिए पीठ में नहीं। ये थीयरी भी सही नहीं लग रही थी- 


जब मैंने नवीन से बात किया और इससे पूछा कि क्या इसे ₹५लाख के बारे में कोई जानकारी है क्या तो नवीन ने सीधे कह दिया था उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है जबकि उसे जानकारी थी। अब क्या हुआ होगी जब मैं इससे पूछताछ करके वापस आया हूँगा तो नवीन ने रवि को फोन किया होगा  और रवि को बता दिया होगा की मैं किसी ५ लाख की बात कर रहा हूं। अब रवि गया डर गया होगा और इसने सोचा होगा कि कहीं ऐसा ना हो की उस ५ लाख के चक्कर में मैं सारे कॉटेज में रेड मरवा दूं। आनन फ़ानन में रवि ने मगन के पास से लूटे हुए बैग को ५ लाख रुपए सहित निधि के कॉटेज में रख दिया। रवि को क्या पता था की नोटों की गड्डियों के साथ आलोक की फ़ोटो भी पड़ी है। जब हमने निधि के कॉटेज की तलाशी ली तो मुझे ₹५ लाख मिले और बैंक से यह भी कंफर्म हो गया कि यह वही ₹५ लाख हैं जो निधि ने बैंक से निकाला था। मुझे शक हुआ की हिस्ट्रीशीटर आदमी अपना पैसा लेकर गया ही नहीं जबकि वो पैसे के लिए ही वह मर्डर करते हैं। पैसा तो निधि के काटेज में पड़ा हुआ । फिर मैंने मनोज के साथ मिलकर के एक प्लान बनाया कि और बयान लेने के बहाने सबको इकट्ठा किया। मैंने सबके सामने बार-बार इस बात पे पर जोर दिया कि मेरा सारा शक तक नवीन पर है और यहां फिर रवि डर गया और इसको लगा होगा कि यदि नवीन ने क़बूल दिया तो सब गड़बड़ हो जाएगी। इधर मैंने मनोज से नवीन की निगरानी करने को कह दिया। सब इंस्पेक्टर राहुल ने पकड़ उन दोनो को पकड़ लिया। आगे की कहानी आपका को पता है-


अब मैं बताना चाहता हूं कि कहां-कहां गलतियां हुयी। सबसे पहली गलती यह थी नवीन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए था की ऐसा लगे की हत्या किसी अजनबी ने की है जबकि देखने से ऐसा लग रहा था कि हत्या किसी परिचित ने की है।  


दूसरी गलती ये है कि जब रवि ने मगन की हत्या की तो इसको जेब में वह स्लिप नहीं डालनी चाहिए थी। आपको पता है की उस स्लिप पर निधि का मोबाइल नंबर लिखा हुआ था। हमने निधि के पिछले १ महीने का पूरा कॉल रिकॉर्ड चेक किया था। निधि को कोई भी कॉल ऐसी आई नहीं थी जो संदिग्ध रही हो तो मगन ने मोबाइल नम्बर क्यों लिया था?निधि सिर्फ़ मगन से सीधे मिलती थी तो वो अपना  मोबाइल नम्बर क्यों देती। सबको पता है की कॉल डिटेल से आसानी से फँसा जा सकता है। ऐसा लग रहा था की किसी ने जानबूझकर वो स्लिप छोड़ी है ताकि निधि और मगन में लिंक इस्टैब्लिश किया जा सके। बिना स्लिप के भी हम ढूंढ लेते कि मगन का निधि से लिंक है। मतलब कोई ऐसा था जो निधि और मगन के लिंक को बताने की कोशिश कर रहा था। अगर ये हत्या वाली रात ही मगन को  पंजाब भगा देता तो थोड़ा हमारे लिए मुसकिल होता पर रवि के मन में लालच था। इसने मगन को अलग से ५ लाख तो नहीं दिए बल्कि उसके भी ५ लाख हड़प लिए और अपने जाल में फँसता चला गया-


जब ५ लाख निधि के काटेज से मिले तब और मैं निश्चित हो गया की ये की निधि की हत्या किसी अजनबी का काम नहीं है। पैसे उसने लिए नहीं,गहने लिए नहीं,सेक्शूअल असॉल्ट हुआ नहीं,केवल लूट का ड्रामा रचा गया,इसका मतलब कोई परिचित आदमी निधि के साथ था। रवि को पैसे कहीं और छुपाने चाहिए थे जहां हम लोगों को ना मिल सके। जल्दीबाज़ी में रवि ने ग़लती कर दी।


निधि की लाश हमें जिस हालत में मिली मेरा मतलब है निधि नाइट ड्रेस पहना हुआ था वो भी काफ़ी काम कपड़े का। ऐसे हालात वो किसके सामने आती?अजय के सामने,या आलोक के सामने या रवि के सामने या नवीन के सामने। निश्चित ही नवीन के सामने। इसलिए मेरा शक नवीन पर था-


अब आतें है सीमा के हत्या के बारें में। जब ये पता चला की हो सकता है निधि ने मगन से सीमा की हत्या करवायी है। पर हत्या का क्या मोटिव था?सीमा की हत्या से निधि को क्या फ़ायदा था? कोई फ़ायदा नहीं था। फिर हत्या करवाने की वजह? अजय की शादी होने वाली है। वो शादी के बाद अपनी जायदाद बेचकर बाहर सेटल हो जाएगा। ऐसे में अजय कत्ल करके इतना बड़ा रिस्क क्यों लेगा या कत्ल करवा करके इतना बड़ा रिस्क क्यों लेगा? शारदा को सीमा का कत्ल करवाने का क्या फायदा ?अब बचे आलोक, रवि और नवीन। केवल रवि को ही कुछ फ़ायदा होता नज़र आ रहा था-


जब नोटों के साथ मुझे फोटो मिली और आलोक की फोटो पर निधि और मगन की उंगलियों के निशान हुए तो मैं समझ गया कि कहीं ना कहीं किसी ने निधि को डबल क्रॉस किया है। पर नवीन भी डबल क्रॉस हुआ है और शारदा की जगह सीमा मारी गयी, ये मुझे नहीं पता था। ये तो खुद नवीन ने क़बूला। बाक़ी मैं भी कोई अंतर्यामी नहीं हूँ जैसे केस में आगे बढ़ता गया वैसे वैसे केस साफ़ होता गया- 


कोई बचा ही नहीं तो इतनी बड़ी जायदाद का अब क्या?कितने दिन आलोक और शारदा देखेंगे। बिना कुछ किए सब कुछ अजय का हो गया। मनोज रवि और नवीन को ले जाओ। ”


आलोक ने गुस्से में कहा,-“ना जाने रवि तुमने किस जन्म की सजा मुझे दी है। तुम्हारे जैसे लड़के होने से तो ना होना ही अच्छा है। मैं इस बात से शर्मिंदा हूं कि कैसे मेरे मन में यह विचार आया कि मैंने निधि से तुम्हारी शादी की बात की। मुझे तुम्हारी शक्ल भी नहीं देखनी है। ” गुस्से में आलोक बाहर चले गए।  


“शारदा जी अब जो होना था वह तो हो ही गया। ”शारदा की आंखों से आंसू बहने लगे। अजय चुपचाप शारदा को उठाया और उसको लेकर चला गया।


“चलो भाई मनोज हम तीनों भी चलते हैं। तुम्हारा एक केस और हाल हो गया। हाँ शारदा को ५ लाख देना ना भूलना। अब वो उनकी और अजय की अमानत है। ”


“अविनाश,केस सिंपल दिखाई दे रहा था लेकिन धीरे-धीरे बड़ा जटिल हो गया। सबको पता है कि अपराध करके आदमी को फँसना ही है पर फिर भी अपराध किया जा रहे हैं लोग। ” 


“मनोज इसी वजह से हम लोगों की दुकान भी चल रही है। ओके गुड डे मनोज। ”


“धन्यवाद और गुड डे अविनाश। ” 



समाप्त



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