ताकत
ताकत
एक लड़के ने एक सेट के पास बहुत विश्वास काम किया था।
सेट भी खुश होकर क्या भी देने को तैयार था।
लेकिन छोकरा ने कहा।
में पड़कर बडा होना छाकता।
सेठ भी लड़के से बहुत खुश हुआ। सेठ ने लड़के को पुरस्कार देना चाहा तो लड़के ने लेने से मना कर दिया। लड़के ने कहा सेठ जी में आगे पढ़ना चाहता हूँ। पर पैसो के आभाव ने पढ़ नहीं पा रहा। आप कुछ सहयता कर दें।
सेठ ने लड़के की पढ़ाई का प्रवन्ध कर दिया। लड़का बहुत मेहनत से पढता गया। यही लड़का आगे चलकर बहुत बढ़ा सहित्यकार बना। इसका नाम था – राम नरेश त्रिपाठी . हिंदी साहित्य में इनका बहूँत बढ़ा योगदान है
जब हम किसी काम को करने में पूरे मन से लग जाते हैं तो सारी कायनात हमरी सहायता करने में लग जाती है।
चाहे आप कितनी भी बड़ी मुश्किल में फँस गए हो लेकिन कभी अपने आप पर से विश्वास न खो ना, कभी हार न मानना और अपनी आखिरी साँस तक लड़ते रहना फिर किसी मुश्किलों में इतनी ताकत नहीं है की वो आपको ज्यादा देर तक परेशान कर सके।
