मैं बोला कुछ नहीं लेकिन पर्दे के पीछे से मिनी की मुस्कान जैसे सब बोल रही थी। मैं बोला कुछ नहीं लेकिन पर्दे के पीछे से मिनी की मुस्कान जैसे सब बोल रही थी।
मुश्किलों में इतनी ताकत नहीं है की वो आपको ज्यादा देर तक परेशान कर सके। मुश्किलों में इतनी ताकत नहीं है की वो आपको ज्यादा देर तक परेशान कर सके।
चलो एक मासूम इस भीड़ में खोने से तो बच गया। चलो एक मासूम इस भीड़ में खोने से तो बच गया।
इस तरह लॉक डाउन का पांचवा दिन भी खत्म हो गया। इस तरह लॉक डाउन का पांचवा दिन भी खत्म हो गया।
एक मासूम सा सवाल उठता है फिर " हम तो घर में बैठे हैं , फिर बाहर कौन जा रहा है ? ए देश संभल जा अब भी ... एक मासूम सा सवाल उठता है फिर " हम तो घर में बैठे हैं , फिर बाहर कौन जा रहा है ? ...
दोबारा कोशिश नहीं करना, वरना काली हो जाऊँगी.. !" दोबारा कोशिश नहीं करना, वरना काली हो जाऊँगी.. !"