स्वयं का नुकसान
स्वयं का नुकसान
स्वयं का नुकसानशहर में एक छोटी सी दुकान , जिसमें कुछ चिप्स , पापड़ , टॉफी , बिस्किट आदि की बिक्री होती थी। यह दुकान अब्दुल मियां की थी। इनकी हालात सभी लोगों को मालूम थी , इसलिए ना चाहते हुए भी आस पड़ोस के लोग कुछ ऐसा सामान ले लिया करते थे। जिससे अब्दुल मियां की कुछ कमाई हो जाए।दुकान में चूहों ने भी अपना डेरा जमा लिया था। दुकान में एक से बढ़कर एक शरारती चूहे आ गए थे।इन चूहों ने टॉफी और बिस्किट को नुकसान पहुंचाना चालू कर दिया था।अब्दुल काफी परेशान हो गया था , उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह इस शरारत से कैसे बचे।
एक दिन की बात है , अब्दुल बैठा हुआ था तीन – चार चूहे आपस में लड़ रहे थे।अब्दुल को गुस्सा आया उसने एक डंडा उन चूहों की ओर जोर से चलाया।
चूहे उछल कर भाग गए , किंतु वह डंडा इतना तेज चलाया गया था कि टॉफी रखने वाली शीशे की जार टूट गई।ऐसा करने से और भी बड़ा नुकसान हो गया।
निष्कर्ष –
क्रोध में किसी प्रकार का कार्य नहीं करना चाहिए , यह स्वयं के लिए नुकसानदेह होता है।