सुबह का भुला

सुबह का भुला

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सच कहते है सुबह का भूला अगर शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते। साजन के आस-पड़ोस के सभी लोग यही बात कर रहे थेक्योंकि आज साजन एक महीने बाद घर लौट कर आ रहा था अस्पताल से ठीक होकर, सँसकारी परिवार से सम्बन्ध रखने वाला, एक अच्छे परिवार का इकलौता बेटा साजन पढ़ाई में होशियार, college में सबका चहेता साजन ना जाने क्यों भटक गया था, ड्रगस् लेने लग गया था, रँग-रूप में सुन्दर, लँबा कद, ऊँची काठी का साजन जिस पर ना जाने कितनी लड़कियाँ मरती थी, हर एक के दुःख-सुख में साथ देने वाला साजन अचानक उखड़ा-उखड़ा सा रहने लगा था, अक्सर पापा से पैसो की डिमाँड भी ज्यादा करने लगा, अगर उससे पूछा जाता कि इतने ज्यादा पैसे की माँग वो क्यों करता है तो बस इतना कहता कि चाहिए तभी तो कह रहा हूँ और अपने कमरे में चला जाता और दरवाज़ा बन्द कर लेता।

साजन के माता-पिता कै उसकी चिन्ता रहने लगी,उसके दोस्तो से भी पूछा,लेकिन किसी ने भी तस्सल्लीबक्श जवाब ना दिया, उन्होंने भी यही कहा कि हम भी इसके व्यवहार से हैरान है, और आजकल साजन क्लास से भी गायब रहता है। एक दिन इसी उधेड़-बुन में थे कि एक फोन आता है, फोन साजन के ही नम्बर से था लेकिन आवाज़ किसी और की थी, जिसने फोन किया उसने बताया कि मैं सड़क पर से जा रहा था तो मैंने देखा एक bikeलड़खड़ाती हुई सड़क के बीचोबीच आ कर गिर गई, मैंने आसपास के लोगो की मदद से उसे उठाया तो यह लड़का बेहोश था और हमने इसे अस्पताल पहुँचाया।

अस्पताल का नाम सुनते ही साजन के माता-पिता पर तो जैसे घडो़ पानी पड़ गया हो, उनसे अस्पताल तक का रास्ता काटे नही कट रहा था। जैसे ही अस्पताल पहुँचे Dr से सामना होते ही पूछा कि कैसा है हमारा बेटा क्या हुआ है उसे, उनकी आँखों से आँसू थम नहीं रहे थे, उन्हे समझ नही आ रहा था कि साजन को अचानक क्या हो गया।

Dr ने बताया कि साजन ड्रगस् का आदी हो गया है और अगर इसी तरह चलता रहा तो साजन अधिक समय तक जीवित नही रह पाऐगा। साजन के माता- पिता को विश्वास नहीं होता कि साजन कैसे ड्रगस् ले सकता है, जिसने अभी 6 महीने पहले ही ड्रगस् is abuse नामक एक नाटक किया college में और पुरस्कृत हुआ था। साजन से पूछने पर साजन ने बताया कि जब वो पुरस्कार ले कर घर आ रहा था तो रास्ते में उसे चार-पाँच लड़को ने रोका और उसे ज़बरदस्ती उसे drug का सेवन कराया गया।

उसके मना करने पर उसे धमकी दी गई कि उसके माता-पिता को तकलीफ़ पहुँचाई जाऐगी, वो नही चाहता था कि उसके माता-पिता को कोई भी तलीफ़ हो,परन्तु ये सिलसिला रोज़ ही चलने लगा और अब तो साजन भी औरों की तरह ड्रगस् का आदी हो चुका था। लेकिन माता-पिता की हालत देख कर साजन समझ चुका था कि उसने जो किया वो बहुत गल्त था, उसने वादा किया कि अब चाहे जैसे भी हो वो ड्रगस् को छुएगा भी नहीं और इस तरह उसे एक महीने तक अस्पताल में रख कर इलाज किया गया और उसने उन्होनें जो लड़के ड्रगस् लेते थे और ड्रगस् का व्यापार भी करते थे उनके माता-पिता को भी बताया और उनकी ड्रगस् की आदत भी छुड़वाई। इस तरह सब की ज़िन्दगी से ड्रगस् का अन्त हो गया।


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