Dr. Poonam Gujrani

Tragedy

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Dr. Poonam Gujrani

Tragedy

समय का चक्कर

समय का चक्कर

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सोफा पर बैठा पापा नामक प्राणी अपने पैरों पर बेटे के पैर रखकर झूला झूलाते हुए उसे गिनती सिखा रहा था "बोलो-एक....दो....तीन...." बेटा तुतलाते हुए बोलता तो वे निहाल हुए जाते थे।


भीतर बिस्तर पर लेटे बूढ़े पिता ने इस दृश्य को देखते हुए दो आंसू टपका दिए। पास बैठी पत्नी ने कारण पूछा तो हंसकर बोले- "देखो, आज पांव पर पांव चढ़ा कर आनंद ले रहा है,ये नया वाला पापा ....। कल इसके लिए घोङ़ा बनेगा, फिर कंधों पर बिठाएगा और एक दिन ये बेटा सर पर चढ़ जाएगा और फिर...।"


"फिर ...क्या" पत्नी ने पूछा ।


फिर छाती पर पांव रखकर खङ़ा हो जाएगा, सांस तो आएगी पर जीना दुश्वार हो जाएगा....ये समय का चक्कर है.... ऐसे ही घूमता है कहते हुए बूढ़े पिता ने नजरें घूमाकर आँसू बहाते हुए तकिया भिगो दिया ‌।




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