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Amita Dash

Tragedy

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Amita Dash

Tragedy

# SM BOSSटास्क ४कहानी

# SM BOSSटास्क ४कहानी

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कभी कभी आदमी सोचता है मेरे से चालाक और मेरे से सही बुद्धिमान कोई हो ही नहीं सकता।ईश्वर के बाद किसी का नाम आएगा तो वो मैं हूं।चलो ये बात मै इसलिए कह रही हूं हमारे घर के पास एक नव दंपत्ति शादी करके रहने के लिए आए थे। पहले पहले दोनों में बहुत प्यार वाला रिश्ता नजर आ रहा था। लड़की थोड़ी ज्यादा उम्र में बड़ी लग रही थी।चार ,छह महीने के बाद दोनों में खिट पिट शुरू हो गई शायद।ऐसा बाहर दुनिया को लगता था। कोई शुभ चिंतक कुछ पूछ लिया तो जबाव में सब सही सुनने को मिलता था।एक दिन अचानक सुनने को आया लड़की गले में अपनी चुनरी बांधकर पंखे से लटक गई। पतिदेव बताए डाक्टर साहब मना कर दिए बच्चा नहीं होगा।इस सदमें से ऐसे कदम उठाली। हां ये बात भी सही। लड़की की उम्र हो चुकी थी।हर लड़की मां तो बनना चाहेंगी।फिर भी शादी को इतने देर भी नहीं हुई थी कि दुःख से इतना बड़ा कदम कोई उठाले।ना ही लड़की इतनी भी बड़ी नहीं थी बच्चे पैदा करने के उम्र चली गयी !

कौन आजकल इतना पड़ोसी के लिए सोचता है।किसके पास फ़ुरसत है।दिन बीतता गया।सब भी वो बात भूल चुके थे।एक दिन एक लड़की उसके घर पुलिस लेकर आई और पुलिस को उस लड़के को गिरफतार करने को कहा। लड़की बोली कि वो मेरी दीदी है । पापा ज्यादा सामान दहेज में नहीं दे पाए थे। दीदी भी दिखने में इतना सुंदर नहीं थी। हमारे कोई भाई नहीं। जीजू के घरवाले चाहते थे पापा जमीन के बंटवारे करके दिदी कि हिस्सा दीदी को जल्द से जल्द दे दें

पापा बोले थे मेरी पढ़ाई खत्म हो जाए और मेरी शादी करादें। फिर जमीन का काम निपटाके हरिद्वार चले जाएंगे पापा बुढे हो चुके हैं ।बाहर आ ,जा नहीं सकते। मैं होस्टल में रहकर पढ़ती हूं

अब छुटि्टयों में आई तो मुझे पता चला दीदी अब नहीं रही।पापा ऐसे दुःखद खबर मुझे नहीं दे पाए। मुझे एक ठो फोन भी नहीं कर पाए। जीजू के घरवाले भी खबर नहीं किये।एक तरफ बच्चा,दूसरी और जायदाद दोनों के लालच में जीजू,दिदी को मार दिए।वो आदमी को कहने का मौका तक नहीं दिया पुलिस

पुलिस वो आदमी को गिरफ्तार कर लिए। छः महीने बीत चुके थे। फिर सब कुछ सामान्य स्थिति में आ रहा था। पुलिस को कोई खबर दिया वो प्लाट में कुछ गैर कानूनी काम हो रहा है।रातभर शोरगुल, गाना-बजाना।जब जेल में आदमी को पूछा गया तुम्हारे रिस्तेदार किसके पास तुम्हारे घर का चाबी है, आदमी ने मना किया।बोला मेरा घर दूसरे शहर में। मेरे बीबी मरने के ये खबर अखबार में छपने के बाद मेरे घरवाले मेरे से रिश्ता तोड़ दिया।आप लोग देखो मेरे घर कौन घुस रहा है।मैं तो उधर नया आया था।मेरा कोई पहचान या आस पड़ोस से बात कुछ भी नहीं था। पुलिस छानबीन की।दूर से एक मकान से इस आदमी का घर दिख जाता था। मतलब घर का खिड़की से अन्दर का सारे चीज़ क्या क्या घर के अन्दर हो रहा है दिखाई देता था। आजकल फाइबर वाली खिड़की लगाते हैं लोग।ये बात आदमी के पत्नी को क्या दोनों को नहीं मालूम था विना पर्दे के घर का सारा चीज़ बाहर‌ दिखाई देगा। गांव के थे बेचारे।पर्दा डालते।वो भी नहीं किया था। आ

आजकल किसके पास भी इतनी फूरसत इतना ताकं झांक करें।करोना के समय। बिगड़ैल लड़कों के पास कोई काम नहीं तांक,झांक कर ने के सिवाय।वो लड़का छत से कुछ ऐसे दृश्य देखा जो उसे बार बार देखने को मन किया। एकबार आदमी बाहर काम को जाने के बाद वो लडका घर आया। कुछ बाहना बना कर घर के अन्दर घुसा। बदतमीजी करने की कोशिश की। हाथापाई हुई। लड़की जब चिल्लाई लड़का ने मुंह बंद करने का प्रयास किया। सांस रूद्ध होकर लड़की मर गई।डरके मारे लड़का उसे पंखे पर लटका के चला गया। किसी का शक भी नहीं हुआ। आदमी दरवाजा खुला देखा था। फिर भी दोनों के बीच तो बच्चे को लेकर झगड़ा हुआ था।ये दियाग में आया ही नहीं क्या हुआ है क्या नहीं। फिर पुलिस आदमी को पकड़ कर जब ले गई लड़कों को आने में कोई दिक्कत नहीं हुआ।वो हड़बड़ी में अपना कुछ सामान छोड़ दिया था। डुप्लीकेट चाबी बनवाके अन्दर घुसा।जब देखा पड़ोस में कोई कुछ पुछता नहीं नशा करने को ,गुलछरें उड़ाने को ये जगह बहुत निरापद सोचा।ये सब वो पुलिस के आगे उगला।उस लड़के को पुलिस हिरासत में लिया और आदमी को छोड़ दिया।



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