Rahul angural

Romance

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सिद्धि विनायक ..भाग २

सिद्धि विनायक ..भाग २

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भाग एक में देखा अपने देखा सिद्धि विनायक से मिलती है और अपने पुराने दिनों को याद करते है, और दूसरी तरफ विनायक जो जेल में है, वो भी सिद्धि को देख कर बेचैन हो कर अपनी जिंदगी के कुछ पलों को याद करता है। अब आगे!!


तेज हवाएं और सुनसान सड़क पर, सिद्धि चलते हुए अपने पुराने पलों को याद करते हुए, 

१० साल पहले 

इंदौर, दिवाली का दिन।

"सिद्धि और विनायक", सारा बचपन साथ में, स्कूल से लेकर कॉलेज तक दोनो ने साथ, ये दोनो बचपन से दोस्त है, और बहुत अच्छे दोस्त है, अगर एक को दर्द होता है दूसरा खुद रो देता है, ऐसा प्यार बहुत कम देखने को मिलता है, सिद्धि की सुबह विनायक से होती है और शाम भी, दोनो एक दूसरे को ऐसे चाहते है, जैसे मानो कभी इन्होंने सोचा नहीं हो, हम अलग नही होगे। बचपन से दोनो साथ है लड़ते है झगड़ते है, लेकिन बाद में दोनो एक दूसरे को गले लगा के सारी बाते भुला के वापिस साथ हो जाते है, कुछ इस तरह का रिश्ता है "सिद्धि और विनायक" का,।इनकी दोस्ती में एक "अयान" भी है, जी हां "अयान" इनका दूसरा दोस्त, और विनायक की एक खास दोस्त "तन्वी"! ये चारो बचपन से साथ है।

वापिस आते है, दिवाली का दिन।


"देख विधु आज दिवाली है हर बार की तरह रंगोली में बनाऊंगी, अगर तूने खराब की न मैं मां को सुनाएगी ", ""सिद्धि""


"और तू भी सुन ले, अगर तूने मम्मी को सुना के मुझे डांट पड़वाई ना मेरे से बुरा कोई नही होगा", ""विनायक""


तुम दोनो ने वापिस लड़ना शुरू कर दिया, बचपन से लड़ रहे हो अब तो कॉलेज में आ गए हो। "मां" ( सिद्धि की मां )


"मां, ये सिद्धि है, जो हर बार मुझे डांट पड़वाती है, " विनायक सिद्धि की मां से


"हां, मां यह झूट बोल रहा है".. सिद्धि अपनी मां से "


मुझे तुम दोनो के बातों में नही बोलना, वापिस तुम दोनो साथ हो जाते हो, "सीधी की मां से "


ऐसा है कुछ रिश्ता, सिद्धि और विनायक का, बचपन से साथ है और दोनो परिवार में आपस में बहुत प्यार है।सिद्धि की मां "मीना", जो आचार और पापड़ का काम करती है, और सीधी के पिता "दिया राम" और मशहूर हलवाई है।


दूसरी तरफ, विनायक की मां "गीता" जो बेकरी चलाती है, विनायक के पिता "केशव राय" जो नही है, जब विनायक छोटा था, वो बचपन में चले गए थे, किसी और औरत के साथ। इंदौर में नही, सुनने में आया है, वो दिल्ली में रहते है, वहा पर उसकी एक बेटी और बेटा भी है, और दूसरी शादी कर ली है, और मशहूर बिजनेस मैन है।


विनायक और सीधी, दोनो साथ स्कूल से लेकर कॉलेज तक, अब तो सीधी की शादी की उमर भी होने पे आ गए है। विनायक जो सिद्धि को चाहता है, लेकिन उसको बताता नही है, क्युकी वो डरता है, में सीधी को खो न दू , वो सीधी वो खुश और साथ देखना चाहता है, बस इसलिए वो अपनी दोस्ती में प्यार को छुपा लेता है। 

"अयान" जो इनका दोस्त है, यह भी सिद्धि को चाहता है, लेकिन यह बहुत अमीर घर से आता है, इसके पिता जाने माने हीरो के वेपरी है."तन्वी", विनायक की खास दोस्त जो, इस में कहानी की कुछ खास है, "तन्वी" सिद्धि और विनायक को हमेशा साथ देखना चाहती है। ये चारो जो स्कूल से लेकर कॉलेज तक साथ रहे है, चाहे बाहर जाना हो, घूमना हो चाहे कुछ भी हो।लेखक राहुल, "सिद्धि और विनायक" के मध्यम से सच्चे प्यार का वर्णन करते है, सिद्धि और विनायक, किसी प्यार का नाम नहीं है, ये एक सोच समझ कर रिश्तों की माला में प्यार के मोती धारण करने का विचार करती है!


इंदौर, जेल।

आज का दिन !!


"विनायक", बैठा हुआ रो रहा है, वही से जेलर " रशीद खान" आता है, और बहुत ही सरल भाषा में उसको पूछता है।

"वो लाल साड़ी वाली तेरी बीवी थी "

विनायक चुप चाप, रोते हुए और हस्ते हुए बोलता है, "फरक क्या पड़ता है"


जेलर विनायक से, "बहुत दर्द देखा है तूने"


विनायक आंखों झुका के, "नही समझोगे"


जेलर चुप चाप वहा से चला जाता है, और बाहर आ कर अपने केबिन में जाता है, और विनायक की क्राइम हिस्ट्री को देखते हुए, देखता है इसने गुनाह क्या किया है।और जैसे ही देखता है और फाइल नीचे गिर जाती है, गुनाह है अपनी बीवी की जानली है, मर्डर !!


क्या हुआ, लेखक "राहुल" के शब्दो में आ गए, अगर सिद्धि उसकी बीवी है तो वो जेल में क्यों, ?

विनायक की दोस्ती और प्यार में कोन जीतेगा और अयान क्या चाहता है?


प्यार अगर सच्चा था तो विनायक अपनी बीवी की मौत के लिए जेल में क्यों ?


सीधी अगर उसकी बीवी है वो जिंदा क्यों?


सारे सवालों के जवाब मिलेगे, पड़ते रहे "सिद्धी विनायक!"



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