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Shiv Kumar

Romance

3  

Shiv Kumar

Romance

सौदे में बिकी दुल्हन

सौदे में बिकी दुल्हन

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तान्या अरोड़ा के लिए शादी का मतलब बचपन से ही किसी सपने जैसा था—जहाँ प्यार होगा, सम्मान होगा और एक ऐसा इंसान होगा जो उसे उसकी सच्ची कद्र देगा। लेकिन जब उसकी शादी की बात चली, तो हालात कुछ और ही थे।


वो उस शाम अपने कमरे में बैठी थी, जब उसके पिता, राजेश अरोड़ा, ने उसे बुलाया। उनके चेहरे पर एक अजीब-सी गंभीरता थी, जिसे देखकर तान्या घबरा गई।


"पापा, क्या हुआ?" उसने पूछा।


राजेश ने उसकी तरफ देखा और एक ठंडी सांस ली। "तुम्हारी शादी तय कर दी है, तान्या। अगले हफ्ते बारात आएगी।"


"क्या? इतनी जल्दी? और किससे?" तान्या चौंक गई।


"आर्यन राठौड़।"


तान्या के हाथ से पानी का गिलास छूट गया। आर्यन राठौड़! देश के सबसे अमीर और ताकतवर बिजनेस परिवार का वारिस। लेकिन उसके बारे में जितनी अफवाहें सुनी थीं, वो सब अच्छी नहीं थीं। कहा जाता था कि वो लड़कियों से नफरत करता है। उसके साथ काम करने वाले लोग तक उससे डरते थे।


"पापा, मैंने उसे कभी देखा तक नहीं! आप कैसे मुझे..."


"तुम्हें इस बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। ये शादी तुम्हारे लिए ही अच्छी है।"


"नहीं! मैं किसी अनजान आदमी से शादी नहीं कर सकती!" तान्या की आँखों में आँसू आ गए।


लेकिन तभी राजेश ने अपना असली रंग दिखाया। "ये शादी तुम्हारी मर्जी से नहीं हो रही, बल्कि तुम्हें करनी पड़ेगी! तुम्हें लगता है मैं तुम्हारी भलाई नहीं सोचता? सच तो ये है कि अगर तुमने इस शादी से इंकार किया तो तुम्हारे पास रहने के लिए भी घर नहीं बचेगा!"


"मतलब?"


"मतलब ये कि मैंने तुम्हें 600 करोड़ में बेच दिया है!"


तान्या को लगा जैसे किसी ने उसकी पूरी दुनिया को झकझोर दिया हो। उसका अपना ही पिता... जिसने बचपन से उसे प्यार दिखाया, वही उसे बेच रहा था?


"पापा... आप मजाक कर रहे हैं, है ना?" उसकी आवाज़ काँप रही थी।


"नहीं। आर्यन के पिता ने तुम्हें मुझसे बचाने के लिए ये सौदा किया, क्योंकि मैं तुम्हें किसी और के हाथ बेचने जा रहा था। उन्होंने मुझे पैसे दिए ताकि तुम्हारी शादी एक सम्मानजनक घर में हो, लेकिन सच ये है कि मैंने तुम्हें अपनी जरूरतों के लिए बेचा है।"


तान्या की आँखों से आँसू बह निकले। "तो मैं एक सामान थी आपके लिए? एक सौदा?"


"तुम जितनी जल्दी इसे समझ लो, तुम्हारे लिए उतना ही अच्छा होगा।"


आर्यन की नफरत


उधर, राठौड़ हवेली में आर्यन भी इस शादी की खबर सुनकर आगबबूला था। उसने अपने पिता से बहस की।


"डैड, आप मुझसे बिना पूछे मेरी शादी कैसे तय कर सकते हैं?"


रणवीर राठौड़, जो अपनी धाकड़ शख्सियत और फैसलों के लिए जाने जाते थे, आराम से अपनी कुर्सी पर बैठे थे। उन्होंने एक ठंडी निगाह अपने बेटे पर डाली और बोले—


"क्यों? जब तुम बिजनेस में सौदे करते हो, तो क्या हर बार अपने दिल से पूछते हो? ये भी एक सौदा ही समझो।"


आर्यन की मुट्ठियाँ भिंच गईं। "लेकिन ये मेरी जिंदगी का सवाल है!"


रणवीर ने एक गहरी सांस ली। "तुम्हारी जिंदगी से ज्यादा, यह राठौड़ परिवार की प्रतिष्ठा का सवाल है। तान्या को अगर मैंने नहीं बचाया होता, तो उसके पिता उसे किसी और को 500 करोड़ में बेच देते। मैंने 600 करोड़ दिए, ताकि वो इस घर की बहू बने, न कि किसी और की रखैल।"


आर्यन को अपने पिता की ये बात सुनकर और भी गुस्सा आ गया। "तो आपने उसे इस घर की इज्जत बचाने के लिए खरीदा है?"


रणवीर ने बिना पलक झपकाए कहा, "बिल्कुल। और अब ये शादी होकर रहेगी।"


आर्यन की आँखों में नफरत और बढ़ गई। "मैं उस लड़की को कभी अपनी पत्नी नहीं मानूंगा!"


रणवीर ने हल्की हँसी के साथ सिर हिलाया। "तुम्हारे मानने या न मानने से कुछ फर्क नहीं पड़ता, बेटा। तुम चाहो या न चाहो, शादी होगी। और अगर तुमने इस शादी से इंकार किया तो मैं तुम्हें अपनी जायदाद से बेदखल कर दूँगा। फिर देखता हूँ कि तुम अपने घमंड के साथ कैसे जीते हो!"


आर्यन के चेहरे पर हल्की शिकन आई, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। उसने हमेशा अपने दम पर सब कुछ पाया था, लेकिन इस वक़्त उसकी सारी दुनिया उलट-पलट हो रही थी।


"ठीक है, डैड। मैं शादी करूँगा, लेकिन सिर्फ आपकी ज़िद के लिए। और ये मत सोचिए कि मैं उस लड़की से कभी प्यार करूँगा। मेरे लिए वो सिर्फ एक सौदे की चीज़ होगी—बस एक नाम की बीवी!"


रणवीर मुस्कुराए। "वक़्त ही बताएगा कि यह शादी एक सौदा थी या कोई किस्मत का खेल।"


आर्यन बिना कुछ कहे वहां से चला गया। उसकी आँखों में एक ठंडी नफरत थी, जो अब तान्या के लिए थी—उस लड़की के लिए, जो जल्द ही उसकी ज़िंदगी में एक बंधन की तरह आने वाली थी।



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