सैलाब भाग-20
सैलाब भाग-20
होली के दो दिन बाद जोहरा ने बच्चे को जन्म दिया कोशिकीपुर गांव में तरह तरह कि अफवाहें आम हो रही थी कोई कुछ कह रहा था तो कोई कुछ कोई कह रहा था की पागल का नाटक करवा कर घर मे नाजायज औरत रखने का बहाना अद्याप्रसाद खोज रहे थे वास्तव में अद्याप्रसाद के नाजायज सम्बंध पहले से थे उस औरत से वो तो बहाना खोज रहे थे उनके पास बेटी थी ही एक बेटा भी हो गया वंश चलाने के लिए पता नही बेटी कि शादी कहां करते और घर जमाई कैसा अद्याप्रसाद के घर का होता जो कोशिकीपुर के लिए अलग समस्या पैदा करता ।
कोई कहता नही भाई यह तो रजवन्त कि ही करनी धरनी है जिसे अद्याप्रसाद पड़ोसी होने के नाते निभा रहे है रजवन्त का बेटा बाढ़ में जबसे लापता हुआ है तब से वह हाथ पैर मार रहे थे जिसका नतीजा सामने है अद्याप्रसाद उसे ढक रहे है जितनी मुहँ उतनी बाते कोशिकीपुर गांव और जवार में फैल रही अफवाह से रजवन्त और अद्याप्रसाद अनजान नही थे लेकिन वह किसी के मुहँ नही लगते जो कुछ भी कहता सुनकर सिर्फ मुस्कुरा देते ।
जब करोटि को पता चला की उसकी निर्धारित योजना के अनुसार जोहरा ने उसके नाजायज औलाद को कोशिकीपुर में वह भी उसके दुश्मन नम्बर एक के घर मे ही जना है तो वह बहुत खुश हुआ और अपने पूरे गैंग के सभी सदस्यों को बुलाकर एक शानदार पार्टी दावत नाच गाने का आयोजन करने की योजना नवरात्रि की अवधि में रखने का फैसला किया नवरात्रि का शुभारंभ जब हो रहा था तब तक जोहरा का बच्चा दो माह का हो चुका होगा ।
दावत में करोटि ने कलकता से जंगेज खा आयशा एव मुंबई से उसके कारोबार के नए उत्साही युवा लेखराज को भी बुलाया जब कलकत्ता पुलिस को यह बात पता चली की जंगेज खान करोटि के बुलावे पर उससे मिलने जाने वाला है और आयशा भी साथ जा रही है फौरन कलकत्ता पुलिस ने सारी जानकारी बिहार पुलिस को भेज दिया कलकता पुलिस ने ट्रेन कोच नंबर एव अन्य सारे विवरण भी बिहार पुलिस को मुहैया कराते हुए बिहार पुलिस को आगाह किया कि सम्भव है करोटि को पुलिस की निगरानी कि बात पता हो और वह अंत समय मे ट्रेन से न जाकर सड़क मार्ग से कई वाहनों का उपयोग करता जाए बिहार पुलिस ने कलकत्ता से बिहार में प्रवेश करने वाले हर मार्ग पर निगरानी एव चेकिंग प्रक्रिया बढ़ा दी और बुरहानुद्दीन के नेतृत्व में जोगेश शमरपाल और जिमनेश जो करोटि को पहचानते थे एव उन सिपाहियों एव अधिकारियों को भी सम्मिलित किया जिन्होंने करोटि के पकड़े जाने पर इंट्रोगेशन किया था जेल ले गए थे कचहरी में पेश किया था ।
साथ यह भी सभी को हिदाययत थी कि करोटि को कोई पकड़ने कि कोशिश नही करेगा वह कहां जा रहा है सिर्फ उसका पीछा करेगा आयशा का कोई पीछा नही करेगा और यदि जंगेज पड़ोसी देश नेपाल जाता है तो पुलिस टीम भी जाए और सिर्फ जंगेज पर नजर रखे मिशन सिर्फ था करोटि किस वला का नाम है उसकी शिनाख्त करना ।
बिहार पुलिस ने नेपाल पुलिस से सम्पर्क करते हुए अपनी आशंका एव सहयोग के लिए सहमति बना लिया था पुलिस और जंगेज के बीच तू डाल डाल तो मैं पात पात का खेल चल रहा था अचानक कलकत्ता पुलिस ने बिहार पुलिस को नई सूचना भेजी करोटि ना रेल से जा रहा है ना सड़क मार्ग से करोटि हवाई मार्ग से सिधे काठमांडू जा रहा है और आयशा भी दूसरी फ्लाइट से जा रही है लेख राज तो अभी जरायम कि दुनियां में पैर ही रखा था वह मुंबई में काल गर्ल रैकेट का जाल भी पूरी तरह नही बना पाया था पुलिस उस पर नजर तो रखे हुए थी लेकिन बहुत तवज्जो नही दे रही थी ।
जब बिहार पुलिस की टीम को कलकत्ता पुलिस का संदेश मिला तो बिहार पुलिस की टीम बड़ी होशियारी से काठमांडू पहुंच गई ।
अपराध का पर्याय बन चुके करोटि की टीम के सभी प्रमुख सरगना काठमांडू पहुंच चुके थे बिहार पुलिस भी काठमांडू में ही मौजूद थी करोटि की टीम में कोई स्मगलिंग के कारोबार का प्रमुख था कोई अपहरण का कोई राजनीतिक अपराध का ठीकेदार था तो कोई कॉलगर्ल रैकेट चलाता था तो कोई असलहा का अवैध कारोबारी था सबके आने के बाद दावत पार्टी शुरू हुई करोटि की विशेषता यही थी की वह अपने ही गैंग के एक सरगना को दूसरे से नही मिलने देता इसीलिए उसने अपने अपराध की दुनियां के हर शाखा के लिए अलग अलग स्थानों पर अलग अलग समय तिथियों पर पार्टी निर्धारित कर रखा था जिसे सिर्फ वह जनता था और पार्टी में सम्मिलित होने वाले को इतना ही समय पूर्व स्थान समय कि सूचना करोटि भेजवाता जितने समय मे निर्धारित स्थान तक कोई पहुंच सकता था।
करोटि की पार्टियों का सिलसिला शुरू हुआ बिहार पुलिस के बहुत हाथ पैर मारने के बाद भी करोटि कि पहचान नही हो सकी हफ़्तों करोटि कि पार्टियों का दौर चलता रहा बिहार पुलिस अपना माथा पिट रही थी वह क्या करे क्या न करे लौट कर क्या जबाब देंगे विभाग के उच्च अधिकारियों को कहते है गुनाह अपने निशान अवश्य छोड़ जाती है अचानक करोटि होटल इंटरनेशनल इन से ज्यो ही बाहर निकला बाहर एक अधेड़ ने करोटि को अचानक पुकारा करोटि ने पीछे मुड़कर देखा तो कोशिकीपुर का उसके बचपन से गांव से बाहर निकाले जाने तक का दोस्त गुल्लर था .
करोटि ज्यो ही मुड़ा तभी सब इंस्पेक्टर बुरहानुद्दीन ने उसका फ़ोटो खिंच लिया फ्लैश का करोटि को अंदाज़ हुआ तो उसने अपने चारों तरफ देखा तो कोई नही करोटि बहुत शातिर अपराधी था अपराध कि दुनियां में उसके सामने किसी कि कोई हैसियत ही नही थी उसने बिना कोई और सवाल किए अपने बचपन के मित्र गुल्लर को बुलाया और बड़े प्यार से कहा दोस्त गुल्लर इतने दिनों बाद मीले हो चलो बैठकर इत्मीनान से बाते करते है गुल्लर को करोटि के शातिर दिमाग एव धोखे का कोई इल्म ही नही था वह करोटि के साथ उसकी कार में बैठ गया कुछ ही दूर जाने के बाद करोटि ने अपने बचपन के अजीज दोस्त गुल्लर कि हत्या बड़ी बेरहमी से कर दिया और गाड़ी सुन सान पहाड़ी पर ले जाकर पहाड़ी से नीचे धकेल दिया और खुद दूसरी गाड़ी में बैठकर चलता बना करोटि का फोटो मिलना जंगेज कि पुलिस में शिनाख्त बिहार पुलिस के पास अब इतने क्लू थे कि करोटि नाम कि वाला का स्थाई समाधान सम्भव था ।आयशा लेखराज जंगेज सब लौट गए करोटि ने दावत तो सबको दिया जिसने जो मांगा वह दिया लेकिन उसने किसी से यह नही बताया था की वह इतना पैसा पार्टियों पर किस खुशी में खर्च कर रहा है।
इंस्पेक्टर बुरहानुद्दीन ने लौट कर कैमरे की रील को साफ कराया जिससे करोटि कि पहचान पुख्ता हो गयी बिहार पुलिस को करोटि ने करोटि का कच्चा चिट्ठा खंगालना शुरू किया और कोशिकीपुर से लेकर अपराध कि दुनियां का बादशाह बनने तक के।करोटि के जीवन के एक एक पन्ने को पलटना शुरू किया ।