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Keshav Kaushik

Abstract

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Keshav Kaushik

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Sacha Desh Prem

Sacha Desh Prem

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काश यह एक दिन की देशभक्ती हमारी ज़िन्दगी में हर रोज़ की दिनचर्या बन जाती, तब हम वहां होते, जहाँ बाकी देशों की सोच भी नहीं जाती।  


क्या नहीं है हमारी सोच में, पर काश यह सोच सुधर जाती और इस देश के काम आती है


यह देश मेरा है, अगर यह बात सबकी समझ में आती, हम आपस में नहीं लड़ते, और दुश्मन देश की भी सोच बदल जाती।


आओ हम सब एक हो जायें, एक दिन की देशभक्ती की अपेक्षा हर रोज़ वन्दे मातरम गाए ।  


                                        


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