रोबोट
रोबोट


"भाभी, कोई लड़की देखो, मयंक अब शादी के लिए तैयार है, कोई ढंग की मिल जाए तो मार्च से पहले शादी कर दूंगी, जून में तो ये रिटायर हो जाएंगे, फिर ऐसा रुतबा कहाँ।"
अपने चिर परिचित अंदाज़ में गीता की ननद रमा ने चाय पीते-पीते कहा।
"कैसी लड़की चाहिए उसे, कुछ बताया उसने ? पता चले तो उसी हिसाब से देखें।" गीता ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा।
"उसने तो सब हम पर डाल दिया है, सीधी सादी चाहिए, नौकरी वाली या बिना नौकरी दोनों चलेगी पर कैरियर कंसियस ना बाबा ना, मेरा तो मानना है, नौकरी है तो ठीक नहीं है तो ठीक। कौन सा उसकी नौकरी से घर चलाना है।" रमा ने कहा।
"फिर भी दीदी, आज कल लड़कियां अपनी नौकरी के प्रति काफी सजग हैं। कौन छोड़ेगा अपनी लगी लगाई नौकरी ?"
"ना भाभी ! नौकरी की धोंस वाली लड़की तो नहीं चाहिए मुझे अपने मंकु के लिए...।"
"ये बोलो ना बुआ कि आपको भैया के लिए वाइफ नहीं बल्कि एक आपके इशारों पर चलने वाला रोबोट चाहिए..."
पास बैठे गीता के बेटे ने कहा...।