रंगीन होली
रंगीन होली
"सीमा ले ये रंग और पिचकारी लेकर जाना अपनी बेटी के लिए। "नई बहू ने मेड को नई पिचकारी और रंग के पैकेट देते हुए कहा।
"अरे शैली, नए क्यों दे रही हो। पिछली साल की पिचकारी रखी है न पीहू की और रंग के पैकेट भी खुले पड़े हैं। मैं तो हर साल वही देती हूं इसे। "शैली की जेठानी ने कहा।
"भाभी अगर पुराने भी देने हैं तो आप वो भी दे दीजिए। लेकिन जरा सोचिए, सीमा की बेटी भी तो अपनी पीहू जैसे ही बच्ची है न। उसका भी तो मन करता होगा नई पिचकारी लेने का। ये सब देखकर कितनी खुश होगी वो। "
सीमा ने शैली को धन्यवाद देते हुए कहा, इस बार आपने मेरी बेटी की होली रंगीन कर दी। हर साल उसे पुरानी पिचकारी से ही संतोष करना पड़ता था।