Rimjhim Agarwal

Drama

5.0  

Rimjhim Agarwal

Drama

होली के बहाने बदतमीजी नहीं

होली के बहाने बदतमीजी नहीं

3 mins
710


मम्मा इतनी सारी गुझिया क्यों बना रही हो कौन खायेगा। अरे तेरे दीदी जीजाजी आ रहे हैं न उनके लिए ही बना रही हूं। वाह मम्मा तब तो मजा आ जाएगा होली पर। सिया ने खुश होते हुए कहा। हां वो तो है अच्छा सुन साथ में रिया का देवर अनुज भी आ रहा है। अब वो क्यों आ रहा है मम्मा। मुझे वो बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता। दीदी की शादी में भी मेरे आस पास ही घूम रहा था। चुप कर तेरी दीदी का देवर है वो पहली बार आ रहा है उससे तमीज से पेश आना और कुछ भी ऐसा वैसा मत बोलना जिससे तेरे जीजाजी नाराज हो जाएं। मां की डांट सुनकर रिया बड़बड़ाते हुए कमरे में चली गई।

शाम में रिया अपने पति संजीव और देवर अनुज के साथ आ गई। सबने उनकी खूब आवभगत की। सिया भी अपनी दीदी और जीजाजी से मिलकर बहुत खुश हुई। अनुज ने उससे फ्लर्ट करने की कोशिश की तो सिया ने उसे भाव नहीं दिया सिर्फ दीदी से बात करती रही। यह देखकर अनुज ने फैसला किया कल होली के बहाने सिया को छेड़ने का।

दूसरे दिन सुबह सिया ने अपनी दीदी को रंग लगाया और जीजाजी को लगाने गई तो उन्होंने सिया से बस शगुन का टीका लगवाया और उसके गालों पर हल्का सा रंग लगाते हुए कहा तुम मेरी छोटी बहन हो सिया कभी भी कोई भी प्रॉब्लम हो मुझे आकर बताना बड़े भाई की तरह हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा मैं। दामाद के मुंह से यह सुनकर सभी बहुत खुश हो गए। सिया की मम्मी ने उसे रसोई से गुझिया लाने भेजा तो पानी पीने के बहाने अनुज भी उसके पीछे चला गया।

और पीछे से सिया को बांहों में भरते हुए उसके गालों पर रंग मलने लगा। सिया से जब सहन नहीं हुआ तो उसने अनुज को धक्का देते हुए एक थप्पड़ मारा और कहा कि अपनी मर्यादा में रहो अभी बाहर जाकर जीजाजी को तुम्हारी हरकत बताती हूँ।

बेशर्मी से हंसते हुए अनुज ने कहा होली में क्या मर्यादा वैसे भी तुम मेरे भैया की साली हो और मैं उनका सगा भाई। वो मेरा ही पक्ष लेंगे। बहन कहने से साली बहन नहीं बन जाती।

सिया रोते हुए बाहर जाकर संजीव को अनुज की हरकत बताती है। सिया की मम्मी उसे ही चुप रहने बोलती है। संजीव बिना कुछ बोले कमरे में चला जाता है। यह देखकर अनुज कुटिलता से सिया को इशारा करता है मैंने बोला था न। सिया भी यही सोचती है बहन कहने से क्या होता है आखिर अनुज है तो जीजाजी का सगा भाई ही न। थोड़ी देर में संजीव अनुज का सामान लाकर उसके मुंह पर फेंकते हुए कहते हैं कि वो अभी के अभी निकल जाए यहां से। अनुज ने अपना बचाव करते हुए कहा, भैया मैं आपका सगा भाई हूँ अपनी साली के लिए अपने भाई का अपमान आप कैसे कर सकते हैं। वैसे भी होली में थोड़ी बहुत छेड़छाड़ तो चलती ही है ना।

होली का मतलब ये नहीं अनुज की हम किसी लड़की की मर्यादा भूल जाएं। होली है कोई बदतमीजी का लाइसेन्स नहीं। थोड़ी देर पहले मैंने सिर्फ कहने के लिए सिया को छोटी बहन नहीं बोला था। और हां अगर सिया की जगह कोई और लड़की भी होती तो भी मैं तुम्हारे साथ ऐसा ही करता। अभी के अभी निकल जाओ यहां से। अनुज को भी अपनी गलती का एहसास हो गया था उसने सिया और परिवार से माफी मांगी और शर्मिंदगी से सर झुकाते हुए वहां से निकल गया। सिया और उसकी फैमिली को घर के दामाद पर गर्व था।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama